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जिसके अंदर दुख को सहने की शक्ति आ जाती है वह दुनिया में सबसे शक्तिशाली व्यक्ति बन जाता है.. वैज्ञानिक संत आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज नसिया जी से जबलपुर नाका जैन मंदिर पहुंचे.. रास्ते मे जन जन जागरण ऑफिस में पड़े गुरुवर के चरण..

असावधानी का नाम ही असंयम है- आचार्य श्री निर्भय सागर

दमोह। वैज्ञानिक संत आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज ससंघ नसिया जैन मंदिर से जबलपुर नाका स्थित जैन मंदिर पहुंचे । वहां प्रतिदिन प्रातः 9 बजे से मंगल प्रवचन होंगे एवं 10 तारीख से पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव प्रारंभ होगा। 
नसिया जी जैन मंदिर में आचार्य श्री ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा दुख के कारण इन्द्रिय और मन की दास्तां है। अज्ञान, मोह , असावधानी, आलस्य एवं अव्यवस्था है।  असावधानी का नाम असंयम है। सावधानी का नाम संयम है । मोहिनी कर्म आत्मा को पर पदार्थों की ओर ले जाता है और आत्मा की अनंत शक्ति को उद्घाटित नहीं होने देता है। इसलिए मोहिनी कर्म सबसे बलशाली कर्म कहा जाता है। ज्ञान और वैराग्य से युक्त साधु के सामने मोहिनी कर्म डर कर भाग जाता है। इसलिए सबसे कमजोर मोहिनी कर्म है। 

आचार्य श्री ने कहा मूर्ख अज्ञानी व्यक्ति वह है जो कार्य के बिगड़ जाने पर अथवा दुख दर्द आ जाने परअपने कर्मों को दोष ना देकर परमात्मा और पर व्यक्तियों को दोष देता है। ज्ञानी पुरुष दूसरों को दोष ना दे कर अपने कर्मों को दोष देता है। दुख को सहना सीखो, समय पर रहना सीखो, प्रतिकूल परिस्थितियों में रहना सीखो यह एक बड़ी साधना है, कला है और दुख से छुटकारा पाने का उपाय हैं। गुरु के पास रहने से शब्दों का ज्ञान ,अनुभव का भंडार और चरित्र का पिटारा मिलता है। जिसके अंदर दुख को सहने की शक्ति आ जाती है वह दुनिया में सबसे शक्तिशाली व्यक्ति बन जाता है। दुख से मत घबराओ मेरे प्राणी । दुख तो जीवन का श्रृंगार है। सुख को पाने के लिए विचारों में अनेकांत लाना चाहिए। वचनों में स्यादवाद लाना चाहिए और जीवन में अहिंसा लाना चाहिए। कर्म धारा से हट कर ज्ञान धारा से जुड़ना चाहिए।  ज्ञान धारा से जोड़ने पर सच्चा ध्यान होता है। ध्यान की अवस्था में जीव दुख दर्द भूल जाता है।ध्यान रूपी अग्नि से दु:ख देने वाले कर्म जल कर नष्ट हो जाते हैं।
जन जन जागरण ऑफिस में पड़े आचार्य श्री के चरण..

नसिया जी मंदिर से रविवार दोपहर जबलपुर नाका जैन मंदिर के लिए बिहार कर रहे आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज जैसे ही जिला अस्पताल के समीप अंबेडकर चौक पहुंचे तो वहां पर पत्रकार अटल राजेंद्र जैन उनसे जन जन जागरण के कार्यालय में चलकर चरण रज रूपी मंगल आशीष देने का विनम्र आग्रह किया। जिसके बाद वात्सल्य मूर्ति गुरुवर श्री निर्भय सागर जी महाराज के पावन चरण संघ सहित Atal न्यूज़ 24 एवं जन जागरण न्यूज ऑफिस की और बढ़ते देर नहीं लगी।

आचार्य श्री के साथ मुनि राजो ने आफिस में न्यूज़ अपडेट सिस्टम की जानकारी लेते हुए अपना मङ्गलमयी आशीर्वाद प्रदान करते हुए अपनी चरण रज से कार्यालय को पावन पवित्र कर हम सभी को धन्य किया। जय जय गुरुदेव..

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