एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का हुआ आयोजन
ग्वालियर। नगर के प्रसिद्ध श्रीमंत माधवराव सिंधिया शासकीय आदर्श विज्ञान महाविद्यालय में बुधवार को "भारत में आपदा प्रबंधन की हाल की चुनौतियां" विषय पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार में हमारे देश के 17 राज्यों के अतिरिक्त कनाडा, बांग्लादेश, नेपाल, सीरिया और कोलम्बिया देश के विद्वानों ने सहभागिता कर अपने विचार प्रस्तुत किये।
महाविद्यालय के स्वामी विवेकानंद केरियर रोजगार मार्गदर्शन के तत्वाधान में आयोजित इस वेबिनार का शुभारंभ प्राचार्य डाॅ बी पी एस जादौन ने दीप प्रज्वलित कर किया। प्राचार्य जादौन ने ही स्वागत भाषण और अतिथियों के परिचय की रश्म अदायगी की। कार्यक्रम की संयोजक डां नीलम भटनागर ने वेबिनार के विषय का पटाक्षेप किया उन्होंने आपदा प्रबंधन के इतिहास वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों को रेखांकित किया।
नई दिल्ली से ब्रेगेडियर विनोद दत्ता वेबिनार के प्रमुख वक्ता रहे उन्होंने बताया कि वैश्विक प्राकृतिक आपदाओं ने 2.5 मिलियन से अधिक लोगों की जान ले ली है। 1950 की तुलना में इको नुकसान 15 गुना अधिक है । हर साल वैश्विक नुकसान डॉलर 520bn का नुकसान है। भारत में हर साल 4334 जानें चली जाती हैं। 2% जीडीपी के करीब इको नुकसान होता है। विश्व के अधिकतम 20 प्रदूषित शहर में से 14 शहर भारत के है। इस दौरान डां अनुज अग्रवाल, चेयरमेन - सेंटर फार रिसर्च सायबर क्राइम एंड सायबर ला, ने साइबर क्राइम पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने साइबर अपराध को रोकने और सावधानियों पर भी बात की।
बांग्लादेश की राजधानी ढाका से जुड़े डॉ अब्दुल्ला अल अरब ने प्राकृतिक आपदा प्रबंधन में तकनीकी उपयोगिता के बारे में बताया उन्होंने कहा कि तकनीकी संसाधनों के प्रबंधन और उपयोग से आपदा का बेहतर प्रबंधन किया जा सकता है। डां शाद उमेर फारुख ( नाइजीरिया), ने आपदा के दौरान आपातकालीन संचार के बारे में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा की वायरलेस, रेडियो, आपदा प्रबंधन में संचार के सबसे उपयोगी उपकरण है। डां जयंत भिड़े, रीजनल वाइस प्रेसिडेंट सी एस आई ने नेपाल के काठमांडू में जो आकस्मिक भूकंप आया था इसके बारे में अपनेअनुभवों को सांझा किया। डां भिड़े एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने काठमांडू भूकंप आपदा पर सक्रियता और तत्परता से काम किया इसमें स्वयं सेवी संस्थाओं से संवाद और कार्यक्रम तय कर युवाओं को भी मोटिवेट करने में महती भूमिका निभायी थी जिसके कारण आप अखबारों की सुर्खियों में भी रहे थे।
कार्यक्रम का सफल संचालन डां राजश्री मिश्रा, संचार सहयोग डां अंजु नागर एवं सोहिनी चक्रवर्ती ने तथा आभार व वेबिनार का सारांश डां ए सी रघुवंशी ने व्यक्त किया। वेबिनार में पांच सौ से अधिक व्यक्तियों ने पंजीयन कराया।
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