नाबालिक को अगवा कर दुराचार करने के आरोपी राजस्थान निवासी की जमानत याचिका खारिज..
वन एवं वन्य प्राणी अधिनियम संरक्षण के तहत अभियुक्तों की जमानत याचिका खारिज..
अभियुक्तगण के पास चिरान करने का कोई शासकीय दस्तावेज नहीं था। अभियुक्तगण के विरुद्ध भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26(ड), वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 27, 29, 50, 51, 52 जैव विविधता अधिनियम 2002 की धारा 2(ग), 3, 58 मध्य प्रदेश कास्ठ चिरान विनियमन अधिनियम 1984 की धारा 4(ख), 5(ग) लोक संपत्ति हानि निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3-7 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर न्यायालय तेंदूखेड़ा में पेश किया गया। अभियुक्तगण की ओर से तेंदूखेड़ा न्यायालय में जमानत हेतु आवेदन पेश किया गया। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत तर्कों के आधार पर अभियुक्तगण की जमानत निरस्त की गई। अभियोजन की ओर से पैरवी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती श्रद्धा श्रीवास्तव द्वारा की गई। सतीश कपस्या वन एवं वन्य प्राणी अधिनियम जिला समन्वयक नियुक्त किया गया है और तेंदूखेड़ा तहसील स्तर पर वनों से संबंधित प्रकरण मैं अभियोजन के लिए श्रीती श्रद्धा श्रीवास्तव एडीपीओ को अधिकृत किया गया है।
दमोह। न्यायालय विशेष न्यायाधीश पोक्सो अधिनियम हटा के द्वारा आरोपी शेर सिंह यादव निवासी शाहपुरा थाना बानसूर जिला अलवर राजस्थान की जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया है। पैरवी कर्ता लखन सिंह भवेदी, अति. डीपीओ ने बतरया कि थाना रनेह में दर्ज अपराध क्रमांक 11-20 धारा 363, 366 क, 376(2) द, भादवि 56 पॉक्सो एक्ट प्रकरण में दाखिल जमानत अर्जी को खारिज कर दिया गया है।प्रकरण के संक्षिप्त विवरण अनुसार थाना रनेह अन्तर्गत घटना दिनांक 18-1-20 को प्रार्थियऻ की अवयस्क लड़की स्कूल परीक्षा देने को कहकर चली गई थी। प्रार्थि ने लड़की की तलाश रिश्तेदारी व आस पास में की। जिसका पता न लगने के बाद प्रार्थियऻ की रिपोर्ट पर थाना रनेह में अपराध पंजीबद्ध किया गया था। जिसके आधार पर थाना रनेह द्वारा तलाश किए जाने पर पता चला कि आरोपी शेर सिंह यादव निवासी शाहपुरा थाना बानसूर जिला अलवर राजस्थान नाबालिग लड़की को अपने साथ भगाकर ले गया था और उसके साथ गलत काम करता रहा। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया। आरोपी द्वारा विशेष (पॉक्सो) न्यायधीश हटा के समक्ष जमानत आवेदन पेश किया गया। दिनांक 7 सिंतबर 20 को माननीय विशेष (पॉक्सो) न्यायधीश हटा द्वारा अभियोजन के तर्क वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से श्रवण कर आरोपी का जमानत आवेदन निरस्त किया गया। अभियोजन की ओर से पैरवी श्री लखन सिंह भवेदी, अति. डीपीओ द्वारा की गई।
वन एवं वन्य प्राणी अधिनियम संरक्षण के तहत अभियुक्तों की जमानत याचिका खारिज..
दमोह। न्यायालय श्रीमान जेएमएफसी तेंदूखेड़ा जिला दमोह ने वन एवं वन्य प्राणी अधिनियम संरक्षण के तहत अभियुक्त हीरालाल पिता जगन्नाथ विश्वकर्मा निवासी लकलका तथा चंदन लोधी निवासी नयाखेड़ा की जमानत याचिका खारिज कर दी है। मामले में शासन की ओर से पैरवी कर्ता श्रीमती श्रद्धा श्रीवास्तव एडीपीओ तेंदूखेड़ा ने बताया कि घटना दिनांक 21 अगस्त 20 को नौरादेही अभ्यारण के आरक्षित प्रतिबंधित क्षेत्र आरएफ 141 बीट लकलका गेम परिक्षेत्र झापन से अभियुक्त चंदन ने हरा सगौना राष्ट्रीय कृत वनोपज 3-4 दिन पूर्व काट कर अपने घर ले जाकर अभियुक्त हीरालाल के साथ चिरान कर रहे थे।
अभियुक्तगण के पास चिरान करने का कोई शासकीय दस्तावेज नहीं था। अभियुक्तगण के विरुद्ध भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26(ड), वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 27, 29, 50, 51, 52 जैव विविधता अधिनियम 2002 की धारा 2(ग), 3, 58 मध्य प्रदेश कास्ठ चिरान विनियमन अधिनियम 1984 की धारा 4(ख), 5(ग) लोक संपत्ति हानि निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3-7 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर न्यायालय तेंदूखेड़ा में पेश किया गया। अभियुक्तगण की ओर से तेंदूखेड़ा न्यायालय में जमानत हेतु आवेदन पेश किया गया। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत तर्कों के आधार पर अभियुक्तगण की जमानत निरस्त की गई। अभियोजन की ओर से पैरवी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती श्रद्धा श्रीवास्तव द्वारा की गई। सतीश कपस्या वन एवं वन्य प्राणी अधिनियम जिला समन्वयक नियुक्त किया गया है और तेंदूखेड़ा तहसील स्तर पर वनों से संबंधित प्रकरण मैं अभियोजन के लिए श्रीती श्रद्धा श्रीवास्तव एडीपीओ को अधिकृत किया गया है।
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