आचार्य द्वय का मंगल मिलन बांसा मे हुआ
दमोह। आचार्य श्री १०८ अभिनंदन सागर जी महाराज के शिष्य आचार्य उदार सागर जी एवं आचार्य विराग सागर जी महाराज के प्रिय शिष्य आचार्य विनम्र सागर जी महाराज (भक्तामर वाले बाबा) का मंगल मिलन धर्म नगरी बांसा तारखेड़ा मे हुआ।
मुनिसुव्रत युवा संघ के मीडिया प्रभारी गौरव सिंघई ने बताया कि सोमवार को आचार्य विनम्र सागर जी महाराज का ससंघ मंगल प्रवेश बांसा नगरी मे हुआ और आचार्य श्री उदार सागर जी महाराज से मंगल मिलन हुआ। समाज के सभी लोगो ने अपने घर से आचार्य द्वय का पाद प्रक्षालन एवं आरती करके भव्य आगवानी की। इसके बाद आचार्य द्वय ससंघ के साथ मंदिर पहुँचे और अपनी दिव्य देशना से सभी जन समुदाय को कृतार्थ किया।
सागर नाका जैन मंदिर में भव्य मंगल आगवानी आज
दमोह। गणाचार्य 108 श्री विराग सागर जी महाराज के शिष्य 108 आचार्य श्री विभव सागर जी ससंघ एवं 108 आचार्य श्री विहर्ष सागर जी ससंघ की मंगल आगवानी पथरिया फाटक ओवर ब्रिज से एवं आचार्य श्री विनम्र सागर जी ससंघ की मंगल आगवानी आज मंगलवार को प्रातः 9.30 बजे सागर नाका मंदिर मे होगी। आप सभी साधमीँजन मंगल आगवानी में सम्मिलित होकर धर्म लाभ उठावे। पूज्य मुनि संघ 50 पिच्छी की आहार चर्या जैन धर्मशाला नन्हे मंदिर से संपन्न होगी। सकल जैन समाज से विनम्र निवेदन है कि चौका लगाकर मुनि संघ की आहार चर्या अपने चौके में करवा कर पुन्यार्जन करें।मुनि श्री प्रशांत सागर जी को श्रद्धा सुमन अर्पित
दमोह।
वसुंधरा नगर जैन धर्मशाला में छल्लक श्री नए सागर जी महाराज के मंगल
सानिध्य में निर्यापक मुनि श्री प्रशांत सागर जी महाराज जीके देवलोक गमन पर
एक श्रद्धांजलि धर्म सभा का आयोजन किया गया सभा के प्रारंभ में दिगंबर जैन
पंचायत अध्यक्ष सुधीर सिंघई पंचायत के धार्मिक आयोजन मंत्री संजीव
शाकाहारी एवं वसुंधरा नगर समिति अध्यक्ष कमल सिंघई के साथ मंदिर कमेटी के
सदस्यों ने आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के चित्र अनावरण के पश्चात
ज्ञान ज्योति का प्रज्वलन किया
इस मौके पर ब्रह्मचारी हरीश भैया एवं विकास
भैया ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि मुनि श्री एक महान संत थे
उन्होंने अपने छोटे से जीवन काल में ही अपने ज्ञान एवं ध्यान से धर्म
प्रभावना का बहुत बड़ा कार्य किया है वह एक कठोर तपस्वी संत थे उन्हें सदैव
स्मरण करके श्रावक गण प्रेरणा पाते रहेंगे छल्लक श्री नए सागर जी महाराज ने
कहा कि मुनि श्री प्रशांत सागर जी महाराज ने अपनी कम उम्र में ही ज्ञान की
साधना एवं अपने तपआदि क्रियाओं से अपने कर्मों का नाश कर उत्कृष्ट चर्या
का पालन कर एक आदर्श प्रस्तुत किया है
उन्होंने अनेक ग्रंथों का अध्ययन कर
श्रेष्ठ लेखन कार्य किया जो कि हम सबके लिए अनुकरणीय है कार्यक्रम में
सन्मति युवा मंडल के द्वारा भजनों की प्रस्तुति की गई कार्यक्रम का संचालन
सुनील वेजिटेरियन ने किया..
0 Comments