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PG कालेज में पोषण क्विज प्रतियोगिता आयोजन.. ज्ञानचंद्र श्रीवास्तव स्मृति पुरस्कार मानस भवन में 2 को.. स्थाई कर्मचारी पीडब्ल्यूडी की पथरिया में बैठक.. अमृत कलश में मिट्टी अर्पित कर किया वीरों को नमन.. भगवान से बढ़कर कोई और सुख और संपदा नहीं.. किशोरी वैष्णवी गर्ग

 महाविद्यालय में पोषण क्विज प्रतियोगिता आयोजन

दमोह। ज्ञानचन्द्र श्रीवास्तव शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय दमोह के रेड रिबन क्लब के सदस्यों एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों द्वारा “राष्ट्रीय पोषण माह सितंबर 2023“ के अन्तर्गत प्राचार्य डॉ. के.पी. अहिरवार के मार्गदर्शन एवं रेड रिबन  क्लब प्रभारी डॉ.मीरा माधुरी महंत तथा जितेंद्र कुमार चौधरी, जिला संगठक रासेयो  के नेतृत्व में महाविद्यालय के वनस्पति शास्त्र विभाग में विद्यार्थियों को जागरुक करने पोषण क्विज प्रतियोगिता का आयोजन “पोषण की बात युवाओं के साथः आपका पोषण आपके हाथ“ विषय पर किया गया।

इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग दमोह से परियोजना अधिकारी श्रीमती सुलेखा ठाकुर, पर्यवेक्षक अर्पिता नाथन, सरस्वती यादव एवं सहायक संचालक शालीन शर्मा जी की टीम उपस्थित रहें हैं। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य डॉ. अहिरवार ने बढ़ते कुपोषण की समस्या को गम्भीर बताते हुए स्वयं के खान-पान में सुधार पर जोर दिये, इसी क्रम में वनस्पति शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.एन आर सुमन ने अत्यंत लाभकारी “सहजन“ के पौधे पर अपना व्यक्तव्य दिए, परियोजना अधिकारी श्रीमती ठाकुर ने बाल्यकाल से बड़े होने तक किस पोषण युक्त भोजन का सेवन करें कि कुपोषण छू ना सके,पर जानकारी साझाकर किये। 
क्विज प्रतियोगिता में लगभग 50 छात्र-छात्राओं ने सहभागिता किए। सभी विद्यार्थियों को चार टीमों में विभाजित कर अलग-अलग नाम टीम ए (रोहित चौरसिया), टीम बी (राजनन्दिनी लोधी), टीम सी (राहुल विश्वकर्मा) एवं टीम डी (अंकित मुंडा) दिया गया, सभी टीम को व्हाईट बोर्ड के माध्यम से कंप्यूटर स्किन आधारित क्विज पूछा गया, जिसमें टीम सी (राहुल विश्वकर्मा) ने ज्यादा प्रश्नों के उत्तर देकर प्रथम स्थान प्राप्त किये और जीते हुए टीम को प्रमाण-पत्र तथा पुरस्कार वितरित किये गये। इस अवसर पर महाविद्यालय के अधिकारी डॉ. जी. पी. अहिरवार, डॉ. नेहा जैन, डॉ. ऋषिभा दिक्षित (अतिथि विद्वान), श्रीमती सरिता सराफ, माधव सिंह एवं अन्य विद्यार्थी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
ज्ञानचंद्र श्रीवास्तव स्मृति पुरस्कार मानस भवन में 2 को
दमोह। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन बेंगलुरू ( इसरो )की सीनियर साइंटिस्ट इंजीनीयर सुश्री रेणुका अग्रवाल ,एव महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय छतरपुर की कुलपति डॉ शुभा तिवारी के मुख्य आतिथ्य में इस वर्ष  प्रसिध्द स्वतंत्रता सेनानी ,संस्थापक प्राचार्य स्व श्री ज्ञानचंद्र श्रीवास्तव जी की स्मृति में जिले की सर्वोच्च शैक्षणिक प्रतिभाओ का सम्मान मानस भवन, जिला चिकित्सालय के सामने 2 अक्टूबर, सोमवार को दोपहर ठीक 2 बजे से 4 बजे तक आयोजित होगा। इस अवसर पर मिशन चंद्रयान, मंगलयान, आदित्य एल 1 की टीम में सम्मिलित रेणुका अग्रवाल का विशेष उद्बोधन एव जिज्ञासाओं का समाधान भी होगा।स्वर्गीय श्री ज्ञानचंद्र श्रीवास्तव स्मृति न्यास द्वारा सभी नागरिको से समय पर उपस्थिति की अपील की है।
स्थाई कर्मचारी पीडब्ल्यूडी की पथरिया में बैठक संपंन
दमोह। स्थाई कर्मचारी पीडब्ल्यूडी द्वारा पथरिया में बैठक का आयोजन किया गया। समस्त कर्मचारियों द्वारा अपनी अपनी मांग पर चर्चा की गई है मे जिसमें 4 अक्टूबर को भोपाल में आमसभा हेतु भोपाल चलने हेतु आग्रह किया गया। 
बैठक में जिला अध्यक्ष बबलू ठाकुर, जिला उपाध्यक्ष मुकेश तिवारी, संतोष खरे, कीरत सिंह ठाकुर, हीरा लाल ठाकुर, गोपाल प्रजापति, रामदयाल पटेल, गुलजार पटेल, राम चरण कुर्मी, लक्ष्मण रजक, करीब सेन, रज्जू अहिरवार, तेल रमेश अहीरवाल, रीवा साहू, तुलसी पटेल, राजन दुबे समस्त कर्मचारी बैठक में उपस्थित रहें।
अमृत कलश में मिट्टी अर्पित कर किया वीरों को नमन
दमोह। गृह मंत्रालय एवं युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश पर नेहरू युवा केंद्र के जिला युवा अधिकारी सुधीर सिंह एवं लेखपाल तेजखान के मार्गदर्शन में अभियान जिला प्रभारी एवं यूथ अचीवर्स कृष्णा पटैल के नेतृत्व में जन अभियान परिषद दमोह से संबंध्द संस्था छात्र सर्व कल्याण समिति दमोह के विशेष सहयोग से मेरी माटी मेरा देश अभियान के द्वितीय चरण के अंतर्गत आज दमोह नगर में अनेक जगह संपर्क अभियान चलाया गया उपस्थित जनों ने अमृत कलश में मिट्टी और चावल अर्पित कर वीरों को नमन किया।
इस दौरान प्रमुख रूप से वरिष्ठ साहित्य नरेन्द्र दुबे पीजी कॉलेज दमोह प्राचार्य डॉ. केपी अहीरवाल, दमोह जनपद अध्यक्ष प्रीति राजु कमल ठाकुर, जिला पंचायत सदस्य रजनी ठाकुर, जनपद उपाध्यक्ष प्रतिनिधि दीपक सिंह परिहार, वरिष्ठ पत्रकार दिनेश प्यासी, आजम खान, डॉ. नवीन दुबे, कवियत्री बबीता चौबे,अंकुश श्रीवास्तव, हटा से पुष्पराज शर्मा, आशीष तंतुवाय, शंकर गौतम, अंशु दुबे, अक्षय दीक्षित, प्रकाश पटेल, वीरेंद्र चक्रवर्ती, रोहित जैन, शशिकांत, प्रदीप शर्मा की उपस्थित रही।
भगवान से बढ़कर कोई और सुख और संपदा नहीं
दमोह। पुराने डीईओ ऑफिस में चल रही श्रीमद् भगवत कथा में दूसरे दिन कथा वाचक किशोरी वैष्णवी गर्ग ने  कहा कि पितृ पक्ष जिसे श्राद्ध भी कहा जाता है, श्राद्ध पूर्णिमा के साथ शुरू होकर सोलह दिनों के बाद सर्व पितृ अमावस्या के दिन समाप्त होता है। ऐसा माना जाता है कि श्राद्ध के समय, पूर्वजों को अपने रिश्तेदारों को आशीर्वाद देने के लिए पृथ्वी पर आते हैं। श्राद्ध कर्म की व्यख्या रामायण और महाभारत दोनों ही महाकाव्य में मिलती है।
पितृ पक्ष का महाभारत से एक प्रसंग..श्राद्ध का एक प्रसंग महाभारत महाकाव्य से इस प्रकार है, कौरव-पांडवों के बीच युद्ध समाप्ति के बाद, जब सब कुछ समाप्त हो गया, दानवीर कर्ण मृत्यु के बाद स्वर्ग पहुंचे। उन्हें खाने मे सोना, चांदी और गहने भोजन के जगह परोसे गये। इस पर, उन्होंने स्वर्ग के स्वामी इंद्र से इसका कारण पूछा।
इस पर, इंद्र ने कर्ण को बताया कि पूरे जीवन में उन्होंने सोने, चांदी और हीरों का ही दान किया, परंतु कभी भी अपने पूर्वजों के नाम पर कोई भोजन नहीं दान किया। कर्ण ने इसके उत्तर में कहा कि, उन्हें अपने पूर्वजों के बारे मैं कोई ज्ञान नही था, अतः वह ऐसा करने में असमर्थ रहे। तब, इंद्र ने कर्ण को पृथ्वी पर वापस जाने के सलाह दी, जहां उन्होंने इन्हीं सोलह दिनों के दौरान भोजन दान किया तथा अपने पूर्वजों का तर्पण किया। और इस प्रकार दानवीर कर्ण पित्र ऋण से मुक्त हुए।
 पितृ दोष निवारण के सरल उपाय.पितृ दोष तो घर में कलह, अशांति, धन की कमी और रोग ,मान-सम्मान की हानि, पिता से विवाद, बहुत मेहनत के बाद भी सफलता न मिलना या फिर बने बनाए काम का बिगड़  जाना.   किशोरी जी ने बताया पितृ दोष निवारण के सरल उपाय जो आप श्रवण कर रहे हैं श्रीमद भागवत कथा, प्रत्येक अमावस्या को ब्राह्मणों को भोजन कराएं। अर्ध-कुंभ-स्नान के दिन भोजन, वस्त्र, कंबल का दान करें। वट वृक्ष पर नियमित रूप से जल चढ़ाएं। गाय, गली के कुत्तों और जानवरों को भोजन और दूध दें।आप पर ठाकुर जी की असीम कृपा है. जिसकी वजह से आप आज पितृ पक्ष में कथा का आनंद ले रहे है. नारद जी के पूर्व जन्म की कथा वा व्यास जी द्वारा भागवत बनाना, अमरकथा और शुकदेवजी के जन्म का वृतांत का विस्तार से वर्णन किया गया।
श्रीमद् भागवत महापुराण कथा में यह भी बताया कि अगर आप भागवत कथा सुनकर कुछ पाना चाहते हैं. कुछ सीखना चाहते है तो कथा में प्यासे बन कर आए. कुछ सीखने के उद्देश्य से, कुछ पाने के उद्देश्य से आएं, तो ये भागवत कथा जरूर आपको कुछ नहीं बल्कि बहुत कुछ देगी. मनुष्य का जीवन सांसारिक भोग में नहीं कृष्ण भक्ति में बिताएं. मनुष्य जीवन विषय वस्तु को भोगने के लिए नहीं मिला है. लेकिन आज का मानव भगवान की भक्ति को छोड़ विषय वस्तु को भोगने में लगा हुआ है.उसका सारा ध्यान संसारिक विषयों को भोगने में ही लगा हुआ है. मानव जीवन का उद्देश्य कृष्ण प्राप्ति शाश्वत है. उन्होंने कहा कि हमारे जीवन का उद्देश्य कृष्ण को पाकर ही जीवन छोड़ना है और अगर हम ये दृढ़ निश्चय कर लेंगे कि हमें जीवन में श्री कृष्ण को पाना ही है तो हमारे लिए इससे प्रभु से बढ़कर कोई और सुख, संपत्ति या सम्पदा नहीं है.
भागवत कथा श्रवण करने वालों का सदैव कल्याण करती है. भगवत कथा के समय स्वयं श्रीकृष्ण आपसे मिलने आए हैं. जो भी इस भागवत के तट पर आकर विराजमान हो जाता है, भागवत उसका सदैव कल्याण करती है. उन्होंने कहा कि बिना जाति और बिना मजहब देखे इनसे आप जो मांगे यह आपको मनवांछित फल देती है और अगर कोई कुछ न मांगे तो उसे मोक्ष पर्यंत तक की यात्रा कराती है. मुख्य यजमान श्रीमती श्रीमती द्रोपती सिंह ठाकुर पुत्र महेंद्र प्रताप सिंह ठाकुर आशीष सिंह ठाकुर ने सभी धर्म प्रेमी जन से कथा श्रवण की अपील की है।

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