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सुनना है तो नगाड़ा के साथ बांसुरी को सुनो- मुनि श्री.. वैश्य महा सम्मेलन मिलन समारोह संपन्न.. डॉ अनीता नायक की तीन पुस्तकों का विमोचन.. डां प्रेमलता नीलम को मिला लोक साहित्य सम्मान..

सुनना है तो नगाड़ा के साथ बांसुरी को सुनो- मुनि श्री निरीह सागर जी

दमोहसुनना है तो नगाडा के साथ बांसुरी को सुनो यह प्रसिद्ध हाइकु समाधिस्थ आचार्य भगवान विद्यासागर जी महाराज का है इसका मतलब यह है कि भौतिकवाद की कितनी भी चकाचौंध हो यदि व्यक्ति धर्म करना चाहे तो वह कर सकता है जिस तरह कितना भी कोलाहल हो यदि हमारा ध्यान मोबाइल पर हो तो हम सामने वाले की बात सुन भी लेते हैं और अपनी बात पहुंचा भी देते है।
उपरोक्त विचार मुनि श्री निरीह सागर जी महाराज ने कांच मंदिर स्टेशन चौराहा पर अपने मंगल प्रवचनों में अभिव्यक्त किये। इसके पूर्व बड़े बाबा एवं छोटे बाबा के चित्र के समक्ष ज्ञान ज्योति का प्रज्वलन किया गया आचार्य विद्यासागर जी की मंगल पूजन की गई कांच मंदिर समिति के अलावा जिनशरणम एवं सदगुआ मंदिर सागर नाका के भक्तगणों के द्वारा मुनि संघ के मंगल आगमन हेतु श्रीफल अर्पित किया गया भक्त गणों के द्वारा शास्त्र समर्पित किए गए। इस अवसर पर मुनि श्री प्रयोग सागर जी महाराज ने अपने मंगल प्रवचनों में कहा कि महात्मा बुद्ध एक बार जब शास्त्रों के गुड  रहस्य को अपने शिष्यों को बता रहे थे तभी एक सामान्य व्यक्ति वहां आकर बैठ जाता है और वहां से जाते समय नृत्य करता हुआ आनंद में तृप्त  होकर जाता है भगवान बुद्ध के वरिष्ठ शिष्य आनंद बुद्ध जी से पूछते हैं कि ऐसा उसे क्या रहस्य प्राप्त हो गया जो वह इतना प्रसन्न हो गया बुद्ध भगवान  बताते हैं की शिष्य चार प्रकार के होते हैं जिस तरह चार प्रकार के घोड़े होते हैं एक घोड़ा चाबुक की फटकार सुनकर ही दौड़ पड़ता है..
दूसरा घोड़ा चाबुक की परछाई को देखकर ही दौड़ जाता है तीसरा प्रकार का घोड़ा चाबुक की मार लगती है तब ही दौड़ता है और अंतिम प्रकार का घोड़ा कितना भी मारो नहीं दौड़ता अड़ियल हो जाता है इसी तरह चौथी प्रकार के श्रोता कितना भी कहने पर अपने अड़ियल स्वभाव को नहीं छोड़ते किंतु साधु संत बिना किसी स्वार्थ के मनुष्य के कल्याण के लिए धर्म का मार्ग बताते हैं वे मोक्ष मार्ग का उपदेश देते हैं। पंच कल्याणक महोत्सव पुण्य उपार्जन के अवसर होते हैं धर्म प्रभावना के बहुत बड़े आयोजन हैं इनमें सभी का सहयोग आवश्यक है सहयोग के बिना जिन शासन की प्रभावना नहीं हो सकती जिन मंदिर अशंख लोगों के सम्यकत्व का कारण बनते हैं धर्म तो इत्र की एक बूंद की तरह है जिसकी एक बूंद ही महक के लिए काफी होती है इत्र से स्नान कोई नहीं करता धर्म की एक बूंद भी मनुष्य का कल्याण कर सकती है। मीडिया प्रभारी सुनील वेजीटेरियन ने बताया कि दिनांक 29 नवंबर को प्रातः 8:30 बजे जिनशरणम सागर नाका मंदिर में मंगल प्रवचन होंगे एवं उसके बाद मुनि संघ की आहार चर्या संपन्न होगी सागर नाका मंदिर समिति ने सभी से प्रवचन लाभ लेने की अपील की है।
वैश्य महासम्मेलन की मासिक बैठक मिलन समारोह संपन्न.. दमोह। सामाजिक कार्यों में अग्रणी मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा सामाजिक संगठन वैश्य महासम्मेलन की मासिक बैठक का आयोजन प्रदेश अध्यक्ष उमाशंकर गुप्ता प्रदेश संगठन मंत्री सुधीर अग्रवाल के मार्गदर्शन में वैश्य भवन जटाशंकर धाम दमोह में किया गया जिसमें बड़ी संख्या में वैश्य बन्धुओ की उपस्थिति रही,वहीं पारिवारिक मिलन समारोह का आयोजन भी किया गया।
सर्वप्रथम माता लक्ष्मी का पूजन अर्चन किया गया फिर बैठक में  दिसंबर माह तक बड़ी संख्या में सदस्य बनाने को लेकर जहां चर्चा की गई। सभी तहसील स्तरों पर तहसील सम्मेलन का आयोजन करना व बैठक करने का लक्ष्य रखा गया। नवनिर्वाचित अध्यक्ष के सी अग्रवाल का कोषाध्यक्ष राजेंद्र अग्रवाल का स्वागत किया गया।
बैठक में मुख्य रूप से संभागीय अध्यक्ष राकेश अग्रवाल संरक्षक विष्णु गुप्ता जिलाध्यक्ष के सी अग्रवाल नगर अध्यक्ष सत्यप्रकाश असाटी युवा अध्यक्ष विकास अग्रवाल युवा नगर अध्यक्ष राजू नामदेव सांस्कृतिक प्रभारी राजकुमार नामदेव, महिला प्रभारी विद्या असाटी महिला अध्यक्ष सुनीता गुप्ता महिला नगर अध्यक्ष अनीता अग्रवाल पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष मालती असाटी सांस्कृतिक प्रकोष्ठ प्रभारी रमा अग्रवाल दिनेश गुप्ता उपाध्यक्ष स्वप्नेश अग्रवाल अनिल अग्रवाल राजेंद्र अग्रवाल संतोष अग्रवाल महामंत्री मनीष जैन सविता जैन संगीता अग्रवाल निर्मला गुप्ता नंदा असाटी गिरजा साहू ललित असाटी संदीप नामदेव अनिल नेमा रजनी साहू की उपस्थिति रही।
डॉ अनीता नायक की तीन पुस्तकों व स्मारिका शब्द का हुआ विमोचन.. दमोह। प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस शासकीय स्नातकोत्तर महा विद्यालय दमोह में हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष तथा प्राध्यापक  की तीन पुस्तकों विविध प्रयोजन, पर्यायवाची स्त्री, समीक्षा दृष्टि एवं हिंदी विभाग की  स्मारिका " शब्द "का विमोचन होटल गुरुकृपा में समारोह पूर्वक संपन्न हुआ।
ज्ञात हो कि डॉ अनीता शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय दमोह में हिंदी का प्राध्यापकीय कार्य विगत 32 वर्षों से कर रही है एवं अभी तक लगभग 16 पुस्तकों का प्रकाशन कर चुकी है जो कि एक उत्कृष्ट अकादमिक प्रतिष्ठा का सूचक है। इसी क्रम में अपनी सेवानिवृत्ति के पूर्व आपने इन तीन कृतियों का विमोचन हिंदी के ख्यातिलब्ध साहित्यकार मुक्तिबोध पीठ के अध्यक्ष व पूर्व प्राचार्य डॉ श्याम सुंदर दुबे, पूर्व प्राचार्य डॉ एन आर राठौर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ जी पी अहिरवार सह प्राध्यापक  हिंदी, डॉ एन आर सुमन सहायक प्राध्यापक वनस्पति विज्ञान एवं डॉ जितेंद्र सहायक प्राध्यापक संस्कृत की मंचीय उपस्थित तथा शहर के समस्त वरिष्ठ साहित्यकारों की उपस्थिति में संपन्न हुआ ।
डॉ जी पी अहिरवार ने "शब्द " स्मारिका की समीक्षा प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह एक धरोहर है जो पीढ़ियों तक उपयोगी साबित होगी। डॉ एन आर सुमन ने तीन पुस्तकों "विविध प्रयोजन, पर्यायवाची स्त्री व समीक्षा दृष्टि " की समीक्षा एक पाठकीय रूप प्रतिक्रिया में प्रस्तुत की गई तथा उनकी विषय वस्तु पर प्रकाश डाला गया। मंच पर आसीन डॉ श्याम सुंदर दुबे ने साहित्यक दृष्टि से सभी पुस्तकों की समीक्षा में निबंध लेखन की कला और गंभीरता पर मार्मिक विवेचन करते हुए मैडम नायक को बधाई और शुभकामनाएं दी। डॉ एन आर राठौर जी ने अपने लंबे साहित्यक यात्रा का विवरण व मैडम नायक के कृत्तिव और व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। साहित्यकार नरेंद्र दुबे ने भी सहज सरल भाषा में समीक्षा करते हुए शब्द का अर्थ विविधता के साथ बताया। डॉ जितेंद्र धाकड़ जी ने संचालन कर प्रशंसा प्राप्त की। आभार प्रदर्शन श्री प्रमोद नायक एवं अनादि नायक ने किया।
डां प्रेमलता नीलम को मिला लोक साहित्य सम्मान दमोह। ग्वालियर राष्ट्रीय संस्थानभारतीय ज्ञान परम्परागत  और  राष्ट्रीय  संगोष्ठी  साहित्य समारोह  के मुख्य अतिथि डां,रवींद्र  शुक्ल  उ,प्र, अध्यक्  डां, राधावल्लभ  शर्मा  शिक्षा विद  राष्ट्रीय  संयोजक भगवान  स्वरूप  चेतन की उपस्थिती मे डां आशा पांडेय, डां मधुलिका सिंह कल्पना शर्मा हिनदी विभाग, मंदाकिनी शर्मा के कर कमल से बुंदेलखणड की लब्द प्रतिष्ठित लोक साहित्य मनीषी अंतरराष्ट्रीय कवयित्री सृजनशील हिन्दी सेवी तेरह पुस्तकों की रचयिता डां प्रेमलता नीलम को शाल श्रीफल फूल माला सम्मान पत्र पांच हजार की राशि से ष्लोक साहित्य  राष्ट्रीय  सम्मान 2024 से अलंकृत किया गया
राष्ट्रीय संगोष्ठी में डां नीलम ने भारतीय ज्ञान परम्परागत और लोक साहित्य पर वक्तव्य  प्रस्तुत  किया तथा बन फूल उठी कचनार नजर भर हेरो बुंदेली रचना पर वाह वाही अर्जित  की। हिन्दी लेखिका संघ अध्यक्ष पुष्पा चिले और दमोह के सभी आत्मीय  साहित्यकारों ने शुभकामनाएँ दी।

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