हम शपथ लेते हैं कि नशे से दूर रहेंगे.. दमोह।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर ग्राम कंजरा में संचालित संस्कार केंद्र के
बच्चों द्वारा आज शपथ ली गई कि हम और हमारे परिवार को नशे से दूर रखेंगे।
मप्र जन अभियान परिषद एवं पथ फाउंडेशन के नेतृत्व में संचालित
संस्कार केंद्र में आज बच्चों ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया एवं संदेश
दिया कि नशा जीवन का नाश है और हमें इससे दूर रहना है और दूसरों को भी दूर
रखना है।
संस्कार केंद्र शिक्षक धीरज सिंह ने सभी बच्चों को नशे के
दुष्परिणाम बताएं एवं सभी को नशा मुक्ति पुस्तक भी वितरित की। वही पथ
फाउंडेशन के पदाधिकारी महेंद्र ताम्रकार एवं रामकृष्ण पटेल ने नगर में चल
रहे निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों के बीच पहुंचकर नशा मुक्ति अभियान से
जुड़ने की बात कही एवं नशा पर हम कितना पैसा बर्वाद करते हैं इसकी जानकारी
दी जिसे सुन कर मजदूर चौक गय, नशा हमारे शरीर को तोड़ता है और परिवार को
बर्बाद कर देता है नशे से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होती है जिसका चित्र भी
मजदूरों को दिखाए गए और भविष्य में नशा न करने की शपथ दिलाई गई।
KN कालेज में विश्व तंबाकू निषेध दिवस का आयोजन.. दमोह। शासकीय कमला नेहरू महिला महाविद्यालय में विश्व तंबाकू निषेध दिवस का आयोजन प्राचार्य डा.रेखा जैन के निर्देशन में
किया गया किया। जिसका मुख्य उद्देश्य समाज में युवाओं एवं बच्चों को तंबाकू
से बने उत्पादों के सेवन से होने वाली गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर टीवी
हृदय रोग आदि से बचाव करने के लिए जन जागृति लाना है।
जिसमें वर्ष 2024 के
लिए स्वास्थ्य संगठन की थीम -"बच्चों को तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से
बचाना है।"विषय पर निबंध पोस्टर एवं स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
जिसमें महाविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. एन. पी. नायक, कार्यक्रम के
मार्गदर्शक डॉ. अवधेश जैन,डॉ. मुदिता प्रवीण श्रीवास्तव, डॉ. मालती नायक,
डॉ. पूजा जैन, श्रीमती नयनतारा, डॉ. दिनेश पटेल, डॉ. हरनाम सिंह डॉ. संगीता
जग्गी, आरती सोनी एवं संयोजक श्रीमती सुरेखा बडोले एवं समिति सदस्य डॉ.
शिरीन खान, डॉ. आभा अग्रवाल, डॉ इंदु यादव एवं समस्त स्टाफ एवं छात्राओं की
उपस्थिति रही..
असाटी समाज की महिलाओं,बच्चों का समर कैंप आज से.. दमोह। शहर
के असाटी वार्ड नंबर एक संस्कार भवन में असाटी महिला मंडल समिति के द्वारा
विगत वर्षों की तरह इस वर्ष भी समाज की महिलाओं,बच्चों के लिए तीन दिवसीय
समर कैंप का आयोजन 1 से 3 जून तक किया जा रहा है जिसमें महिलाओं एवं
नवयुवती के लिए डांस प्रशिक्षण श्रीमती प्रीति संतोष असाटी एवं आइसक्रीम
प्रशिक्षण श्रीमती त्रिशला प्रशांत असाटी के द्वारा एवं इसके साथ बच्चों
को कैलीग्राफी का प्रशिक्षण श्रीमती नेहा भूपेंद्र असाटी के द्वारा दिया
जाएगा यह प्रशिक्षण महिला समिति के द्वारा समाज हित में महिलाओं एवं बच्चों
के लिए पूर्णता निशुल्क रखा गया है।
सद्गुरु मिल जाए तो समझ लेना कि गोविन्द का इशारा है कि गुरु तो आ गए हैं: किशोरी वैष्णवी गर्ग जी
दमोह।
हिरदेपुर में घनश्याम पटेल एवं डॉ मनीष पटेल द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत
महापुराण कथा में आज किशोरी वैष्णवी गर्ग जी ने बताया जब आपके जीवन में
आपको सद्गुरु मिल जाए तो समझ लेना कि अब ये गोविन्द का इशारा है कि गुरु तो
आ गए हैं अब गोविन्द भी आने वाले हैं। अब उनकी भी कृपा होने वाली है। सद्
ये शब्द कोई सस्ता नहीं है ये कोई खरवड हुआ शब्द नहीं है “सद्गुरु” सद्गुरु
दीन्ही ऐसी नजरिया, हर कोई लागे मीत रे …ये दृष्टि सिर्फ सद्गुरु से ही
प्राप्त हो सकती है। इसलिए जब जीवन में सद्गुरु धारन हो जाये तो समझ लेना
अब प्रभु बहुत प्रसन्न है हमसे हम पर भी कृपा बरसने लगी हैं। सप्त दिवसीय
श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस में *पूज्या किशोरी वैष्णवी गर्ग जी* ने
अपनी मधुर वाणी से श्रवण कराते हुए कहा कि जीव जन्म लेते ही माया में लिपट
जाता है। और माया में लिपट जाने के कारण जीव अपने कल्याण के लिए कुछ नहीं
कर पाता। वह जैसे जैसे कर्म करता जाता है वैसे वैसे फल उसे भोगने पड़ते हैं।
बताया
के मृत्यु के बाद जीव को 28 नरकों में से अपने कर्म के अनुसार किसी को
भोगना पड़ता है तामिस्, अंध्र तामृस्, शैरव, माहरोख, काल असि पत्रवन इत्यादि
28 प्रकार के नरक हैं। और फिर अजामिल उपाख्यान की कथा, अजामिल जिसने जीवन
भर पाप कर्म किये हर प्रकार से वह दुष्कर्मी था मगर घर आये संतों की एक बात
मान कर अपने पुत्र का नाम उसने नारायण रख दिया और जीवन के अंत समय में
अपने पुत्र के प्रति मोह के कारण नारायण नारायण पुकारने के कारण ही उसे जो
यमदूत लेने आये थे वो उसे यमलोक न ले जा सके और वह गौलोक वासी हुआ।
तात्पर्य ये है की जीव को भगवान् नाम के प्रति सच्ची आस्था रखनी चाहिए। फिर
वह नाम चाहे आलस में ले या भाव से ले। इसके बाद देवीजी ने गुरु और शिष्य
के बंधन पर प्रकाश डाला कहा कि सच्चे गुरु और शिष्य के सम्बन्ध का उद्देश्य
सिर्फ भगवद् प्राप्ति होती है, जो शिष्य अपने सद्गुरु की अंगुली पकड़ कर
भक्ति करता है निश्चित ही वह भगवान् को पा लेता है।
इसके
पश्चात सुखदेव ने राजा परीक्षित को सृष्टि प्रकरण का वर्णन श्रवण कराया की
कैसे कैसे इस सृष्टि की रचना हुई और कथा विश्राम से पूर्व भगवान् के सबसे
कम उम्र के भक्त प्रह्लाद महाराज की कथा सुनाई। प्रह्लाद जी जो मात्र 5
वर्ष की उम्र में भगवान को पाने के लिए अकेले जंगल में चले गए। उन्हें
स्वयं नारद जी ने गुरु बन कर जाप मंत्र दिया। और इस मंत्र का जाप करते हुए
जब भक्ति की सबसे ऊंची स्थिति पर प्रह्लाद पहुंच गए तब स्वयं नारायण ने
पधारकर प्रह्लाद जी को दर्शन दिए। साथ ही साथ हरिनाम नाम के जाप पर विशेष
चर्चा करते हुए बताया की हरि नाम सर्वोपरि हैं, मनुष्य को हरिनाम नहीं
भूलना चाहिए। इस प्रकार कथा के प्रसंगों को कह के कथा के तृतीय दिवस को
विश्राम दिया गया। कल कथा के चतुर्थ दिवस में भगवान्
के भक्तो की कथा और भगवान् के 24 अवतारों में से विशेष श्री वामन अवतार और
भगवान् राम जन्म की कथा व श्रीकृष्ण जन्मोत्सव् मनाया जाएगा।
श्री शिव शनि हनुमान मंदिर में मनाई जाएगी शनि जयंती.. दमोह।
ज्येष्ठ मास में 6 जून 2024 को शनि जयंती के साथ ज्येष्ठ अमावस्या एवं वट
सावित्री व्रत के तीन-तीन शुभ संयोग बन रहे हैं। एक साथ तीन योग बनना
भक्तों व श्रद्धालुओं के लिए शुभ फलदायक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार
शनि देव का जन्म ज्येष्ठ अमावस्या के दिन हुआ था। इसलिए प्रतिवर्ष जेष्ठ
मास की अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है। मान्यता है कि शनि जयंती के
दिन शनि देव की विधि विधान से पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए कार्यों में सफलता प्राप्त होने की मान्यता
है। इसी परिपेक्ष में एसपीएम नगर स्थित शिव शनि हनुमान मंदिर में
भी शनि जयंती के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना का कार्यक्रम आयोजित किया गया
है।शुभ योग का सयोंग ;- शनि जयंती के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग शाम 07
बजकर 54 मिनट से शुरू होकर गुरुवार 6 जून को शाम 6रू07 तक रहेगा। शनिदेव को
प्रसन्न करने के लिए शुभ मुहूर्त में पूजन करना उत्तम रहेगा। इस योग में
शुभ मांगलिक कार्यों को करना बेहद उत्तम माना जाता है।
शनि देव पूजा
विधि - एसपीएम नगर स्थित श्री शिव शनि हनुमान मंदिर के पुजारी पं बालकृष्ण
शास्त्री एवं आचार्य पं आशुतोष गौतम शास्त्री के अनुसार शास्त्रों में शनि
जयंती पर शनिदेव की पूजा अर्चना करने का विशेष महत्व है। इस दिन सुबह
जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं। इसके बाद शनि देव की मूर्ति पर
तेल, माला और प्रसाद आदि अर्पित करें। शनि देव के चरणों में काली उड़द और
तिल चढ़ाये। इसके बाद तेल का दीपक जला का शनि चालीसा का पाठ करें। इस दिन
व्रत करने वालों पर शनि देव की विशेष कृपा होती है। शनि जयंती के दिन किसी
गरीब निर्धन को दान करना चाहिए ,कहते हैं कि ऐसा करने से जीवन के सभी
संकटों से मुक्ति मिलती है। शास्त्रों के अनुसार शनि देव जातक को उसके
कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या में व्यक्ति को
उसके कर्म के साथ से फल मिलते हैं। अमावस्या विशेष फलदायी रू- पं
बालकृष्ण शास्त्री एवं पं आशुतोष गौतम शास्त्री के अनुसार अमावस्या तिथि
पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान , श्राद्ध आदि के लिए विशेष फलदाई मानी
जाती है।
बट सावित्री व्रत - बट सावित्री के दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखने के साथ वट वृक्ष की पूजा करती हैं। अखंड सौभाग्य की प्रार्थना के साथ कथा भी पड़ती हैं।
शनि मंदिर में होंगे आयोजन - एसपीएम नगर स्थित श्री शिव शनि हनुमान मंदिर में शनि जयंती के अवसर पर 6 जून को विशेष आयोजन किए जा रहे हैं। इस अवसर पर जहां शनि देव का पूजन अर्चन अभिषेक आदि किया जाएगा। वहीं शाम 5 बजे से हवन के पश्चात महा आरती का आयोजन भी किया जाएगा तत्पश्चात भंडारा का आयोजन भी किया गया है। समिति ने सभी भक्तजनों से अधिक से अधिक संख्या में शनि मंदिर पहुंचकर धर्म लाभ लेने की अपील की है।
बट सावित्री व्रत - बट सावित्री के दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखने के साथ वट वृक्ष की पूजा करती हैं। अखंड सौभाग्य की प्रार्थना के साथ कथा भी पड़ती हैं।
शनि मंदिर में होंगे आयोजन - एसपीएम नगर स्थित श्री शिव शनि हनुमान मंदिर में शनि जयंती के अवसर पर 6 जून को विशेष आयोजन किए जा रहे हैं। इस अवसर पर जहां शनि देव का पूजन अर्चन अभिषेक आदि किया जाएगा। वहीं शाम 5 बजे से हवन के पश्चात महा आरती का आयोजन भी किया जाएगा तत्पश्चात भंडारा का आयोजन भी किया गया है। समिति ने सभी भक्तजनों से अधिक से अधिक संख्या में शनि मंदिर पहुंचकर धर्म लाभ लेने की अपील की है।
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