35 वॉं ज्ञानचंद्र स्मृति पुरस्कार समारोहपूर्वक संपन्न
दमोह। स्व. ज्ञानचंद्र श्रीवास्तव स्मृति पुरस्कार न्यास द्वारा ज्ञानचंद्र
श्रीवास्तव स्नातकोत्तर महाविद्यालय दमोह के सभागार में 35 वाँ ज्ञान
अलंकरण सम्मान कार्यक्रम समारोहपूर्वक आयोजित किया गया। समारोह के मुख्य
अतिथि भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र मुम्बई के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. ए.एन.
वर्मा थे, कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ समाजसेवी डॉ. केदार षिवहरे ने की।
कालेज के ऑडीटोरियम में आयोजित में भव्य एवं गरिमामय कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और स्व. ज्ञान साहब के चित्रों के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं माल्यार्पण द्वारा किया गया। सरस्वती वंदना नरेन्द्र अरजरिया एवं प्रियांषु सोनी ने गायन स्वरों में प्रस्तुत की। आयोजन समिति की ओर से मंचासीन अतिथियों का पुष्पहारों से स्वागत किया गया। न्यास का वार्षिक प्रतिवेदन सचिव पंकज हर्ष श्रीवास्तव ने प्रस्तुत किया और न्यास की विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।
स्व. ज्ञान साहब के व्यक्तित्व पर बोलते हुये डॉ. सी.एल. नेमा ने उन्हें बहुआयामी व्यक्तित्व की संज्ञा दी और कहा कि वे प्रकाषपंुज थे। मुख्य अतिथि के मान पत्र का वाचन प्राचार्य डॉ. आलोक सोनवलकर ने प्रस्तुत किया। वरिष्ठ चिंतक नरेन्द्र दुबे ने स्वाधीनता संग्राम में दमोह जिले के योगदान का उल्लेख करते हुये कहा कि आज का कार्यक्रम श्राद्धपक्ष में श्रृद्धा का पर्व है और हम सभी सैनानियों का ज्ञान साहब के माध्यम से स्मरण कर रहे हैं। कार्यक्रम में महाविद्यालय से सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ. के.पी. अहिरवार, डॉ. पी.के. बिदौल्या, डॉ. के.के. उमाहिया का मुख्य अतिथि वर्मा द्वारा शाल, श्रीफल एवं मान पत्र से सम्मान किया गया। मान पत्र का वाचन क्रमषः एड. अनुनय श्रीवास्तव और एड. आलोक श्रीवास्तव द्वारा किया गया। कार्यक्रम में 11 से अधिक मेधावी छात्र-छात्राओं को ज्ञान स्मृति पदक प्रदान किये गये।
समारोह को संबोधित करते हुये मुम्बई से पधारे वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. ए.एन. वर्मा ने कहा कि ज्ञान साहब के स्मरण की 35 वर्ष पुरानी परंपरा को गतिषील और गतिमान रखना अत्यंत प्रेरक कार्य है। अपनी विरासत पर गौरव करना हमारा विषिष्ट संस्कार है। ज्ञान साहब कर्मयोग के साधक थे। मुझे कार्यक्रम में भाग लेकर गौरव का अनुभव हो रहा है। भारत में परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में अनुसंधान और अन्वेषण का शानदार इतिहास है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी के समय भारत में भारी पानी बनाने की शुरूआत की गई। दुनिया में विद्युत को उत्पन्न करने को लेकर अनेक भ्रांतियाँ हैं परंतु परमाणु ऊर्जा एक बेहतर विकल्प है। अन्य थर्मल पावर प्लांट में बिजली पैदा करते समय 70 लाख टन कार्बनडाई आक्साईड और 45 हजार टन सल्फरडाई आक्साईड का प्रदूषण केवल एक हजार मेगावाट बिजली पैदा करने में होता है।
परमाणु ऊर्जा एक शानदार विकल्प है क्योंकि इस ऊर्जा से ग्रीन हाऊस क्षेत्र को नेट जीरो प्रदूषण होता है। देष में 1956 से परमाणु ऊर्जा विभाग, परमाणु ऊर्जा नियामक संस्थान और अनेक संस्थायें विभिन्न स्तर पर देष के ऊर्जा खपत के क्षेत्र में विषिष्ट योगदान कर रही हैं और अब तक दस हजार से ज्यादा परमाणु वैज्ञानिक देष को अपनी सेवायें दे चुके हैं। देष में कार्यरत चौबीस परमाणु बिजलीघर से लगभग आठ हजार एक सौ अस्सी मेगावाट बिजली का सफल उत्पादन होता है। ज्ञान अलंकरण से यह संदेष जाता है कि प्रोत्साहित करने पर देष में कलाम साहब, वैज्ञानिक भाभा और कल्पना चाँवला जैसे लोग पैदा हो सकते हैं। परमाणु ऊर्जा विभाग के अनेक विंग हैं जो देष के निर्माण में अखंड योगदान कर रहे हैं।
डॉ. वर्मा ने अपने प्रभावषाली उद्बोधन में उपस्थित विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुये कहा कि आप जैसा सोचेंगे वैसा ही बनेंगे। आचार्य श्रीराम शर्मा और स्वामी विवेकानंद को उद्धृत करते हुये उन्होंने कहा कि आपको अपने लक्ष्य और सपने को निर्धारित करना चाहिये। इसके लिये तीन सौपान हैं पहला आप क्या कर रहे हैं, दूसरा आप अपने कार्य को प्रेम करते हैं और तीसरा आप जो कार्य कर रहे हैं उस पर विष्वास रखिये। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपको सौ प्रतिषत सफलता मिलना तय है। आपका स्कूल और महाविद्यालय विद्या का मंदिर है इस पर आपको सदैव गर्व होना चाहिये।स्वच्छता ही सेवा अभियान अंतर्गत मेगा ड्राइव कार्यक्रमों का समापन.. दमोह। मेरा युवा भारत ;माय भारत अभियान के तहत प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्सीलेंस ज्ञानचंद श्रीवास्तव शासकीय स्नातकोत्तर महा विद्यालय में स्वच्छता ही सेवा अभियान के अंतर्गत मेगा ड्राइव कार्यक्रमों का आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा विगत 17 सितंबर से चलाया जा रहा था जिस का समापन आज 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी जी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती के अवसर पर उत्साह पूर्वक किया गया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ पीके जैन द्वारा महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर राष्ट्रीय सेवा योजना के वॉलिंटियरों द्वारा सतत रूप से प्रतिदिन किए गए स्वच्छता के विविध आयोजनों जिनमें स्वच्छता रैली स्वच्छता शपथ दीवार लेखन द्वारा स्वच्छता का संदेश स्वच्छता के नारे स्लोगन मानव श्रृंखला आदि द्वारा किए गए कार्यों को गांधी जी के स्वच्छ भारत के स्वप्न को पूरा करने में राष्ट्रीय सेवा योजना को मील का पत्थर बताते हुए वॉलिंटियरों को प्रोत्साहित किया गया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना के जिला संगठक डॉ जितेंद्र कुमार चौधरी कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र धाकड़ नाज़नीन बेगम तथा अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के विशाल पालीवाल द्वारा महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी स्वच्छता की वीडियो क्लिप दिखाई गई तथा राष्ट्रीय सेवा योजना वॉलिंटियरों से महात्मा गांधी के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण पक्षों पर क्विज प्रतियोगिता भी आयोजित की गई एवं महात्मा गांधी जी के जीवन से जुड़ी प्रदर्शनी दिखाकर महात्मा गांधी की स्वच्छता संबंधी कार्यों से वॉलिंटियरों को अवगत कराया गया।
वॉलिंटियरों द्वारा महाविद्यालय के विभिन्न स्थानों पर पड़े कचरे के ढेर को साफ किया गया तथा स्वच्छता के प्रचार.प्रसार हेतु माई भारत लोगों वाली टोपी एवं दस्तानों के माध्यम से स्वच्छता की अनिवार्यता को प्रदर्शित किया गया तथा डायरी एवं पेन द्वारा स्वच्छता से संबंधित विचारों को लिखा गया। इस अवसर पर एनसीसी कैप्टन डॉ केएस बामनिया महाविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ केके कोरी इको क्लब प्रभारी डॉ मीरा माधुरी महंत डॉ अनिल जैन सहित महाविद्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारियों सहित अधिक संख्या में वॉलिंटियरों ने भाग लिया।
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