पूजनार्चन के साथ भव्य शोभायात्रा में हजारों की उपस्थिति
दमोह/भगवान
विष्णु के छठवें अवतार भगवान परशुराम के प्रकटोत्सव के अवसर पर देश भर
विविध प्रकार के धार्मिक आयोजन हुये। दमोह में भी प्रतिबर्ष की भांति जहां
परशुराम टेकरी पर पूजनार्चन किया गया तो वहीं सिविल वार्ड में स्थित अति
प्राचीन शिव पार्वती मंदिर में सुंदरकांड पाठ एवं हवन किया गया। संध्या के
समय एक भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया। सर्व ब्राम्हण समाज के बेनर तले
आयोजित उक्त भव्य समारोह में हजारों की संख्या में विप्रों की उपस्थिति
रही।
परशुराम का स्वरूप रहा आर्कषण का केन्द्र.. भगवान
परशुराम प्रकोटोत्सव के अवसर पर आयोजित शोभायात्रा में झांकियां भी निकाली
गयीं जिसमें प्रमुख आर्कषण का केन्द्र रही भगवान परशुराम के स्वरूप की
झांकी जिसको देखकर लोग प्रशंसा कर रहे थे। ज्ञात हो कि पिछले अनेक बर्षो से
यह झांकी श्रीवैष्णव परिवार की ओर से निकाली जाती है। जिसमें पत्रकार एवं
रंगकर्मी पं.डा.एल.एन.वैष्णव भगवान परशुराम के स्वरूप में नजर आते हैं।
चेहरे पर क्रोध हाथ में फरशा एवं धनुष लिये पूरे यात्रा मार्ग में लगातार
भाव भंगिमाओं को बदलते हुये देखे गये। विदित हो कि होने वाले धार्मिक
आयोजनों में डा.वैष्णव पवनपुत्र हनुमान,शिव,वामनदेव,नरसिंह के स्वरूपों में
देखे जाते हैं।
पारंपरिक परिधानों में नर-नारियों के साथ बच्चों में दिखा उत्साह..भगवान
परशुराम की भव्य शोभायात्रा में सनातन धर्म की मान्यताओं एवं भारतीय
परंपराओं के अनुसार हजारों की संख्या में उपस्थित नर-नारियों एवं बच्चों को
पारंपरिक परिधानों में देखा गया। मस्तक पर विशाल त्रिपुंड एवं पगडी के साथ
पुरूष एवं मातृशक्ति अपनी संस्कृति के अनुरूप वेश भूषा में चल रहीं थी।
भजनों के साथ वाद्य यंत्रों की धुन पर नृत्य एवं शंख घडियालों के साथ
जयकारों से मार्ग गूंजता रहा।
भव्य शोभा यात्रा जगह-जगह स्वागत-.भगवान
श्री विष्णु के छठवें अवतार श्री परशुराम के प्रकट उत्सव के अवसर पर
संध्या भव्य शोभा यात्रा सिविल वार्ड स्थित शिव पार्वती मंदिर से प्रारंभ
होकर कोऑपरेटिव बैंक चौराहा, बस स्टैंड,स्टेशन चौराहा, राय तिराहा, एवरेस्ट
तिराहा, घंटाघर, अंबेडकर चौक एवं कोऑपरेटिव बैंक होते हुए वापस जो पार्वती
मंदिर पहुंची।
तत्पश्चात यहां पर यात्रा का भव्य स्वागत किया गया एवं और
प्रसाद वितरण भंडारा आयोजित किया गया। शोभा यात्रा का जगह-जगह विभिन्न
सामाजिक,राजनैतिक संगठनों के द्वारा भव्य स्वागत किया गया। सर्व ब्राह्मण
समाज के बेनर तले हजारों की तादाद में विप्र बंधुओं को सपरिवार शोभायात्रा
में सम्मिलित होकर धर्म लाभ अर्जित किया।
सर्व हिन्दू समाज ने विप्र पूजन दिवस के रूप में मनाया भगवान परशुराम जन्मोत्सव एवं अक्षय तृतीया..
दमोह। सर्व हिन्दू समाज के सयोंजक विक्रांत गुप्ता ने भगवान परशुराम
जन्मोत्सव एवं अक्षय तृतीया के शुभ अवसर को विप्र पूजन दिवस के रूप में
मनाया पूज्य ब्राम्हणों के चरण प्रक्षालन कर, तिलक पुष्पाहार से
स्वागत किया, उपरांत बाल भोग, फलाहार से संतुष्ट कर आशीष प्राप्त किया। मोरगंज गल्ला मंडी राम मंदिर में इस
मौके पर सर्व हिंदू समाज के पदाधिकारी के द्वारा बड़ी संख्या में एकत्रित
होकर पहले भगवान का पूरे विधि विधान के साथ पूजन पाठ किया गया उसके बाद सभी
संगठन के लोगों के द्वारा विप्र
बांधों का स्वागत एवं सम्मान किया गया। जिसमें सभी प्रबंध को तिलक लगाया
गया एवं उनके चरण छूकर आशीर्वाद प्रदान किया गया।
संगठन के पदाधिकारी
विक्रांत गुप्ता के द्वारा बताया गया कि भगवान परशुराम के जन्म उत्सव को
बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है वही आज के दिन अक्षय तृतीया का शुभ दिन
होता है। इस दिन ब्राह्मणों एवं संत जनों का आशीर्वाद लेना अति शुभ माना
जाता है इसी के चलते हुए सर्व हिन्दू समाज के द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन
किया गया था कार्यक्रम के समापन में बड़ी संख्या में संगठन के लोगो की
उपस्थिति रही वही सर्व हिंदू समाज के द्वारा शाम के समय भगवान परशुराम की
शोभायात्रा का भी भव्य स्वागत किया गया जिसमें बड़ी संख्या में पदाधिकारी
के द्वारा एकत्रीकरण होकर जुलूस पर पुष्प वर्षा की गई एवं जुलूस में आए हुए
लोगों को जल एवं तिलक लगाकर उनका स्वागत किया गया
सनातनीय
ब्राह्मण मातृशक्ति सेवा संगठन द्वारा कार्यक्रम.. दमोह।
चिरंजीवी आराध्य देव भगवान परशुराम जी के प्रकट उत्सव पर दमोह के सनातनीय
ब्राह्मण मातृशक्ति सेवा संगठन द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस
अवसर पर सभी मातृ शक्तियों ने उत्साहपूर्वक अपने भगवान श्री परशुराम जी का
पूजन अर्चन किया।
श्रीमती संगीता श्रीधर ने भगवान पर माल्यार्पण कर
श्री भगवान परशुराम जी को सर्वशक्तिमान की संज्ञा दी। और वही नीता मिश्रा
ने अपने उद्बोधन में कहा भगवान श्री परशुराम को भगवान विष्णु के छंटवे
अवतार भी है उन्हें कोई पराजित नहीं कर सकता। इस कार्यक्रम का आयोजन
श्रीमती राहुल चतुर्वेदी द्वारा किया गया, इस कार्यक्रम में साधना दुबे का
सम्मान किया गया।
इस कार्यक्रम में मंजू कटारे एवं सभी मातृ शक्तियों ने अपने विचार रखें। कार्यक्रम में अर्चना दुबे, कल्पना व्यास, सुनीता मिश्रा, रश्मि तिवारी, रजनी तिवारी, रीता मिश्रा, मंजू शर्मा, वंदना शर्मा, पूजा दुबे, कीर्ति, निधि, सविता एवं अन्य सदस्यों की उपस्थिति रही। संचालन श्रीमती मेघा पाठक ने किया एवं आभार पदमा दुबे द्वारा व्यक्त किया गया।
इस कार्यक्रम में मंजू कटारे एवं सभी मातृ शक्तियों ने अपने विचार रखें। कार्यक्रम में अर्चना दुबे, कल्पना व्यास, सुनीता मिश्रा, रश्मि तिवारी, रजनी तिवारी, रीता मिश्रा, मंजू शर्मा, वंदना शर्मा, पूजा दुबे, कीर्ति, निधि, सविता एवं अन्य सदस्यों की उपस्थिति रही। संचालन श्रीमती मेघा पाठक ने किया एवं आभार पदमा दुबे द्वारा व्यक्त किया गया।
कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ.. दमोह।
रूद वाले हनुमान मंदिर महंत श्री गजेन्द्र पुरी श्री पंचदश नाम जूना
अखाड़ा आश्रम कुंडलपुर में आयोजन 10 मई से 16 मई तक श्रीमद् भागवत महा
पुराण पवित्र वैशाख मास में जलस्त्रोत से जल भरने के साथ शुरू हुई कलश
यात्रा में बड़ी संख्या में महिला ग्रामीण श्रद्धालु शामिल रहे कथा आयोजन
स्थल पर धार्मिक विधि एवं मंत्रोच्चरण के साथ स्थापित किया गया। आरती के
साथ शुरू किए गए श्रीमद् भागवत कथा में *कथा व्यास किशोरी वैष्णवी गर्ग जी*
ने उपस्थित श्रद्धालुओं को सर्वप्रथम इसकी महिमा से अवगत कराया।
किशोरी
जी ने बताया कि विश्व में सभी कथाओं में ये श्रेष्ठ मानी गई है। जिस स्थान
पर इस कथा का आयोजन होता है, वो तीर्थ स्थल कहलाता है। इसका सुनने एवं
आयोजन कराने का सौभाग्य भी प्रभु प्रेमियो को ही मिलता है। ऐसे में अगर कोई
दूसरा अन्य भी इसे गलती से भी श्रवण कर लेता है, तो भी वो कई पापों से
मुक्ति पा लेता है। इसलिए सात दिन तक चलने वाली इस पवित्र कथा को श्रवण
करके अपने जीवन को सुधारने का मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहिए। अगर कोई
सात तक किसी व्यवस्तता के कारण नहीं सुन सकता है, तो वह दो तीन या चार दिन
ही इसे सुनने के लिए अपना समय अवश्य निकालें।
तब भी वो इसका फल प्राप्त
करता है, क्योंकि ये कथा भगवान श्री कृष्ण के मुख की वाणी है, जिसमें उनके
अवतार से लेकर कंस वध का प्रसंग का उल्लेख होने के साथ साथ इसकी व्यक्ति के
जीवन में महत्ता के बारे में भी बताया गया है। इसके सुनने के प्रभाव से
मनुष्य बुराई त्याग कर धर्म के रास्ते पर चलने के साथ साथ मोक्ष को प्राप्त
करता है। किशोरी जी ने बताया कि इस कथा को सबसे पहले अभिमन्यु के बेटे
राजा परीक्षित ने सुना था, जिसके प्रभाव से उसके अंदर तक्षक नामक नाग के
काटने से होने वाली मृत्य़ु का भय दूर हुआ और उसने मोक्ष को प्राप्त किया
था। मुख्य यजमान समस्त ग्रामीण बासियो ने कथा श्रवण करने की अपील की है।
अक्षय तृतीया पर रोहन जैन ने किया रक्तदान.. दमोह।
हिंदू धर्म मे अक्षय तृतीया का विशेष महत्व है। इस दिन बिना मुहूर्त देखें
शुभ और मांगलिक कामों को करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती
हैशास्त्रों के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन दान देने से कई गुना अधिक फलों
की प्राप्ति होती है। ऐसे ही इस शुभ दिन में नवग्रहों की शांति के लिए भी
जान दे सकते हैं। इस दिन कुछ चीजों का दान देने से नवग्रह शांत होते हैं। इस दिन दिए गए दान का कभी भी क्षय नहीं होता है।
शास्त्रों के अनुसार,
अक्षय तृतीया के दिन दान देने से कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति होती है।
ऐसे ही इस शुभ दिन में नवग्रहों की शांति के लिए भी दान दे सकते हैं। इस
दिन कुछ चीजों का दान देने से नवग्रह शांत होते हैं। इसी दान के दिवस अक्षय
तृतीया पर एक रक्त जरुरतमंद व्यक्ती ज्ञानी भैया अहिरवार को रोहन जैन कौशल
ने मित्र कार्तिक शेलार, रोहित जैन, आयुष जैन, शिवम नेमा के साथ रक्त दान
कर मदद की एवं अन्य लोगों को रक्त दान करने के लिए प्रोत्साहित किया।
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