सम्मान समारोह से श्रमण संस्कृति शिविर संपन्न
दमोह। आचार्य श्री विद्यासागर महाराज, आचार्य समयसागर महराज के आशीर्वाद, तीर्थ चक्रवर्ती श्री सुधासागर महाराज के पावन प्रेरणा से दमोह जिले के 31 मंदिरों में ष्णमो लोए सव्व साहूणंष् के ध्येय वाक्य से संपन्न श्रमण संस्कृति संस्कार शिक्षण शिविर का समापन मानस भवन से संपन्न हुआ। श्री दिगंबर जैन श्रमण संस्कृत संस्थान सांगानेर के तत्वाधान एवं श्री दिगंबर जैन पंचायत के आयोजनत्व में डॉ प्रदीप जी की संयोजना से सम्पन्न इस शिविर में सांगानेर संस्थान से विद्वान् धर्म प्रभावना व स्वाध्याय के लिए आए। स्वाध्याय की इस संपन्नता कार्यक्रम में लगभग 300 लोगों का सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें विभिन्न प्रदेशों से आए स्नातक विद्वान, शिविर संयोजक, परीक्षार्थी, शिक्षक, कक्ष प्रभारी, पाठशाला शिक्षक, स्थानीय कला शिक्षक आदि रहे। संपूर्ण जिले के शिविरों के प्रभारी डॉ प्रदीप जी, बाहुबली जो ने जिले की विभिन्न तहसीलों में संपर्क करके यह शिविर विभिन्न स्थानों में संपर्क कराया। शिविर अध्यक्ष श्री अरविंद इटोरया, पंचायत अध्यक्ष श्री सुधीर सिंघई आदि ने सभी का स्वागत किया।
13 केंद्रों में सबसे ज्यादा 480 शिविरार्थी सिंघई मंदिर में थे। संपूर्ण केंद्रों के मिलाकर 3200 शिविरार्थियों ने अध्ययन किया। मुख्य केंद्र जहां पर प्रथम पुरस्कार 32 इंच टिकी टीवी तो द्वितीय स्थान को उपÛल तदनंतर एवं तृतीय स्थान पर एयर बैग्स थे साथ ही विभिन्न केंद्रों पर विभिन्न पुरस्कार थे। जिनके पुण्यार्जक श्री विपिन सिंघई, कपिल मलैया, सुरेंद्र धर्मेंद्र सराफ, सुरेंद्र लिबास, मनीष चौधरी रहे, शिविर में साहित्य पेन कॉपी आदि निःशुल्क श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर से आया। मुख्य केंद्र के अलावा विभिन्न केंद्रों के अध्यक्ष जैसे सिंघई मंदिर केंद्र अध्यक्ष सुधीर सिंघई, महामंत्री दिलेश चौधरी, सवन सिल्वर, विपिन सिंघई, नीलेश, ओशो, वायनल, रानू मंगलम, नेमीनगर केंद्र अध्यक्ष श्री रतन चंद जी घाट पिपरिया, जिनवाणी मंडल, दीपक जी, वसुंधरा नगर केंद्र अध्यक्ष श्री प्रकाश जैन, श्री अरुण कोर्ट, महेंद्र फोटो, श्रीमती नूतन, जबलपुर नाका केंद्र अध्यक्ष श्री डॉ. आर के जैन, डॉ जे. के. जैन, जबेरा केंद्र से अरविंद जी भाई की मंदिर से संदीप मोदी, पवन, विनय, संजीव शाकाहारी, सतीश बाबा मेडिकल, पटेरा केंद्र अध्यक्ष नीलेश सराफ अशोक जी, अभाना से सुकमाल जी हटा केंद्र अध्यक्ष एडवोकेट विवेक वंदना जैन बनवार केंद्र अध्यक्ष देवेंद्र राहुल जी, अभाना केंद्र अध्यक्ष सुकमाल जी, तेंदूखेड़ा से नीरज जी आदि ने यह संयोजन शिक्षाविद डॉ प्रदीप जी के नेतृत्व में संपन्न किया। उपस्थित जनता ने पुनः पुनः ऐसे शिविर के आयोजन के लिए आग्रह किया। आगंतुक विद्वानों में डॉ आलोक मोदी, पंडित विपिन जैन केंद्रीय विद्यालय, पंडित सर्वज्ञ जी राजस्थान, पंडित अंकित दमोह, पंडित जितेन्द्र अहमदाबाद पंडित अमन जी जयपुर, पंडित शीलचंद ललितपुर, पंडित सौरभ कारी, पंडित संयम, सक्षम आदि रहे। संपूर्ण शिविर में अपनी आवाज का जादू बिखेरा श्री पीयूष जैन ने और शिविरार्थियों को मंत्र मुग्ध करके रखा। शिविर में भोजन करने की विधि, काउंसलिंग, अनुशासन, संगीता, पेंटिंग मंडेला आर्ट, नृत्य आदि की कक्षाएं भी संपन्न हुईं। सभी स्थानों पर निःशुल्क स्वल्पाहार रहा, मुख्य केंद्र पर प्रतिदिन 300 शिविरार्थियों को पंचायत अध्यक्ष श्री सुधीर सिंघई स्वल्पाहार कराया ने। सम्पन्नता समारोह में रोहिणी जी, विनय जी को मुनि सेवा हेतु सम्मानित किया गया, रक्तदान समिति श्री दीपक जी ।$, सलिल मंटू, अमरदीप जी, शीतेष जी को उनके रक्तदान के संकल्प हेतु सम्मानित किया गया। एक साथ 1200 लोगों ने प्रतिदिन स्वाध्याय का संकल्प लिया। शिविर सम्पन्नता समारोह में आए सभी लोगों ने एकसाथ प्रतिदिन कम से कम 10मिनट मन मस्तिष्क के भोजन स्वाध्याय करने की प्रतिज्ञा ली। इस शिविरों में भक्ति, दर्शन, अध्यात्म आदि की शिक्षा दी गई। जिसमें सभी को प्रथम आदि पुरस्का प्राप्त हुआ। इसमें जीवकांड में प्रथम श्रीमती शोभा इटोरया, भक्तामर में अपूर्व सुभाष, मौखिक 1 में आदि अनित्य हैं, भागए 1 लिखित में स्वस्ति सुदेश जी, भाग 2 में श्रेया मनीष, द्रव्य संग्रह में गौरव बजाज, छहढाला में में निधि जैन। शिविर में जीवकांड जी का अध्यापन डॉ आलोक मोदी, भक्तामर का डॉ प्रदीप इसी तरह विभिन्न केंद्रों पर अलग अलग विद्वान् पढ़ा रहे। शिविर में स्थानीय शिक्षकों में श्रीमती अनु, ऋषिका, शरणम्, प्रीति, अनमोल, नंदराम आदि रहे। भोजन की व्यवस्था त्यागीवृति शाला ने सहयोग दिया। नन्हे मंदिर कमेटी ने धर्मशाला में विश्राम हेतु स्थान देकर सहभागिता की। मूल केंद्र पर महा समिति की महिला मंडल का अथक परिश्रम रहा। शिविर कोआचार्य विद्यासागर विद्यालय से सहयोग प्राप्त हुआ।मध्यप्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन के तत्वाधान में व्याख्यान माला व कवि गोष्ठी.. दमोह। मध्यप्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन जिला इकाई के तत्वाधान में रामकुमार विद्यालय के सभागार में "कबीर जयंती" के उपलक्ष्य में व्याख्यान माला व कवि गोष्ठी सम्पन्न हुई। कार्यक्रम अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार नारायण सिंह ठाकुर, मुख्य अतिथि वरिष्ठतम साहित्यकार कवि सत्यमोहन वर्मा, विशिष्ट अतिथि डा.आर.एन.चिले रहे। सरस्वती पूजन अर्चन उपरांत इकाई अध्यक्ष रमेश तिवारी ने कालजयी कवित्व के धनद संत कबीर की वाणी को सम्यक दर्शन बताते हुए उनका दोहा-कबिरा हम तुम एक हैं, कहन सुनन को दोय। मन से मन को तोलिए, कबहुँ न दो मन होय। ।कहकर व्याख्यान माला का आरंभ किया।डा.चिले ने कहा महात्मा कबीर का समग्र काव्य चिंतन जीवंत होकर सामाजिक उत्थान कारी है और रहेगा। कबीर ज्ञान मार्गी शाखा के प्रखर कवि थे। जिनका रचना संसार हमारी अनमोल धरोहर है।
सत्यमोहन वर्मा ने कहा कि भारतीय दर्शन,साहित्य तथा धार्मिक मान्यताओं में कबीर एक ऐसा नाम है जो कभी भी उच्चारित किया जाय तो प्रश्न उठता है किस चिंतन धारा को आत्मसात किया जाय। कबीर वो नाम है जो बहुत छोटी खिड़की से भीड़ को निकलने को कहता है।समाज को खोखला करती हुई मान्यताओं को यदि समूल नष्ट करना है तो कबीर को पढ़ना, जानना और मानना पड़ेगा। समाज के परिष्कार हेतु वे चाहते थे पहला दूसरा तीसरा चौथा कोई न हो और न ही कोई छोटा बड़ा।यदि बड़ा हो तो सबसे बड़ा प्रेम हो। कबीर की वाणी की आज के युग में बहुत जरूरत है। भौतिकवाद,, मार्कसवाद और अन्य दर्शन से परे कबीर का"ढाई अक्षर"दर्शन है। नारायण सिंह ठाकुर ने कहा कि आज हम कबीर जैसे संतों की वाणी को भूलते जा रहे हैं मैं निर्विवाद रूप से कहना चाहूँगा कि वर्तमान में भय. लज्जा और जड़ता की जंजीरों में समाज बुरी तरह जकड़ा हुआ है इससे मुक्ति केवल कबीर का प्रेम दर्शन ही दिलवा सकता है। अमर सिंह राजपूत, डा.प्रेमलता नीलम, चंद्रा नेमा, प्रौफे. अनिल जैन, मधुलता पाराशर, रामकुमार तिवारी, पी.एस.परिहार"पिम्मी"ओजेन्द्र तिवारी, बी.एम.दुबे, नंदकिशोर पाठक,गणेश राय,गोविंद मिश्र, सदन नेमा, आराधना राय,आशीष तंतुवाय"कबीर"ने रचना पाठ किया। इस अवसर पर रिषी उपाध्याय ,राजेश शर्मा आदित्य बजाज लोकेंद्रसिंह की उपस्थिति रही।
0 Comments