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सर्व ब्राह्मण समाज की दर्शन यात्रा.. उज्जैन में श्री महाकालेश्वर जी के दर्शन पूजन करते हुए.. इंदौर के समीप भगवान श्री परशुराम जी जन्मस्थली जाना पाव पहुँची.. जगह जगह विप्र बंधुओ की ओर से यात्रा का भव्य स्वगत किया गया..

 सर्व ब्राह्मण समाज की दर्शन यात्रा परशुराम जी जन्मस्थली जाना पाव पहुँची 

दमोह/इंदौर । दमोह जिले से सर्व ब्राह्मण समाज के विप्र बंधुओ की दर्शन यात्रा 6 अप्रैल को दोपहर 2 बजे परशुराम टेकरी पर भगवान परशुराम जी का पूजन कर रवाना हुई। पं मनोज देवलिया के नेतृत्व में गाड़िया का काफिला शाम 7 बजे सागर पहुँचा जहां सागर में पं भरत तिवारी जी पं पप्पू तिवारी, अजय दुबे, रामप्रसाद तिवारी ने सभी विप्र बंधुओं का भव्य स्वगत करते हुए सभी विप्र बंधुओं को भोजन करवाया गया इसके उपरांत भोपाल, सीहोर ,देवास होते हुए यात्रा सुबह 6 बजे उजैन पहुँची। रास्ते मे जगह जगह विप्र समाज के बंधुओ की ओर से यात्रा का भव्य स्वगत किया गया। सभी विप्र बंधुओं ने सुबह 9 बजे उज्जैन में भगवान श्री महाकालेश्वर जी के दर्शन कर सभी के सुख शांति व मंगल की कामना महाकाल बाबा से की।

दोपहर एक बजे यात्रा उज्जैन से इंदौर होते हुए भगवान श्री परशुराम जन्मस्थली जानापाव पहुंची इंदौर से 52 किलोमीटर की दूरी पर महू तहसील में जानापाव पहाड़ी स्थित है यहां भगवान परशुराम की जन्मस्थली है भगवान परशुराम जन्मस्थली पर सभी विप्र बंधुओं ने पूजन अर्चन किया यहां पर उपस्थित महंत श्री परमहंस जी महाराज ने जानापाव पहाड़ी के विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि विंध्याचल पर्वत श्रेणियों पर जानापाव पहाड़ी स्थित है यहां से चंबल नदी का उद्गम हुआ है  भगवान श्री हरि विष्णु के अवतार भगवान परशुराम जी के पिता जमदग्नि ऋषि ने अनेक वर्षो तपस्या की और यहां ही भगवान परशुराम का जन्म हुआ जिसके साक्ष्य यहां विद्यमान हैं। 

 दिव्य ब्रह्मकुंड जिसका जल कभी समाप्त नहीं होता पृथ्वी तल से अत्याधिक ऊंचाई पर कुंड में अत्यधिक मात्रा में जल रहता है जो कभी खत्म नहीं होता यह आश्चर्य का विषय है जिस पर अनेक वैज्ञानिक आज भी रिसर्च कर रहे हैं यहां पर भगवान परशुराम के पिता जमदग्नि ऋषि ने अनेक वर्ष कठोर तप किया तब भगवान शिव ने स्वयं यहां प्रकट होकर उन्हें अपना आशीर्वाद प्रदान किया और भगवान शिव स्वयं यहां विराजमान हो गए आज भी पहाड़ पर भगवान शिव जमदग्निश्वर महादेव के रूप में विराजमान है

 चारों ओर ऊंची ऊंची पहाड़ियां अनेक प्राचीन मंदिर भैरव मंदिर ,श्री ब्रम्ह कुंड मंदिर गौशाला यहां स्थित है अनेक साधु संतों का यहां  आज भी निवास कर तप कर रहे है अति प्राचीन रमणीय स्थान मन को मोह लेता है वर्तमान में यहां मंदिर जीर्णोद्धार गौशाला संत सेवा अनेक सेवा के प्रकल्प जारी है विप्र समाज के बंधुओं ने यहां के समिति के ट्रस्ट के सदस्यों से यहां अन्य विकास कार्य कराने की संभावनाओं को लेकर चर्चा की विस्तृत चर्चा की।

यात्रा 7 अप्रैल को शाम 6 बजे वापिस दमोह पहुँची यह पूर्णतया धर्मिक यात्रा थी जिमसें दमोह से विप्र बंधु पं योगी पांडे, ऋषि तिवारी, नरेंद्र दुबे, रजनीश तिवारी, राम दुबे, अंबर मिश्रा, रोहित कुड़ेरिया, पंकज शुक्ला, तुलसीराम तिवारी, गोलू चैबे, नीरज तिवारी, निर्देश अवस्थी, राहुल चोबे, राहुल उपाध्याय, दुर्गेश ब्रह्मपुरिया, अभिषेक त्रपटी, टोनी चैबे सहित अनेक विप्र बंधुओ की उपस्थिति रही। दर्शन यात्रा पर पं शंकर गौतम की रिपोर्ट

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