कोरोना के नए केस शतक से महज चार कदम दूर
दमोह। जिले में जनवरी के 29 वें दिन कोरोना के 96 नए केस मिले है। इनमें दस साल के बच्चें से लेकर 62 सााल तक के बुजुर्ग शामिल है। इनमें दमोह से 06, पाठक कॉलोनी से 01, कृश्चियन
कॉलोनी से 01, जबलपुर नाका से 02, फुटेरा वार्ड नं 04 से 01, अभिनाश कॉलोनी से 01,
तीनगुल्ली से 01, सागर नाका से 01, फुटेरा वार्ड नं 01 से 01, बजरिया वार्ड नं 7 दमोह
से 01, नया बाजार नं 02 से 01, सुभाष कॉलोनी से 01, फुटेरा से 01, गायत्री गेट के पास
से 01, फुटेरा वार्ड नं 02 से 01, सुरेखा कॉलोनी से 02, विवेकानंद कॉलोनी से 01, धरमपुरा
वार्ड दमोह से 01, सिविल वार्ड नं 04 से 01, सिद्धी विनायक कॉलोनी से 01, पुराना थाना
दमोह से 01, बिलवारी मुहल्ला से 01, सिविल वार्ड नं 08 से 01, जटाशंकर कॉलोनी से
01, विवेकानंद नगर से 02, विजय नगर से 01, गढी मुहल्ला से 01, स्टेशन चौराहा से
01, वैशाली नगर से 01, पुलिस कॉलोनी से 01, धगट चौराहा से 01, धौबातला से 01, नेमी
नगर से 01, बड़ापुरा से 01, महुआ खेड़ा से 01, हिण्डोरिया से 08, आमचौपरा से 02, पिपरिया
टिकरी से 05, पिपरिया से 03, खडेरा से 01, भाटिया से 01, मुडा से 01, खमरिया से
01, कुम्हारी से 01, सिहोरा से 01, नरसिंहगढ़ से 01, कोडारमनी से 01, खिरियाशंकर से
01, पथरिया से 05, लखरोनी से 02, गुगरा से 01, सजरियाहार से 01, कनारी से 01, मिराजपुर
से 06, बोतराई से 02, तेंदूखेड़ा से 01, झालोन से 01 मरीज शामिल हैं। 06 की डिटेल जानकारी
आनी शेष हैं। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाँ संगीता त्रिवेदी
ने दी।
रोको टोको अभियान तहत 78 पर जुर्माना
दमोह। कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत जिले में रोको टोको अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत बिना मास्क लगाए लोगों पर चालानी कार्यवाही प्रति व्यक्ति 100 रुपये के मान से की जा रही है। इसी क्रम में आज दमोह में 08, हटा में 19 पथरिया में 5, तेंदूखेड़ा में 6, बटियागढ़ में 20, पटेरा में 16 एवं जबेरा में 4 व्यक्तियों पर चालानी कार्यवाही की गई। इस प्रकार आज 78 व्यक्तियो पर चलानी कार्यवाही कर 7800 रूपए जुर्माना बसूला गया।
ट्रेनिंग पूरी कर गांव लोटे जबाज सिपाही पुस्पेंद्र सिंह लोधी ग्रामीणों ने किया भव्य स्वागत..
दमोह।
बटियागढ़ ब्लॉक की आदर्श ग्राम पंचायत गढोल के किसान का बेटा भारतीय सेना
में भर्ती हो गया ट्रेनिंग पूरी करके जब गांव लौटा तो ग्रामीणों की खुशी का
कोई ठिकाना नहीं रहा ग्रामीणों ने उस का जोरदार स्वागत किया जैसे ही
ग्रामीणों को जानकारी मिली तो ग्रामीणों ने ढोल नगाड़े बैंड बाजा कन्धे पर
बैठाकर पुष्पेन्द्र सिंह का स्वागत किया। सेना में भर्ती जवान दृढ़ संकल्प कड़ी मेहनत के कारण यह मुकाम हासिल किया।
फौजी पुष्पेंद्र लोधी ने बताया वह
11दिसंबर 2020 को उड़ीसा के गोपालपुर में ट्रेनिंग के लिए गए थे 13 माह बाद
अपने ग्रह ग्राम में वापिस हुये और बताया रोजाना 8 घंटे पढ़ाई करता था
उसका बस एक ही लक्ष्य था उसे देश की सेवा करना कठिन मेहनत लगन के कारण उसका
सेना में चयन के बाद हुआ उसी के साथी अन्य लड़के भी तैयारी में जुटे है
और पुष्पेंद्र सिंह ने बताया आज में जो कुछ भी हू मेरे माता पिता रिटायर्ड
मेजर जनरल आर एस ठाकुर रिटायर्ड प्रोफेसर मुलायम सिंह ठाकुर एवं टेंनर
मनोज कुमार साहू कि देन है देश हित में हमे जहां भी भेजेंगे पूरी निष्ठा
लगन के साथ ड्यूटी करेंगे।
मैं तो तन्हा ही निकला था घर से मगर, इक मुसाफ़िर मिरा हमसफ़र हो गया"- ताबिश नैयर
दमोह।
जिले की ऊर्दू साहित्यक संस्था अदबी इदारे सलामी की एक काव्य गोष्ठी
नशिस्त का आयोजन हुआ इस संस्था के संस्थापक रहे प्रसिद्ध शायर नैयर दमोही
जिन्होंने दमोह की ऊर्दू शायरी को ना सिर्फ हिंदुस्तान तक सीमित रखा बल्कि
अंतराष्ट्रीय मंचो पर भी दमोह और मध्यप्रदेश को पहचान दिलाई उन्हीं के
द्वारा स्थापित ऊर्दू साहित्यिक संस्था इदारे सलामी के शायरों ने बीती रात
एक तरही काव्य गोष्ठी नशिस्त में शायरो ने एक से बढ़कर एक गज़लें सुनाई और
ख़ूब वाहवाही लूटी। कार्यक्रम कोविड प्रोटोकॉल के तहत संस्था के शायरों ने ही
हिस्सा लिया। गोष्ठी संस्था के अध्यक्ष शायर मंज़र दमोही के निवास पर
आयोजित हुई जिसमें बज़्म के सभी शायरों ने तरही मिसरा "" इक मुसाफ़िर मिरा हम
सफर हो गया "" पर अपना कलाम सुनाया जिसमें शायर राशिद दमोही ने कहा "" माँ
के कदमों में ख़म जिसका सर हो गया। समझो जन्नत में उसका भी घर हो गया""।
वहीं शायर अहसन दमोही ने वर्तमान के हालात को अपनी शायरी में इस अंदाज़ से
बयां किया के उपस्थित लोगों की जमकर वाहवाही लूटी
उन्होंने बड़े सादगी भरे लहज़े में कहा "जब से रहबर बना है मिरा राहज़न,
ज़िंदगी के लिए दर्दे सर हो गया"
इसके अलावा ऊर्दू शायरी के माध्यम से अपने पिता शायर नैयर दमोही की तरह दमोह और मध्यप्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रौशन कर रहे शायर ताबिश नैयर ने अपने सुरीले अंदाज़ में अपनी गज़ल पेश करते हुए कहा "मैं तो तन्हा ही निकला था घर से मगर ,इक मुसाफ़िर मिरा हमसफ़र हो गया। शायर कबीर अख़्तर दमोही ने पढ़ा "सच जो बोला क़लम
उसका सर हो गया , बोलकर झूँठ वो ताजवर हो गया। शायर मंज़र दमोही ने अपनी ग़ज़ल
में कहा "आप जब से हुये मेरे घर जलवागर,नूर से मेरा मामूर घर हो गया
"महफ़िल की अध्यक्षता कर रहे साजिद दमोही ने अपनी ग़ज़ल में ज़िंदगी की असल
सच्चाई बयाँ करते हुए कहा "जब जवानी से आया ज़ईफ़ी तरफ़ ,मुझको साजिद यकीं मौत पर हो गया । मुशायरे का सफल संचालन मंज़र दमोही ने किया
0 Comments