कार्यक्रम में सम्पूर्ण दमोह जिले के ग्रामीण क्षेत्रो के गणमान्य नागरिको की उपस्थिति रही। डॉ.केपी अहिरवार प्रदेश महासचिव, डॉ.एलआर सुमन संभागीय अध्यक्ष, डॉ. आरपी अहिरवार, महेन्द्र कुमार बौद्व जिलाध्यक्ष, रेवाराम मिस्त्री तेन्दुखेड़ा, सुंदरलाल अजीतपुर, अमित कुमार पटेल, नारायण प्रसाद बांसा, गुठ्ठेलाल, रमेश सगोरिया, दरबारीलाल, रामनाथ पिपरिया, लक्ष्मण नारायन, बाबूलाल, नत्थू, तुलसीराम, बेनी प्रसाद बालाकोट, हरिदास, लखनलाल, सीतारानी, कालूराम आदि हजारो की संख्या में गुरूप्रेमियो की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का सफल संचालन जिलाध्यक्ष मुकेश अहिरवार द्वारा किया गया।धूमधाम से मनाई केवट जयंती तेंदूखेड़ा में भव्य शोभायात्रा.. दमोह।
दमोह जिले में रायकवार माझी समाज दमोह के द्वारा प्रभु राम सखा और माझी
समाज के आराध्य देव भगवान केवटराज महाराज जी की जयंती का पर्व धूम-धाम के
साथ मनाया गया। इसी कड़ी में दमोह के घंटाघर पर विराजमान भगवान प्रभु
श्रीराम और केवटराज महाराज जी का आरती पूजन अर्चन किया गया। साथ ही ग्राम
सलैया में संभागीय अध्यक्ष राकेश धुरिया के नेतृत्व में केवट जयंती का पर्व
धूम-धाम के साथ मनाया गया। इस दौरान रायकवार माझी समाज के ग्रामीण जिला
अध्यक्ष मोंटी रायकवार ने स्वजातीय बंधुओं को संबोधित करते हुए कहा कि लोग
हमारी समाज के लिए तोड़ने का काम करते हैं। हमारे लिए समाज को जोड़ने का
कार्य करना है। उन्होंने कहा कि मांझी, केवट, कहार, निषाद, बर्मन रायकवार ही
ढीमर जाती हैं। हम सभी को मिलकर रहना है। तो लोग हमारे लिए तोड़ नहीं सकते
हैं।
तेंदूखेड़ा में समाज के अध्यक्ष रामकुमार केवट टेलर मास्टर ने भगवान केवट
राज महाराज के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि केवट जी ने अपनी नाव में
प्रभु श्रीराम को गंगा के उस पार उतारा था। वे केवट थे अर्थात नाव खेने वाले। गुहराज निषाद ने पहले प्रभु श्रीराम के चरण धोए और फिर उन्होंने अपनी नाव में सीता, लक्ष्मण सहित बैठाया। पंचांग
भेद से चैत्र शुक्ल पंचमी को गुहराज निषादजी जयंती और वैशाख कृष्ण चतुर्थी
को केवट समाज जयंती मनाई जाती है। शाम 4 बजे से नगर के वार्ड क्रमांक 08
में स्थित शिव मंदिर से विशाल शोभायात्रा पूरे नगर मेंनिकाली गई जो प्रमुख मार्गों से होकर निकली। शोभायात्रा में केवट समाज के महिला पुरुषों के अलावा अन्य प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।समाजो से प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। \ इस भव्य शोभायात्रा में भगवान श्री राम की अनेक झांकियां वाहनों पर शोभायमान थी। शोभायात्रा के आगे अखाड़े में हैरतंगेज कारनामे में करते कलाकार डीजे की धुनों पर पर युवा नाचते गाते चल रहे थे। शोभा यात्रा के समापन केउपरांत प्रसाद वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया और रात्रि 10 बजे से वार्ड क्रमांक एक में सांस्कृतिक
प्रस्तुतियां प्रस्तुत कर कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें बड़ी
संख्या में स्वजातीय बंधुओं सम्मिलित रहे। इस समाज के वरिष्ठ छोटे लाल
केवट,समाज के अध्यक्ष मोंटी रायकवार, तेंदूखेड़ा समाज के अध्यक्ष रामकुमार
केवट,मनीष केवट,राम सिंह केवट, जितेंद्र केवट, गोपाल रायकवार,विजय रायकवार, मुन्ना रायकवार, हिमांशु रायकवार, ओम रायकवार, रमेश केवट,सरयू केवट,
रोशन केवट, विशाल केवट, नरेश केवट, गोविंद केवट, धर्मेंद्र रायकवार,डेलन
रायकवार, दमोह में शहर अध्यक्ष राकेश रायकवार,पैलू रायकवार, राजकुमार
रायकवार, प्रहलाद रायकवार, शिवम रायकवार,मदन रायकवार, विकास रायकवार, रोशन
रायकवार की विशेष रूप मौजूदगी रही..
सुदामा चरित्र के साथ कथा का हुआ विश्राम.. दमोह: कुंडलपुर पटेरा रूंद वाले हनुमान मंदिर में आयोजित कथा के मार्ग दर्शक महंत श्री गजेन्द्र पुरी जी महराज सात
दिवसीय श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के सातवें दिन कथा व्यास किशोरी जी ने
विभिन्न प्रसंगों पर प्रवचन दिए। उन्होंने कहा कि सातवें दिन कृष्ण के
अलग-अलग लीलाओं का वर्णन किया गया। मां देवकी के कहने पर छह पुत्रों को
वापस लाकर मा देवकी को वापस देना सुभद्रा हरण का आख्यान कहना एवं सुदामा
चरित्र का वर्णन करते हुए कथा व्यास किशोरी वैष्णवी गर्ग जी ने बताया कि
मित्रता कैसे निभाई जाए यह भगवान श्री कृष्ण सुदामा जी से समझ सकते
हैं।
उन्होंने कहा कि सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर अपने मित्र से सखा
सुदामा मिलने के लिए द्वारिका पहुंचे। उन्होंने कहा कि सुदामा द्वारिकाधीश
के महल का पता पूछा और महल की ओर बढ़ने लगे द्वार पर द्वारपालों ने सुदामा
को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक दिया। तब उन्होंने कहा कि वह कृष्ण के
मित्र हैं इस पर द्वारपाल महल में गए और प्रभु से कहा कि कोई उनसे मिलने
आया है। अपना नाम सुदामा बता रहा है जैसे ही द्वारपाल के मुंह से उन्होंने
सुदामा का नाम सुना प्रभु सुदामा सुदामा कहते हुए तेजी से द्वार की तरफ
भागे सामने सुदामा सखा को देखकर उन्होंने उसे अपने सीने से लगा लिया।
सुदामा ने भी कन्हैया कन्हैया कहकर उन्हें गले लगाया दोनों की ऐसी मित्रता
देखकर सभा में बैठे सभी लोग अचंभित हो गए। कृष्ण सुदामा को अपने राज
सिंहासन पर बैठाया हुआ। उन्हें कुबेर का धन देकर मालामाल कर दिया। जब जब भी
भक्तों पर विपदा आ पड़ी है। प्रभु उनका तारण करने अवश्य आए हैं। कुंडलपुर
में चल रही सात दिवसीय कथा शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुई। कथा व्यास
किशोरी जी ने कहा कि जो भी भागवत कथा का श्रवण करता है उसका जीवन तर जाता
है। शुक्रवार को सुबह हवन पूजन दोपहर से भंडारा
आयोजित है आप सभी प्रसादी ग्रहण करने जरूर पधारें। आज अहमदाबाद गुजरात से
पधारे गुरु जी मुन्ना पुरी जी महराज ,महंत विवेक पुरी जी, मुख्य
यजमान - श्रीमती कौशल्या रानी गर्ग, श्रीमती कमल रानी गर्ग, जानकी सीताराम
दुबे, नन्नी बाई कोमल सिंह परिहार, मुन्नी बाई वीरेंद्र सिंह चौहान, माया
देवी सिंह राजपूत, दौलत राम कुर्मी, कुसुम रानी, विमलेश रानी कल्याण यादव,
संतोष रानी लोक राम कुशवाहा, रामानंद किशोर सैनी, सुशीला कैलाश ताम्रकार,
प्रभा रानी बारेलाल पटेल, शीला बाई कुर्मी, पान बाई मोहनलाल साहू, बेनी बाई
प्रताप यादव, ओमकार यादव, प्रभा राजाराम साहू, विमला बाई कुर्मी, छोटी
बाई कुर्मी, , पूना बाई कुर्मी,पान बाई बर्मन ,जानकी बाई राजपूत ,महारानी
चुन्नी लाल कुर्मी ,सुहाग रानी जगमोहन पटेल एवं समस्त ग्रामवासी कुंडलपुर
पटेरा। किशोरी जी आगामी कथा 29 मई से 5 जून तक डाक्टर
मनीष पटेल जी हिरदेपुर दमोह ,7 जून से 14 जून तक पंडित महेश पांडे जी
जालपा माता मंदिर कटनी
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