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कुंडलपुर में निर्यापक मुनि श्री योग सागर जी महाराज के ससंघ चातुर्मास मंगल कलशो की स्थापना का भव्य समारोह सानंद संपन्न.. प्रथम कलश राजा भैया सूरत, दूसरा कलश प्रीतेश अर्णव छिंदवाड़ा, तृतीय कलश कपूरचंद श्रेयांश भैया अशोकनगर ने स्थापित किया..

 कुंडलपुर में 11 चातुर्मास मंगल कलशो की स्थापना

दमोह। कुंडलपुर में निर्यापक मुनि श्री योग सागर जी महाराज के ससंघ मंगल सानिध्य में चातुर्मास के मंगल कलशो की स्थापना का भव्य समारोह सानंद संपन्न हुआ। प्रथम कलश राजा भैया सूरत ने दूसरा कलश प्रीतेश अर्णव छिंदवाड़ा ने एवं तृतीय कलश कपूरचंद श्रेयांश भैया अशोकनगर ने स्थापित करने का सौभाग्य प्राप्त किया। इस तरह भक्त गणों के द्वारा 11 कलशो की स्थापना की गई।

 समारोह के शुभारंभ में बालिका मंडल के द्वारा मंगलाचरण नृत्य के साथ प्रस्तुत किया गया कुंडलपुर क्षेत्र कमेटी के साथ देश के विभिन्न भागों से आए गणमान्य व्यक्तियों ने बड़े बाबा एवं आचार्य श्री के चित्र अनावरण के पश्चात ज्ञान ज्योति का प्रज्वलन किया आचार्य विद्यासागर जी महाराज की मंगल पूजन की गई। दमोह के विभिन्न मंदिरों के महिला मंडलों ने समस्त गाना कर शानदार अर्ग समअर्पित किए मुनि संघ को शास्त्र भेंट किए गए। राष्ट्रीय कवि चंद्रसेन ने अपने काव्य पाठ से वातावरण को ऊर्जा मय बना दिया। 

इस मौके पर मुनि संघ के लौकिक जीवन के माता पिता का सम्मान किया गया। मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज ने अपने मंगल उद्बोधन में कहा कि बड़े बाबा बुंदेलखंड के प्राणों में बसे हैं छोटे बाबा ने हमें आदेश दिया है कि बड़े बाबा के यहां पहुंचे वहां बहुत बड़ा कार्य होना है उनके ही आदेश से हम यहां आए हैं उन्होंने कहा है कि बड़े बाबा जब बुलाएंगे तो हम भी आएंगे। 

निर्यापक मुनि श्री योग सागर जी महाराज ने कहा कि बड़े बाबा के विशाल मंदिर का निर्माण पूर्णता की ओर है और इसके पश्चात भव्य पंचकल्याणक होना है उसी की तैयारी हेतु छोटे बाबा ने हमें बड़े बाबा के यहां पहुंचाया है आचार्य श्री के विशेष कृपा से हम यहां आए हैं आप लोग आचार्य श्री को तो बहुत मानते हो किंतु आचार्य श्री की बात कम मानते हो भावनाओं को महत्व दिया जाता है भावना से ही प्रभावना होती है दान परिग्रह का प्रायश्चित है दान में अहंकार नहीं करना चाहिए दान में नाम नहीं होना चाहिए दान तो पाप त्याग का उपाय है हमारा सौभाग्य है कि हमें बुंदेलखंड के द्वार पर दीक्षा प्राप्त हुई राजस्थान राजाओं का प्रदेश है किंतु बुंदेलखंड महाराजाओं का देश है भगवान की भक्ति ऐसी करो कि जीवन का कल्याण हो जाए।

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