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श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान के तीसरे दिन तीर्थंकर बनने सोलह कारण भावना के अर्घ चढ़ाए.. प्रत्येक मंत्र में अनंत शक्ति छुपी होती है’ आचार्यश्री निर्भयसागर.. कुण्डलपुर में अरहद चक्र महामंडल विधान का शुभारंभ..

 प्रत्येक मंत्र में अनंत शक्ति छुपी होती है’ आचार्यश्री 

दमोह। वैज्ञानिक संत आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज के ससंग सानिध्य में श्री सिद्धचक्र महा मंडल विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ चल रहा है । विधान के तीसरे दिन तीर्थंकर बनने के लिए सोलह कारण भावना के सोलह जल आदि अर्थ चढ़ाकर सिद्ध परमेष्टियों की की आराधना की गई । 

विधान के मध्य आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज ने मंत्रों का महत्व बताते हुए कहा प्रत्येक मंत्र में अनंत शक्ति और अनंत अर्थ छुपा होता है । साधना के माध्यम से उस मंत्र की सिद्धि करके उस शक्ति को उद्घाटित करना होता है । जिस प्रकार एक वटवृक्ष के छोटी से बीज में विशालकाय का वृक्ष छुपा होता है उसी प्रकार एक छोटे से मंत्र में अनंत शक्ति और अर्थ छुपा होता है। इसी कारण भगवान तीर्थंकर जिन देव ओंकार ध्वनि में उपदेश देते हैं । ओंकार ध्वनि बीजाक्षर रूप होती है। मंत्र सिद्धि के लिए मन की एकाग्रता जरूरी है । जिसका मन बस में नहीं होता उसके लिए मंत्र जब जपना कोई मायने नहीं रखता। वही कितने भी मंत्र जाप कर ले लेकिन कभी सिद्धि नहीं होती है। मंत्र एक आध्यात्मिक अदृश्य शक्ति है जो आत्मा की शक्ति से संचालित होती है। मंत्रआत्मा भावना के अनुसार काम करता है। 

आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज ने कहा धर्म करने का उद्देश्य सांसारिक सुखों की प्राप्ति का नहीं होता बल्कि आत्मा की सिद्धि करने का होता है । धर्म करने वाली धर्मात्मा का उद्देश्य परमात्मा बनने का होता है । धर्म स्वयं को देखने का और स्वयं से करने का कार्य है दूसरों को दिखाने का नहीं । धर्म स्व संवेदन प्रत्यक्ष अनुभूति करने का कार्य है । आचार्य श्री ने कहा जैन धर्म और जैनेतरा धर्म में मात्र इतना अंतर है जैन धर्म कहता है हम ब्रह्मा जैसे अंश हैं जबकि हिंदू धर्म कहता है हम ब्रह्मा के अंश हैं । जैसे ब्रह्मा ने जन्म लिया था वैसे हमने भी जन्म लिया है ,जैसे उन्होंने आत्म साधना करके  ब्रह्मपने को प्राप्त किया है । वैसे  ही हम भी प्राप्त कर सकते हैं । 

आचार्य श्री ने कहा सच्ची आस्था वाले धर्मात्मा को पाषाण में परमात्मा देता है पत्थर नहीं । नारी में उपासना दिखती है वासना नहीं। आज आचार्य श्री का पड़गाहन करके आहार दान का सौभाग्य पत्रकार अटल राजेन्द्र जैन परिवार को प्राप्त हुआ।


कुण्डलपुर में अरहद चक्र महामंडल विधान का शुभारंभ

दमोह। कुंडलपुर में आर्यिका संघ के मंगल सानिध्य में अरहद चक्र महामंडल विधान का विद्या भवन में शुभारंभ हो गया अष्टांनका महापर्व में चलने वाले इस विधान का समापन 29 नवंबर को होगा इसमें आर्यिका रत्न ऋजु मति माताजी, आर्यिका रत्न पूर्णमति माताजी आर्यिका रत्न उपशांत मति माताजी का मंगल सानिध्य एवं मंगल उद्बोधन प्राप्त होगा।कुंडलपुर कमेटी के प्रचार मंत्री सुनील वेजिटेरियन ने बताया कि कोरोना काल के चलते इसमें बहुत कम लोगों को सहभागी किया गया है इसके पूर्व प्रथम दिवस विधान की घटयात्रा एवं ध्वजारोहण के साथ विधान का शुभारंभ हुआ। इस मौके पर कुंडलपुर क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष संतोष सिंघई, देवेंद्र सेठ, नवीन निराला, संतोष इलेक्ट्रीकल, नेम कुमार सराफ, शैलेंद्र मयूर, जिनेंद्र उस्ताद, संदीप सरल आदि की उपस्थिति रहीं।


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