आचार्य श्री निर्भय सागर का पुनः मंगल प्रवेश..
दमोह। परम पूज्य वैज्ञानिक संत आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज का जबलपुर नाका मंदिर में भव्य मंगल प्रवेश हुआ। प्रवेश के समय जैन श्रावकों ने अपने दरवाजे दरवाजे के सामने रंगोली बनाई। आचार्य श्री के पाद प्रक्षालन किए। आरती की एवं अर्ध चढ़ाकर नमन करके अपने आप को धन्य माना। आचार्य श्री के आगमन पर जन-जन में अपार खुशी उमंग और उत्साह देखने को मिला। पूरे मार्ग में जयकारों से आकाश को युवक युवतियां गुंजायमान करते रहे।
जैन समाज के सभी लोग गाजे-बाजे के साथ आचार्य श्री को लेने 2 किलोमीटर दूर तक पहुंचे। आचार्य श्री ने सभी को मंगल आशीर्वाद प्रदान किया। इसके पूर्व आज प्रातः पिपरिया साहनी ग्राम में आचार्य श्री के ससंघ के आहार हुए एवं मंगल प्रवचन हुए। आचार्य श्री ने कहा मार्ग चलने के लिए होता है देखने पढ़ने अथवा बैठने के लिए नहीं। मार्ग की शोभा तभी है जब उस मार्ग पर यात्री चलते हैं। यदि मार्ग पर नहीं चलेंगे तो घास फूस उग आएगी। आज मोक्षमार्ग का उपदेश देने वाले बहुत हैं लेकिन चलने वाले उंगलियों पर गिनने वाले बहुत कम हैं। चलने वाला व्यक्ति मंजिल प्राप्त कर लेता है।
आचार्य श्री दिगंबर जैन मंदिर जबलपुर नाका दमोह में लगभग 15 दिन विराजमान रहेंगे वहां शीतकालीन बचना होगी प्रतिदिन प्रातः 8ः45 बजे से मंगल प्रवचन 2ः45 बजे से समयसार ग्रंथ वाचना होगी। शाम 5ः30 बजे गुरु भक्ति शंका समाधान एवं बच्चों की धार्मिक क्लास लगाई जाएगी।
कुंडलपुर में 24 दिसंबर को होगी भव्य मुनि दीक्षा
दमोह। कुंडलपुर में आगामी 24 दिसंबर को आचार्य वर्धमान सागर जी महाराज के द्वारा ब्रह्मचारी शशांक शालू भैया को भव्य मुनि दीक्षा प्रदान की जाएगी मुनि दीक्षा का यह भव्य कार्यक्रम कुंडलपुर के विद्या भवन में 24 दिसंबर को दोपहर 1 बजे से आयोजित किया जावेगा। उपरोक्त जानकारी कुंडलपुर क्षेत्र कमेटी के प्रचार मंत्री सुनील वेजिटेरियन ने प्रदान करते हुए बताया कि खिमलासा के शशांक शालू भैया अनेक वर्षों से साधना रत है उनकी साधना से प्रभावित होकर आचार्य वर्धमान सागर जी महाराज ने कुंडलपुर की पावन धरा पर मुनि जनेश्वर दीक्षा देने का निर्णय लिया है।
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