गुरु सत्य की मूर्ति है उनका दर्शन सत्य का दर्शन है- मुनि श्री योग सागर जी महाराज
दमोह। कुंडलपुर में पर्यूषण पर्व के पांचवे दिवस उत्तम सत्य धर्म पर निर्यापक श्रमण मुनि श्री योग सागर जी महाराज ने अपने मंगल प्रवचनों में कहा कि पर्व का पाँचवा दिवस है। सत्य को शब्दोति के माध्यम से कहना अति कठिन है सत्य शब्दातीत है। सत्य बोलो ऐसा बोलो किसी को धक्का ना लगे गुरु सत्य की मूर्ति है उनका दर्शन सत्य का दर्शन है। उनकी उपासना सत्य की उपासना है हम जानते है। सत्य बोलना चाहिये पर हम ज्ञान का अनादर करते है हमने सत्य को नही समझा इसलिये संसार मे असत्य के कारण भटक रहे है। इसके पूर्व प्रातः काल बड़े बाबा के अभिषेक के पश्चात शांति धारा संपन्न हुई तथा जैन धर्म के 9वें तीर्थंकर भगवान पुष्य दंत का मोक्ष कल्याणक अति उत्साह पूर्वक मनाया गया मुनि संघ के मंगल सानिध्य में निर्वाण लाडू चढ़ाया गया।
दमोह। कुंडलपुर में पर्यूषण पर्व के पांचवे दिवस उत्तम सत्य धर्म पर निर्यापक श्रमण मुनि श्री योग सागर जी महाराज ने अपने मंगल प्रवचनों में कहा कि पर्व का पाँचवा दिवस है। सत्य को शब्दोति के माध्यम से कहना अति कठिन है सत्य शब्दातीत है। सत्य बोलो ऐसा बोलो किसी को धक्का ना लगे गुरु सत्य की मूर्ति है उनका दर्शन सत्य का दर्शन है। उनकी उपासना सत्य की उपासना है हम जानते है। सत्य बोलना चाहिये पर हम ज्ञान का अनादर करते है हमने सत्य को नही समझा इसलिये संसार मे असत्य के कारण भटक रहे है। इसके पूर्व प्रातः काल बड़े बाबा के अभिषेक के पश्चात शांति धारा संपन्न हुई तथा जैन धर्म के 9वें तीर्थंकर भगवान पुष्य दंत का मोक्ष कल्याणक अति उत्साह पूर्वक मनाया गया मुनि संघ के मंगल सानिध्य में निर्वाण लाडू चढ़ाया गया।
इसके पश्चात परम पूज्य मुनि श्री अतुल सागर जी महाराज ने अपने मंगल प्रवचनो में कहा कि जिस प्रकार एक मूर्तिकार पत्थर पर मूर्ति तरासता है तो वह पत्थर मे से पत्थर निकालता है और वह पत्थर पर मूर्ति निकालने वाली मूर्ति सजीव सी दिखने लगती है उसी प्रकार हमे अपने अंदर जो बुराइयां है उन्हे निकालने की आवश्यकता है। मन वचन काय की सत्यता होनी चाहिए सत्य कडवा लगता है होता नही है। हमे अपने जीवन को अच्छा बनाना है तो सत्य एवँ प्रिय बोलना चाहिये। सत्य को महत्व देना भी आवश्यक हैं जो सत्य बोलता है तो उसे भी प्रोत्साहित करने की आवश्यक्ता है।
पुष्पदंत भगवान के मोक्ष कल्याणक पर निर्वाण लाडू
दमोह। जैन समाज द्वारा पर्यूषण पर्व के पावन अवसर पर प्रतिदिन ब्रत उपवास करते हुए श्री जी की भक्ति की जा रही है। पर्व के पांचवे दिन उत्तम सत्य धर्म के पालन का संकल्प लेते हुए जैन मंदिरों में श्रीजी अभिषेक शांतिधारा पूजन किये जाने के साथ पुष्पदंत भगवान का निर्वाण कल्याणक मनाया गया।
श्री पारसनाथ दिगंबर जैन नन्हे मंदिर जी में पर्यूषण पर्व के अवसर पर आर्यिका रत्न सकल मति माताजी के सानिध्य में प्रतिदिन अभिषेक शांति धारा पूजन एवं मंगल प्रवचन एवं तत्वार्थ सूत्र की क्लास चल रही है। मंगलवार को माताजी ने उत्तम सत्य धर्म पर प्रवचन देते हुए इससे जुड़े अनेक वृतांत सुनाएं। वही नवमे तीर्थंकर पुष्पदंत भगवान के मोक्ष कल्याणक अवसर पर निर्वाण कांड के साथ निर्वाण लाडू चढ़ाया गया।
मंदिर जी में चल रहे आयोजनों में मंदिर समिति के अध्यक्ष गिरीश नायक महामंत्री चक्रेश सराफ कोषाध्यक्ष रानू खजूरी, राजेश हिनौती, आनंद लैब सहित अन्य सदस्यो की सक्रिय भूमिका बनी हुई है। आज उत्तम सत्य धर्म पर रात्रि में रश्मि दीदी के प्रवचन नन्हे मन्दिर मैं हुए। फेंशी ड्रेस प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया।
हथनी जैन मंदिर में निर्वाण लाडू चढ़ाया..
जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर हथनी ग्राम में स्थित श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में दस लक्षण पर्व के अवसर पर प्रतिदिन श्री जी का पूजन अभिषेक शांति विधान आदि आयोजन चल रहा है। पर्यूषण पर्व के पांचवे दिन पुष्पदंत भगवान का मोक्ष कल्याणक भक्ति भाव के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर सिंघई नरेन्द्र जैन, सुनील जैन पंडित जी,राजू जैन फोटोग्राफर, मयंक जैन, मयूर जैन, अन्नू जैन, सपन जैन, शनि, रोहित, अभिषेक, महेंद्र जैन सहित अनेक युवाओं ने धर्म लाभ अर्जित किया।
श्री आदिनाथ कांच मंदिर में सांस्कृतिक कार्यक्रम
दमोह। जैन धर्म मे आत्मकल्याण व संयम साधना के पर्व, दशलक्षण महापर्व पर प्रातः कालीन अभिषेक, विश्वशांति की कामना से शांतिधारा, पूजन विधान के साथ साथ अनेकानेक कार्यक्रम हो रहे है। दशलक्षण पर्व के संध्याकालीन कार्यक्रम में श्री आदिनाथ दिग.जैन काँच मंदिर जी मे पंडित एनआर जैन के द्वारा दश धर्मो की व्याख्या करते हुए जिनवाणी की वाचना की जा रही है। युवा मंडल द्वारा श्री जी की संगीतमय आरती में भक्तगण भक्ति में मग्न हो रहे है।
दमोह। जैन धर्म मे आत्मकल्याण व संयम साधना के पर्व, दशलक्षण महापर्व पर प्रातः कालीन अभिषेक, विश्वशांति की कामना से शांतिधारा, पूजन विधान के साथ साथ अनेकानेक कार्यक्रम हो रहे है। दशलक्षण पर्व के संध्याकालीन कार्यक्रम में श्री आदिनाथ दिग.जैन काँच मंदिर जी मे पंडित एनआर जैन के द्वारा दश धर्मो की व्याख्या करते हुए जिनवाणी की वाचना की जा रही है। युवा मंडल द्वारा श्री जी की संगीतमय आरती में भक्तगण भक्ति में मग्न हो रहे है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम की बेला में पर्व के चौथे दिवस में सखी ग्रुप काँच मंदिर द्वारा रात्रिकालीन भजन प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिंसमे प्रतिभागियों को तीन श्रेणी में रखा गया। बच्चो, महिलाओ व पुरुषों की अलग अलग श्रेणी में भाग लेकर प्रतिभागियों ने अपनी प्रस्तुति दी। निर्णायक मंडल में श्रीमती मोनिका सेठ, श्रीमती अनिता मरौठी, श्रीमती ज्योत्स्ना जैन के कुशल निर्णय के आधार पर पहले ग्रुप में प्रथम स्थान पर कु.खुशी जैन, द्वितीय स्थान कु.कुहू जैन, तृतीय स्थान पर कु.राशि जैन रही। दूसरे ग्रुप में प्रथम स्थान कु.मुस्कान जैन, द्वितीय स्थान कु.काया नेमा व श्रीमती दीप्ति जैन, तृतीय स्थान कु. राजी जैन एवं तीसरे ग्रुप में प्रथम स्थान पर महावीर जैन, द्वितीय स्थान पर महेंद्र चंदेरिया, तृतीय स्थान पर वंश जैन रहे। विशेष पुरुष्कार के विजेता श्रीमती सरोजरानी जी जैन (अमर पाटन) की विशेष प्रस्तुति रही।
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