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सीएम राइज स्कूल में छात्र छात्राओं के समर कैंप का समापन.. सीईओ जिला पंचायत ने मतगणना स्थल का लिया जायजा.. बाबा हरदेव सिंह जी को समर्पित समर्पण दिवस.. भगवान से मिलना कठिन नहीं है हम आपका सरल होना कठिन.. किशोरी वैष्णवी गर्ग

समर कैंप का हुआ समापन समारोह संपन्न

दमोह। 15 मई की सुबह महात्मा फुले सीएम राइज स्कूल दमोह में  छात्र छात्राओं के समर कैंप का समापन समारोह रखा गया था।इस समर कैंप में सीएम राइस स्कूल के अलावा अन्य इच्छुक छात्र छात्राओं ने हिस्सा लिया जिसमें कक्षा 1 से 12 तक की कक्षाओं के छात्र छात्राओं ने विगत पन्द्रह दिन सहभागिता की।समर कैंप में चित्र कलाए संगीत क्लासिकल डांस से समस्त कलाओं तथा योग एवं व्यायाम सीखने का अवसर मिला। 


सहभागिता निभाने वाले सभी छात्र छात्राओं को कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर एवं जिला शिक्षा अधिकारी एस के नेमा द्वारा हस्ताक्षरित प्रमाण पत्र भी अतिथियों  द्वारा वितरित किए गये। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं पूर्व प्राचार्य नरेन्द्र नायक ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे आज ही पता चला कि समर कैंप का समापन है पहले पता चलता तो मैं रोज सुबह आकर आपके साथ योग ए व्यायाम कर चित्र कला भी सीखता।

विशिष्ट अतिथि के रूप में सहायक संचालक शिक्षा नन्हें सिंह ठाकुर ने संबोधित करते हुए कहा कि . ष्कला प्रत्येक जीव को प्राकृतिक रूप से मिलती है मोर मोरनी किसी विद्यालय में सीखते नहीं उनमें स्वमेव विकसित हो जाती हैं इसलिए सभी सहभागिता करने वाले बच्चे प्रतिदिन वह करें जो आपको पसंद है अभिभावकों से भी अनुरोध है कि बच्चों को खेलते या अभ्यास करते समय रोके टोके नहीं। 

बच्चा जितना आनंदित होगा उसके सीखने की शक्ति उतनी अधिक बढ़ेगी। कार्यक्रम में विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी यशवंत कोरी व्याख्याता आर बी सिंह भूगोल व्याख्याता निशा असाटी उपस्थित  रहीं।आभार ज्ञापन प्राचार्य आर पी कुर्मी ने किया।

सीईओ जिला पंचायत ने मतगणना स्थल का लिया जायजा.. दमोह। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम अनुसार लोकसभा निर्वाचन 07.दमोह संसदीय क्षेत्र की मतगणना 04 जून होगी। इसी के मद्देनजर सीईओ जिला पंचायत अर्पित वर्मा ने आज स्थानीय पॉलीटेक्निक कॉलेज के कक्षों का जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। इसके पूर्व उन्होंने बैठक ली। उन्होंने मतगणना स्थल के ब्लू प्रिंट का अवलोकन किया और वस्तु स्थिति जानी। उन्होंने प्रत्येक कक्ष में पहुंचकर मतगणना स्थल का अवलोकन किया।

 उन्होंने मतगणना स्थल पर आवागमन से लेकर पेयजल सहित बुनियादी सुविधाओं के बारे में नगरीय निकाय के परियोजना अधिकारी कपिल खरे को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। पंडाल व्यवस्था आदि के संबंध में चर्चा की गई। वाहन पार्किंग व्यवस्था के साथ आमजन के आने जाने तथा अन्य सुविधाओं के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश दिये।

इस अवसर पर सहायक रिटर्निंग अधिकारी अविनाश रावत सहायक रिटर्निंग अधिकारी निकेत चौरसियाए पीओ डूडा कपिल खरेंए आबकारी अधिकारी रवीन्द्र खरें सीएमएचओ डाँ सरोजनी जेम्स बैक ई.गर्वेनेंस प्रबंधक महेश अग्रवाल डीआईओ योगेन्द्र ठाकुर लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर श्री तिवारी सहित अन्य विभाग के अधिकारीगण मौजूद थे।

बाबा हरदेव सिंह जी को समर्पित समर्पण दिवस.. दमोहजब हम हर पल में इस निरंकार प्रभु के प्रति पूर्ण समर्पित भाव से अपना जीवन जीते चले जाते हैं तब वास्तविक रूप में मानवता के कल्याणार्थ हमारा जीवन समर्पित हो जाता है। ऐसा ही प्रेमा-भक्ति से युक्त जीवन बाबा हरदेव सिंह जी ने हमें स्वयं जीकर दिखाया’ यह आशीष वचन सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज द्वारा ‘समर्पण दिवस’ के पावन अवसर पर व्यक्त किये गये। इस समर्पण दिवस के उपलक्ष्य में संत निरंकारी मंडल की शाखा दमोह में विशाल सत्संग का आयोजन संत निरंकारी सत्संग भवन में ज्ञान प्रचारक परम आदरणीय महात्मा मिथिलेश चौबे की पावन हुजूरी में किया गया।

युगदृष्टा बाबा हरदेव सिंह जी की पावन स्मृति में ‘समर्पण दिवस’ समागम का आयोजन सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी के सान्निध्य में संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, समालखा (हरियाणा) में हुआ जिसमें दिल्ली, एन. सी. आर. सहित पड़ोस के राज्यों से हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु भक्तों ने सम्मिलित होकर उनके परोपकारों को न केवल स्मरण किया अपितु हृदयपूर्वक श्रद्धा सुमन अर्पित किये। इसके अतिरिक्त यह दिवस विश्वभर में भी आयोजित किया गया जहां सभी भक्तों ने बाबा जी की सिखलाईयों का स्मरण करते हुए उनके विशाल जीवन को नमन किया। मानवता के मसीहा बाबा हरदेव सिंह जी की सिखलाईयों का जिक्र करते हुए सतगुरु माता जी ने फरमाया कि बाबा जी ने स्वयं प्यार की सजीव मूरत बनकर निस्वार्थ भाव से हमें जीवन जीने की कला सिखाई। माता जी ने आगे कहा कि जब परमात्मा से हमें सच्चा प्रेम हो जाता है तब इस मायावी संसार के लाभ और हानि हम पर प्रभाव नहीं डाल पाते क्योंकि तब ईश्वर का प्रेम और रज़ा ही सर्वोपरि बन जाते हैं। इसके विपरीत जब हम स्वयं को परमात्मा से न जोड़कर केवल इन भौतिक वस्तुओं से जोड़ लेते हैं तब क्षणभंगुर सुख-सुविधाओ के प्रति ही हमारा ध्यान केन्द्रित रहता है। जिस कारण हम इसके मोह में फंसकर वास्तविक आनंद की अनुभूति से प्रायः वंचित रह जाते है।

वास्तविकता तो यही है कि सच्चा आनंद केवल इस प्रभु परमात्मा से जुड़कर उसकी निरंतर स्तुति करने में है जो संतों के जीवन से निरंतर प्रेरणा लेकर प्राप्त किया जा सकता है। यही भक्त के जीवन का मूल सार भी है। परिवार, समाज एवं संसार में स्वयं प्यार बनकर प्रेम रूपी पुलों का निर्माण करें क्योंकि समर्पण एवं प्रेम यह दो अनमोल शब्द ही संपूर्ण प्रेमा भक्ति का आधार है जिसमें सर्वत्र के कल्याण की सुंदर भावना निहित है। समर्पण दिवस के अवसर पर दिवगंत संत अवनीत जी की निस्वार्थ सेवा का जिक्र करते हुए सतगुरु माता जी ने कहा कि उन्होंने सदैव गुरु का सेवक बनकर अपनी सच्ची भक्ति एवं निष्ठा निभाई न कि किसी रिश्ते से जुड़कर रहे। इस समागम में मिशन के अनेक वक्तागणों ने बाबा जी के प्रेम, करूणा, दया एवं समर्पण जैसे दिव्य गुणों को अपने शुभ भावों द्वारा विचार, गीत, भजन एवम् कविताओं के माध्यम से व्यक्त किये। निसंदेह प्रेम के पुंज बाबा हरदेव सिंह जी की करूणामयी अनुपम छवि, प्रत्येक श्रद्धालु भक्त के हृदय में अमिट छाप के रूप में अंकित है और उनके इन उपकारो के लिए निरंकारी जगत का प्रत्येक भक्त सदैव ही ऋणी रहेगा।

श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह का प्रसंग सुनाया गया.. दमोह: कुंडलपुर पटेरा रूंद वाले हनुमान मंदिर में आयोजित कथा के मार्गदर्शक महंत श्री गजेन्द्र पुरी जी महराज श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह का प्रसंग सुनाया गया। छठे दिन व्यास पीठ पर विराजमान *कथावाचक किशोरी वैष्णवी गर्ग जी* ने रास पांच अध्याय का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि महारास में पांच अध्याय हैं। उनमें गाये जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण हैं जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है वह भव पार हो जाता है। उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती है।
कथा में भगवान का मथुरा प्रस्थान, कंस का वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, कालयवन का वध, उधव गोपी संवाद, ऊधव द्वारा गोपियों को अपना गुरु बनाना, द्वारका की स्थापना एवं रुक्मणी विवाह के प्रसंग का संगीतमय भावपूर्ण पाठ किया गया। कथा के दौरान किशोरी जी ने कहा कि महारास में भगवान श्रीकृष्ण ने बांसुरी बजाकर गोपियों का आह्वान किया और महारास लीला के द्वारा ही जीवात्मा परमात्मा का ही मिलन हुआ।महारास में स्वयं शंकर भगवान पहुंचे ।जीव और ब्रह्म के मिलने को ही महारास कहते है। 
मुख्य यजमान- श्रीमती कौशल्या रानी गर्ग, श्रीमती कमल रानी गर्ग, जानकी सीताराम दुबे, नन्नी बाई कोमल सिंह परिहार, मुन्नी बाई वीरेंद्र सिंह चौहान, माया देवी सिंह राजपूत, दौलत राम कुर्मी, कुसुम रानी, विमलेश रानी कल्याण यादव, संतोष रानी लोक राम कुशवाहा, रामानंद किशोर सैनी, सुशीला कैलाश ताम्रकार, प्रभा रानी बारेलाल पटेल, शीला बाई कुर्मी, पान बाई मोहनलाल साहू, बेनी बाई प्रताप यादव, ओमकार यादव, प्रभा राजाराम साहू , विमला बाई कुर्मी, छोटी बाई कुर्मी, , पूना बाई कुर्मी,पान बाई बर्मन ,जानकी बाई राजपूत ,महारानी चुन्नी लाल कुर्मी ,सुहाग रानी जगमोहन पटेल एवं समस्त ग्रामवासी कुंडलपुर पटेरा। समस्त यजवानों ने कथा श्रवण करने की अपील की है

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