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एनसीसी सागर कैम्प सीएटीसी-XIV में एकलव्य विवि के कैडेट्स शामिल हुए.. असाटी समाज की महिलाओं एवं बेटियों ने मनाया मदर्स डे.. वैशाख माह में रामकथा श्रवण से ही उद्वार-पूज्या देवी.. श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस नंदोत्सव आयोजन..

एनसीसी सागर कैम्प सीएटीसी-XIV में एकलव्य विवि के कैडेट्स शामिल हुए

दमोह सागर स्थानीय 11 म० प्र० बटालियन एन सी सी सागर के कैम्प कमान्डेन्ट कर्नल अरूण बलहारा के निर्देशन में संयुक्त वार्षिक प्रशिषण शिविर XIV ढाना केन्ट में दिनांक 12 मई 2024 से 21 मई 2024 तक संचालित किया जा रहा है, जिसमें एकलव्य विश्वविद्यालय दमोह के अलावा सागर, रीवा एवं छतरपुर जिले के 500 एनसीसी कैडेट्स एवं 8 एनसीसी अधिकारी भाग ले रहे हैं।

उक्त शिविर में पी आई स्टाफ एवं एनसीसी अधिकारियों द्वारा कैडेटों को शिविर में ड्रिल, मैप रीडिंग, फायरिंग एवं प्रशिक्षण से संबंधित अन्य गतिविधियों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए गहन प्रशिक्षण दिया जायेगा। शिविर के दौरान स्पोर्टस शूटिंग के लिये सागर ग्रुप की विभिन्न यूनिटों से आये एनसीसी कैडेटों को फायरिंग का कठिन प्रशिक्षण देकर एवं फायरिंग की बारीकियों से अवगत कराते हुए स्पोर्टस शूटिंग शिविर के लिये जो महू इन्दौर में आयोजित होना है, के लिए चयनित किए जाएंगे। कैडेटों के सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास हेतु प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा एवं कैडेट्स को पुरस्कार दिए जायेंगे।

प्रतियोगिताओं में ड्रिल कॉम्पिटिशन, फायरिंग कॉम्पिटिशन, डिबेट कॉम्पिटिशन, ड्रॉइंग, निबन्ध प्रतियोगिता एवं बॉलीबाल प्रतियोगिता प्रमुख हैं।शिविर में कैम्प कमांडेंट कर्नल अरूण बलहारा द्वारा ओपनिंग एड्रेस में कैडेटों का परिचय लेते हुए कैडेटों को एनसीसी के उद्देश्यों, देश सेवा एवं देशहित में काम करने के लिये उच्चस्तरीय प्रोत्साहन दिया गया और सभी कैडेटों को शिविर के दौरान रक्षा सेवा में जाने के लिये प्रोत्साहित करते हुये उत्साहवर्धन किया गया। कैम्प कमांडेंट के द्वारा एनसीसी कैडेटों के उद्बोधन के पश्चात् कैडेटों में हर्ष उल्लास का वातावरण देखा गया।

असाटी समाज की महिलाओं एवं बेटियों ने मनाया मदर्स डे.. दमोह।पूरी दुनिया में मां को सम्मान देने के लिए  मनाया जाने वाला उत्सव मदर्स डे शहर के असाटी वार्ड नंबर एक संस्कार भवन में असाटी समाज की महिलाओं एवं बेटियों ने मिलकर  सुंदर आयोजन कर मदर्स डे मनाया गया इस कार्यक्रम में समाज की बेटियों ने अपनी मां के प्रति अपनी प्रेम, श्रद्धा, कृतज्ञता की अभिव्यक्ति अनेक आकर्षक प्रस्तुतियों के माध्यम से दी जिसमें उनकी मम्मीयों ने भी अपनी बेटियों का भरपूर सहयोग दिया..
देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वाकई में ईश्वर ने मां बेटी का रिश्ता कितना अनुपम बनाया है ईश्वर का दूसरा रूप मां होती है  मां के महत्व को शब्दों में अभिव्यक्त नहीं किया जा सकता और कार्यक्रम के शुभारंभ में मां सरस्वती के चित्र के समक्ष धूप दीप, पूजन, माल्यार्पण उपस्थित समाज की बहनों पदाधिकारी के द्वारा आरंभ किया गया एवं मां सरस्वती वंदना समाज की बेटियों रिमझिम असाटी, प्रिया असाटी के द्वारा की गई तत्पश्चात प्रिया मुरारी असाटी द्वारा नृत्य के माध्यम से सरस्वती वंदना की और बहुत सुंदर प्रस्तुति दी गई और असाटी महिला समिति द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की प्रस्तुति को तीन वर्गों में बांटा गया डांस कविता, स्पीच,जिसमें समाज की बेटियों और मां ने भाग लिया और आकर्षक प्रस्तुतियां दी जिसका समाज की सभी बहनों बेटियों ने प्रशंसा करते हुए आनंद लिया..

असाटी समाज की बहनों एवं बेटियों सुंदर संस्कारी प्रस्तुतियों से सराबोर हो रहा था सभी बहनों बेटियों ने एक दूसरे से मिलकर एक दूसरे को मदर्स डे के अवसर पर बधाइयां दी कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रतियोगी अनन्या नीलम प्रिया मंजू मुरारी रिमझिम नीतू राधिका लता नाविका राखी  प्रियल ज्योति प्रगति राखी सुदामा राधिका सीता नेहा शैलजा दलाल मुस्कान विद्या मोहिनी सुमन मोहिनी संजू नाविका राखी अर्चना दलाल रचना नंदा रानी आकांक्षा कृतिका यशस्वी आराध्या प्रांजल निशु असाटी सभी ने बढ़-चढ़कर प्रस्तुतियां दी असाटी महिला मंडल समिति के द्वारा प्रत्येक प्रतियोगी को सुंदर प्रोत्साहन पुरस्कार देकर प्रशंसा जाहिर की गई कार्यक्रम में असाटी समाज की अधिक संख्या में मात्र शक्तियों उपस्थित थी ।
वैशाख माह में रामकथा श्रवण से ही उद्वार- कथा व्यास पूज्या देवी.. दमोह। ग्राम पंचायत नंदरई मे चल रही संगीतमयी रामकथा के चौथे दिवस कथा व्यास पूज्या देवा ने उपस्थित ग्रामवासियों को श्रीरामकथा का श्रवण करते हुए कहा कि जब जब अधर्म हमारे समाज पर हावी होती है तब तब प्रभु मानव जीवन लेकर धरती पर अवतरित होते है अयोध्या के राजा दशरथ के यहां जब स्वयं प्रभु श्री राम का जन्म हुआ तो एक माह सुर्य देव का उदय भी नहीं हुआ..
वहां के नगरवासी इस कदर उनके जन्म को लेकर अभिभूत थे कि यह पल दोबारा आयेगा अथवा नहीं लोग झूमझूम कर नाच रहे राजा दशरथ की सभी रानियां कौशल्या, सुमित्रा, कैकई नगरवासियों को विभिन्न प्रकार के पारितोषक वितरित कर रही थी। कथा व्यास पूज्जा देवी ने ग्रामवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि उनका कहने का तात्पर्य यही है कि अयोध्या वासियों को यह अभाष हो चुका था कि उनके यहां स्वयं परम बहम्हा अवतरित हुए है जो उनके कष्टो का निराकरण करेगें उनकी कथा से आत्मविमोर ग्रामवासियों ने श्रीराम के जन्म लेते हुए पटाखे फोड़कर मिठाई वितरित कर एक दूसरे को बधाईयां दी। इस अवसर पर समस्त नंदरई के ग्रामवासियों ने उपस्थित रहकर कथा को आत्मसाल किया। 
श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस नंदोत्सव आयोजन..  दमोह: कुंडलपुर पटेरा रूंद वाले हनुमान मंदिर में आयोजित कथा के मार्गदर्शक महंत श्री गजेन्द्र पुरी जी महराज श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन सभी ने भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव उत्साह और उमंग के साथ मनाया. कथा व्यास किशोरी वैष्णवी गर्ग जी द्वारा नंद बाबा के घर पर उत्सव के माहौल का सुंदर वर्णन करने के साथ आयोजन स्थल का पूरा माहौल भी नंदोत्सव के रंग में पूरी तरह से रंग गया. नंद के आनंद भयो, जय कन्हैयालाल के उद्घोष के साथ समूचा आयोजन परिसर गूंज उठा, नंद बाबा बने राजा भक्तों ने भजनों की धुनों पर मगन होकर से थिरकते हुए श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का आनंद उजागर किया. बासुदेवजी के रूप में श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव का आनंद मनाते हुए भक्तों के बीच खूब मिठाई, टॉफीयां और बधाईयां बांटी गयी..
 कथा प्रसंग में कथा व्यास किशोरी वैष्णवी गर्ग जी ने कहा कि भगवान युगों-युगों से भक्तों के साथ अपने स्नेह रिश्ते को निभाने के लिए अवतार लेते आये हैं.कथा व्यास किशोरी जी ने कहा कि भगवान अपने भक्तों के भाव और प्रेम से बंधे है. उनसे भक्तों की दुविधा कभी देखी ही नहीं जाती. वे अपने भक्तों की कामना की पूर्ति तो करते ही है साथ ही उनके साथ अपने स्नेह बंधन निभाने खुद इस धरा पर आते हैं.आज की कथा में वामन अवतार, समुंद्र मंथन, श्री राम जन्मोत्सव और भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव का सुंदर और भाव पूर्ण वर्णन किया.
किशोरी जी ने कहा कि भगवान अपने भक्तों के साथ सदा हर पल खड़े रहते हैं. वे भक्तों के हाथों से दी प्रेम और भाव के साथ दी गई वास्तु उसी तरह ग्रहण करते हैं, जिस तरह से उन्होंने द्रौपदी का पत्र और गजेंद्र का पुष्प ग्रहण किया. भगवान ने काल रुपी मकर से भक्त गजराज की रक्षा की तो द्रौपदी के पुकार पर उसका संकट मिटाने स्वयं दौड़े चले आये. यह सारी कथाएं ये प्रमाणित करती हैं कि भक्तों के भाव से सदा बंधे रहनेवाले भगवान भक्तों के साथ अपना स्नेह निभाने खुद आते हैं. ठाकुरजी सिर्फ यह कभी नहीं चाहते कि उसके भक्त के पास अहंकार रहे. ठाकुरजी अपने भक्त से ये भी कहते हैं कि मुझे, वो वस्तु अर्पित कर, जो मैंने तुझे कभी नहीं दी. ठाकुरजी कहते हैं- ऐसी कोई वस्तु जो मैंने तूझे नहीं दी, वह अहंकार है. यह मैंने तूझे नहीं दिया. बल्कि तूने खुद इसे अपने भीतर तैयार किया है..
किशोरी जी ने कहा भगवान को अगर पाना है तो मन में इस भाव को बसा लेना होगा कि मेरा सब कुछ मेरे ठाकुरजी है. मेरे पास अपना कुछ भी नहीं जो कुछ भी है सो मेरे ठाकुर जी का ही है. गजेंद्र मोक्ष पाठ की महिमा बताते हुए किशीरी ने कहा कि जो भी यह पाठ करता है. उस पर ठाकुरजी की कृपा सदा बनी रहती है. संकट उस पर सपने में भी नहीं आते. माता-पिता के चरण पकड़ लो, किसी और की चरण वंदना की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी. किशोरी जी ने कहा कि जीवन में सब कुछ जरूरी है पर एक मर्यादा के अंदर सभी हो तो तभी तक सब ठीक है.
किशोरी जी ने समुंद्र मंथन से जुड़ी कई रोचक कथाएं सुनाईं. उन्होंने कहा कि अहंकार बुद्धि और ज्ञान का हरण कर लेता है. ठीक उसी प्रकार जैसे अहंकार से ग्रसित दानवों ने समुंद्र मंथन के समय बासुकी नाग के मुख को पकड़ना श्रेयस्कर समझा और भगवान के मोहिनी रूप पर मंत्र मुग्ध हो उठे..
भगवान के वामन अवतार को तीन कदम आश्रय स्थली दान में देने के बाद राजा बलि को पाताल लोक की शरण लेनी पड़ी. इसलिए कुछ भी करो, सोच समझ कर करो, जो कुछ भी तोल-मोल कर बोलो. मीठा और मधुर बोलो. आज कथा में अनेकों लोगों ने व्यासपीठ का पूजन किया और भागवत भगवान की आरती उतारी.
किशोरी जी ने बताया कि कल भगवान की बाल लीलाओं के वर्णन के साथ गिरीराज पूजन और छप्पन भोग लगेगा. आज कथा में हटा विधायक श्रीमती उमा देवी खटीक जी,पंडित उमाकांत उमाकांत पोराणिक जी,गर्ग जी कुंडलपुर मुख्य यजमान श्रीमती कौशल्या रानी गर्ग, श्रीमती कमल रानी गर्ग, जानकी सीताराम दुबे, नन्नी बाई कोमल सिंह परिहार, मुन्नी बाई वीरेंद्र सिंह चौहान, माया देवी सिंह राजपूत, दौलत राम कुर्मी, कुसुम रानी, विमलेश रानी कल्याण यादव, संतोष रानी लोक राम कुशवाहा, रामानंद किशोर सैनी, सुशीला कैलाश ताम्रकार, प्रभा रानी बारेलाल पटेल, शीला बाई कुर्मी, पान बाई मोहनलाल साहू, बेनी बाई प्रताप यादव, ओमकार यादव, प्रभा राजाराम साहू , विमला बाई कुर्मी, छोटी बाई कुर्मी, , पूना बाई कुर्मी,पान बाई बर्मन ,जानकी बाई राजपूत महारानी चुन्नी लाल कुर्मी ,सुहाग रानी जगमोहन पटेल एवं समस्त ग्रामवासी कुंडलपुर पटेरा। समस्त यजवानों ने कथा श्रवण करने की अपील की है..

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