हटा बुन्देली मेला के मंचीय कार्यक्रम का शुभारंभ
दमोह।
हटा बुन्देली मेला 2023 के मंचीय कार्यक्रम का शुभारंभ बुन्देली ध्वज
पहराने के साथ हुआ, जिसे नगर के समाजसेवी, वरिष्ठ नागरिक इमरत राय के
द्वारा फहराया गया, मंच पर अतिथियों की अगवानी मंगल दीप कलश लिये नन्ही
नन्ही बालिकाओं के द्वारा की गई, मां सरस्वती, भगवान शंकर की पूजन
अतिथियों ने की, अतिथियों को सम्मान स्वरूप पगडी पहनाई गई, नगर पालिका
परिषद के अध्यक्ष शैलेन्द्र खटीक, उपाध्यक्ष प्रशांत पाठक एवं समस्त
पार्षदों के द्वारा अतिथियों का पुष्प माला से सम्मान किया गया।
मेला
संरक्षक प्रदीप खटीक ने बताया कि हमारी संस्कृति, विरासत, लोककला
साहित्य, परम्पराओं को बचाने के लिए नगर पालिका द्वारा मेला का आयोजन
किया जा रहा है, इसके साथ ही गौरवशाली संस्कृति को बचाने हटा नगर पालिका
एक मील पत्थर साबित होगी, अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष रंजीता पटैल ने कहा
कि हमारी बुन्देली बोली में अपनापन दिखाई देता है जो मधुर ही नहीं सरल,
साभ्य और रिस्तों को जोडने वाली है।
भोपाल से पधारे कांग्रेस नेता सचिन
नायक ने भी सभी को संबोधित किया, अतिथि में जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष
रतन चन्द जैन, कल्लन जैन, ठाकुर अबीर सिंह, गर्वेश साहू, जवाहर राय,
सुरेश चन्द्र छिरोल्या, मथुरा पटैरिया, मनोज जैन, शशिकांत दुबे, सुनील
बजाज, घनश्याम यादव, ब्रजेश गुप्ता, अंजार खान, लखन कोरी, कैलाश
ताम्रकार, लालू छिरोल्या, सरमन ताम्रकार सहित बडी संख्या में अतिथि
उपस्थित रहे।
नगर
में विगत कई वर्षो से विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उत्कृष्ट सेवा देने
वाले परिवार के वरिष्ठजनो का सम्मान नगर पालिका परिषद के द्वारा किया
गया, लोकगीत
गायक महेन्द्र दुबे एवं रामकुमार प्रजापति ने बुन्देली लोकगीत के
माध्यम से अतिथियों व आमजन का अभिवादन किया, सागर से छात्र छात्राओं के
द्वारा बधाई नृत्य, नौरता नृत्य के साथ विविध बुन्देली सांस्कृतिक से
संबंधित प्रस्तुती दी, राई नृत्य ने भी सभी को बहुत समय तक बांधे रखा, प्रथम
दिवस में व्हालीवाल, कवड्डी, खो खो, चम्मच गदबद, बोरा गदबद, अठ्ठू, चोपर
आदि खेल भी खेले गये, मेला में विभिन्न खेलों के लिए 50 से अधिक टीमें
मेला में आई हुई है जो निरंतर अपनी टीम को विजय दिलाने हर संभव प्रयास किये
जा रहे है, दोपहर में हमारा नाती हमारी नातिन का
आयोजन किया गया।
जिसमें छोटे छोटे बच्चों के द्वारा बुन्देली बोली में
अपने परिवार का परिचय बताया। मेला परिसर में लगे व्यंजन मेला में 260
महिलाओं, बालिकाओं, वृद्धाओं के द्वारा बुन्देली व्यंजन के स्टाल लगाये
हुए थे, प्रत्येक प्रतिभागी के द्वारा पांच से अधिक प्रकार के व्यंजन
तैयार किये गये, जिसे अतिथियों ने बडे शौक से चखा, इस व्यंजन मेला में नगर
पालिका स्टाफ से मीना असाटी, चन्द्रकला पाण्डेय, चांदनी तंतुवाय,
सारिका खरे, मुन्नी पाण्डेय, मिथलेश ताम्रकार का सराहनीय सहयोग रहा, वही
निर्णायक मंडल में वंदना बजाज, सरोज चौबे, शिल्पा खुराना, सोनिया ग्रोवर,
निवेदिता दुआ, मनीषा दुबे रही, बुन्देली रसोई में सभी अतिथियों को भोजन
कराया गया। मुख्य नगर पालिका अधिकारी राजेन्द्र खरे ने सभी का आभार
व्यक्त किया। हटा से संजय जैन की खबर
भक्ति के बिना मुक्ति असंभव- पं.नीलमणी दीक्षित
दमोह। ग्राम पंचायत नरसिंहगढ़ में आयोजित संगीतमयी रामकथा के छठवे दिवस पं.नीलमणी दीक्षित ने उपस्थित कथा श्रोताओं को रामकथा का श्रवण कराते हुए कहा कि रामचरित मानस में तुलसीदास जी की एक चौपाई है कि ढोल गवार शुद्र पशु नारी सकल ताड़ना के अधिकारी यह शब्द उन्होंने किसी ताड़ना के लिए नहीं किया है बल्कि ढोल को अधिक पीटा जाये वह फट जाता है गवार पर यदि ध्यान नहीं दिया पशु पर विशेष निगाह नही रखी जाये और नारी की सुरक्षा न की जाये इसका तात्पर्य यही है तुलसीदास जी के शब्दों को समझना कठिन है किन्तु जब भावार्थ निकलता है तो वह सरल होता है।
दमोह। ग्राम पंचायत नरसिंहगढ़ में आयोजित संगीतमयी रामकथा के छठवे दिवस पं.नीलमणी दीक्षित ने उपस्थित कथा श्रोताओं को रामकथा का श्रवण कराते हुए कहा कि रामचरित मानस में तुलसीदास जी की एक चौपाई है कि ढोल गवार शुद्र पशु नारी सकल ताड़ना के अधिकारी यह शब्द उन्होंने किसी ताड़ना के लिए नहीं किया है बल्कि ढोल को अधिक पीटा जाये वह फट जाता है गवार पर यदि ध्यान नहीं दिया पशु पर विशेष निगाह नही रखी जाये और नारी की सुरक्षा न की जाये इसका तात्पर्य यही है तुलसीदास जी के शब्दों को समझना कठिन है किन्तु जब भावार्थ निकलता है तो वह सरल होता है।
कथा प्रारंभ में व्यास पीठ की आरती कथा
संयोजक अजय टंडन द्वारा की गई और उन्होंने बताया कि कथा में पहुंचने के लिए
आसपास क ग्रामवासियों को लाने जाने की व्यवस्था की गई हैं। श्री दीक्षित
ने कहा कि माता पिता के प्रति बच्चों का हमेशा सर्मपण होना चाहिए। जो
व्यक्ति मानव होता है वह सर्वश्रेष्ठ होता है आज हम व्यक्ति अपने बच्चों को
डाक्टर बनाना चाहता है इंजीनियर बनाना चाहता है लेकिन सबसे पहिले
सांस्कारित मानव बनाये। कथा में आस पास के ग्रामवासियों फैक्ट्री प्रबंधन
के कर्मचारियों के अलावा अतुल टंडन, नवीन तिवारी, नीतेश पाठक सहित अनेक
श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही।
महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने काबड़ियों का स्वागत किया
दमोह। जिला महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती रजनी ठाकुर ने हजारों की
संख्या में चल रहे काबड़ियों का बम्हौरी मानगढ़ ग्राम रोड महादेवघाट
एवं मुआर तिगड्डा पर पुण्प वर्षा कर स्वागत किया। ग्वारी घाट जबलपुर से
नर्मदा माई का जल लेकर बांदकपुर जा रहे कावड़ियां जागेश्वर महादेव को जल
चढ़ाने महाशिव रात्रि पर्व पर हजारों की संख्या में पैदल चल कर जा रहे हैं।
बम्हौरी सरपंच प्रतिनिधि राहुल राय, रोड सरपंच विक्रम सिंह, मुआर मनगुवा
सरपंच नन्ने भाई सींग, पूर्व सरपंच संतोष सिंह, सुजान सिंह, राजू राय, अमित
ठाकुर, पं खूब लाल बम्हौरी सहित ग्रामीणों ने किया स्वागत।
आज जागेश्वर नाथ महादेव बनेंगे दूल्हा,..
दमोह। देव
श्री जागेश्वर नाथ जी मंदिर बांदकपुर में आज 18 फरवरी फाल्गुन चतुर्दशी
शिवरात्रि को बिधि बिधान के साथ जागेश्वर महादेव पार्वती का विवाह होगा
मंदिर ट्रस्ट के प्रवक्ता आचार्य पंडित रवि शास्त्री जी महाराज ने बताया कि
ग्यारह ब्राह्मणो के द्वारा रूद्राभिषेक कराया जाएगा एवं रात्रि मे विधिवत
वैवाहिक संस्कार होगा।
महाशिवरात्रि पर चार प्रहर की पूजा में अलग-अलग
दूध दही घी शक्कर शहद से अभिषेक करने से महादेव कृपा करते हैं पहले प्रहर
में दूध चढ़ाएं. इससे कर्ज से छुटकारा मिलता है. दूसरे प्रहर में दही से
अभिषेक करें, इससे संतान सुख और वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है. तीसरे
प्रहर में घी से अभिषेक करें, कहते इससे धन लक्ष्मी आकर्षित होती, व्यक्ति
को नौकरी और कारोबार में तरक्की मिलती है. चौथे प्रहर में शहद की धारा
बनाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं इससे अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है।
महाशिवरात्रि
के नाम से ही स्पष्ट होता है इस दिन रात्रि में शिव की पूजा की जाती है.
रात के चारों प्रहरों में जागकर शिव जी का अभिषेक करना चाहिए. शिवरात्रि
पर शिव जी और पार्वती जी पृथ्वी के भ्रमण पर निकलते हैं. इस रात में जो लोग
भक्ति करते हैं, उन्हें शिव-पार्वती की विशेष कृपा मिलती है. जीवन में सुख
का आगमन होता है।
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 18 फरवरी 2023 को शाम 5 बजकर 31 पर शुरू हो रही है और अगले दिन 19 फरवरी 2023 को शाम 3 बजकर 7 मिनट पर समाप्त होगी। शिवमहापुराण के अनुसार महाशिवरात्रि की पूजा मे बेलपत्र चढ़ाने का महत्व बताया गया है. कहते हैं शिव को पति के रूप में पाने के लिए देवी पार्वती ने बिना-अन्न जल के सालों तक तपस्या की थी.वह सालों तक दिन-रात शिवलिंग पर एक लौटा जल और बेलपत्र से महादेव की उपासना करती थीं शिवपुराण के अनुसार देवी पार्वती ने ही शिव को सबसे पहले बेलपत्र चढ़ाया था. अगर शिवजी की पूजा के लिए कई तरह की चीजें उपलब्ध न भी हो और सिर्फ एक बिल्वपत्र चढ़ा दिया जाए तो उससे पूजा का पूरा फल मिलता है. वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है, शिव के समान जीवनसाथी मिलता है।
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 18 फरवरी 2023 को शाम 5 बजकर 31 पर शुरू हो रही है और अगले दिन 19 फरवरी 2023 को शाम 3 बजकर 7 मिनट पर समाप्त होगी। शिवमहापुराण के अनुसार महाशिवरात्रि की पूजा मे बेलपत्र चढ़ाने का महत्व बताया गया है. कहते हैं शिव को पति के रूप में पाने के लिए देवी पार्वती ने बिना-अन्न जल के सालों तक तपस्या की थी.वह सालों तक दिन-रात शिवलिंग पर एक लौटा जल और बेलपत्र से महादेव की उपासना करती थीं शिवपुराण के अनुसार देवी पार्वती ने ही शिव को सबसे पहले बेलपत्र चढ़ाया था. अगर शिवजी की पूजा के लिए कई तरह की चीजें उपलब्ध न भी हो और सिर्फ एक बिल्वपत्र चढ़ा दिया जाए तो उससे पूजा का पूरा फल मिलता है. वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है, शिव के समान जीवनसाथी मिलता है।





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