Header Ads Widget

आयुर्वेदिक चिकित्सकों को जनरल सर्जरी और ENT के PG डाक्टर्स को सर्जरी की अनुमति प्रदान करने पर.. नीमा ने प्रधान मंत्री को कृतज्ञता ज्ञापन प्रेषित किया.. प्रेस कांफे्रस में रखी अपनी बात..

नीमा ने प्रेस कांफे्रस करके भी अपनी बात रखी..

दमोह। सेन्ट्रल कौसिंल आफ इंडियन मेडीसन द्वारा हाल में प्रकाशित राजपत्र के अनुसार आयुर्वेद में शल्य (जनरल सर्जरी) और शालाक्य (ई.एन.टी.) के पोस्ट ग्रेजुएट डाक्टर्स को 58 शस्त्र क्रियाए (सर्जरी) करने की इजाजत प्रदान की गयी है। यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि मार्डन सर्जरी के जनक के रूप में आचार्य सुश्रुत को पूरी दुनिया ने माना है। यह राजपत्र प्रकाशित करने के लिए केन्द्र शासन, आयुष मंत्रालय एवं स्वास्थ्य मंत्रालय का आभार प्रकट करने एन.आई.एम.ए. जिला शाखा दमोह के समस्त चिकित्सकों ने 10 दिसम्बर 2020 को प्रधानमंत्री जी श्री नरेन्द्र मोदी को अभिनंदन एवं कृतज्ञता ज्ञापन प्रेषित किया है।

नीमा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डाॅ. विजय राजपूत ने उस अवधारणा का खंडन किया है जिसमें एलोपैथिक और आयुर्वेदिक चिकित्सकोें के बीच मतभेद पैदा किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक चिकित्सकों के सर्जरी पेशा में आने के बाद एलोपेथिक चिकित्सकों को किसी प्रकार की क्षति नहीं होगी न उनके व्यवसास पर किसी प्रकार असर पड़ेगा। लेकिन समाज के जो महंगा उपचार नहीं करा पाते। उनके लिए आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा सर्जरी की सुविधा बेहद ही कम शुल्क में सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क ही उपलब्ध हो जायेगी। सरकार का यह कदम चिकित्सा जगत के लिए अभूतपूर्व साबित होगा। 

पत्रकारों के सवालों का जबाव देंते हुए डाक्टर राजकुमार पटैल ने कहा फिस्टुला, बवासीर, आंख, कान, गला, हाइड्रोसिल, हार्निया, अपेेडिक्स सहित करीब 58 प्रकार के छोटे बड़े आपरेशन अव आयुष अधिकारी कर सकेगें इसके लिए केंद्र सरकार द्व़ारा निर्धारित मापदंडो को पूरा करना होगा। जिसमें नीट के जरिए एग्जाम क्वालीफाई करने वाले चिकित्सकों को सरकारी खर्च पर ही 3 साल तक की सर्जरी की शिक्षा प्राप्त करनी होगी। उसके बाद वह चिकित्सक पूरे भारत में कही पर भी उपरोक्त 58 प्रकार की सर्जरी कर सकेंगे।

बैठक के पश्चात नीमा के पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के धन्यवाद ज्ञापित करते हुए एक धन्यवाद ज्ञापन कलेक्टर तरूण राठी को सौंपा। इसमें उन्होंनें केंद्र सरकार के फैसल का स्वागत करते हुए कहा कि जो विश्वास सरकार ने आयुर्वेदिक चिकित्सकों पर जताया है वह उसे कायम रखेंगे। इसमें विशेष रूप से उपस्थित डाॅ. विजय सिंह राजपूत, जिला अध्यक्ष डाॅं. सी.एल. नेमा, सरक्षक डाॅं. अनिल चैधरी, प्रवक्ता डाॅं. राजकुमार पटैल, मीडिया प्रभारी डाॅं. सुरेन्द्र पटैल अन्य सदस्य डाॅं. चेतन जैन, डाॅं. सौरभ चैधरी, डाॅं. आशुतोष गुप्ता, डाॅं. सुबोध जैन, डाॅं. नीरज विश्वास, डाॅं. एच.एस. सूर्यवंशी, डाॅं. आई के. जैन, डाॅं बी बी. नेमाड़े, डाॅं. श्रीपाद श्रेड्ये, डाॅं. आर.के. गागरा, डाॅं. आर.पी. श्रीवास्तव, डाॅं. अर्क कीर्ति विधार्थी, डाॅं. एम.एल. नेमा, डाॅं. प्रभाकर पाठक। उक्त जानकारी मीडिया प्रभारी डाॅ.सुरेन्द्र पटैल जी द्वारा दी गई।


Post a Comment

0 Comments