राजपूत क्षत्रिय महासभा ने कराया पुनर्विवाह..
दमोह। दो वर्ष पूर्व जिसकी
मांग अंगारों से दहक उठी थी आज उसकी मांग फिर से सितारों से झिलमिला उठी
है। यह बात राजपूत क्षत्रिय महासभा के संरक्षक इंजी. अमर सिंह राजपूतने,
सोमवती चौहान को शुभाशीष प्रान करते हुये कहीं। ज्ञात हो बड़ौदा ग्राम के
निवासी एवं राजपूत समाज बटियागढ ब्लाक के पूर्व अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह
चौहान को शुभाशीष प्रदान करते हुये बात रखी। वटियागढ़ तहसील के पूर्व
अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह चौहान के परिवार के एक बच्चे की दो वर्ष पूर्व
मृत्यु के बाद. सोमवती चौहान के उपर पहाड़ साट पड़ा था, एक तरफ स्वयं का
वीरान सा लंबा वैधव्य जीवन, साथ में अपने दो बच्चे और विधवा बूढ़ी सांस की
परवरिश करना, आदि पारिवारिक स्थिति से जूझ रहा था, राजपूत क्षत्रिय महासभा
द्वारा विगत 29 वर्षो से मृत्यु भोज प्रथा को खत्म करने का निर्णय लिया गया
था उस पर आज दिनांक तक समाज कायम रहकर समाज के लोगों द्वारा इसे स्वीकार
किया गया..
इसी के तरह एक निर्णय राजपूत क्षत्रिय महासभा द्वारा सामाजिक बैठकों, एवं अन्य मंचों से समाज के प्रबुद्धजनों ने पुनर्विवाह जैसे समाज सुधार की भी प्रेरणा दी जाती रही है, जो ग्राम बरोदा में पूर्ण हुई, इस प्रथा को अपनाने में उसी ग्राम के अविवाहित युवक पुष्पराज सिंह राजपूत ने आगे आकर सोमवती चौहान का हाथ थामने का निर्णय लिया, उन्होनें उस महिला के दो बच्चों के साथ साथ उसकी बूढी सांस को भी मां का दर्जा देकर उन सब की परवरिश की जवाबदारी ली, शंकर, हनुमान मंदिर बरोदा में आयोजित एक सादे कार्यक्रम में राजपूत समाज के सैकड़ों लागों की उपस्थिति मतें दोनों परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में एक दूसरे को वरमाल पहनाकर जीवन साथी के रूप में स्वीकार किया, इस अवसर पर दोनों परिवार के रिश्तेदारों के अलावा बटियागढ़, हटा, पटेरा एवं दमोह के समाज के सैकड़ों लोगों द्वारा नवदम्पत्ति को शुभाशीष देने उपस्थित रहें, इस शुभ अवसर पर महासभा के संरक्षक देवी सिंह राजपूत, जिला अध्यक्ष राकेश सिंह हजारी, कार्यकारी अध्यक्ष धन सिंह राजपूत, वरि. उपाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह राजपूत, कोषाध्यक्ष बलवान सिंह ठाकुर, कार्यालय मंत्री राम सिंह राजपूत, पटेरा अध्यक्ष खिलान सिंह पवैया, गोविंद सिंह राजपूत, हटा अध्यक्ष बृजेन्द्र सिंह राजपूत, अरविंद सिंह राजपूत, विजय सिंह राजपूत, बटियागढ़ अध्यक्ष राघवेन्द्र सिंह राजपूत, युवा सभा के उपाध्यक्ष धीरज सिंह राजपूत एवं सभी ब्लाकों के पदाधिकारी की उपस्थिति रहीं।
पथरिया कालेज में कारगिल विजय दिवस मनाया गया.. दमोह। उच्च शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश शासन के निर्देशानुसार माधवराव सप्रे शासकीय महाविद्यालय पथरिया में कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के समक्ष्य दीप प्रज्वलित करके की गई. कार्यक्रम में प्राचार्य विनय वर्मा द्वारा उद्घाटन भाषण दिया गया, जिसमें उन्होंने कारगिल युद्ध की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम में विभिन्न छात्राओं ने भाग लिया।
कार्यक्रम के उद्बोधन में डॉक्टर सरिता नेमा द्वारा देश की सुरक्षा में सैनिकों की भूमिका पर प्रकाश डाला कार्यक्रम में प्रशासनिक अधिकारी डॉ. गजेंद्र नामदेव, डॉ खुदैजा परवीन अंसारी, डॉ जगदीश अहिरवार, श्री सुरेंद्र सोनी, डॉ पुष्कर, श्री रूपक जैन इत्यादि अधिकारियों की उपस्थिति रही। कारगिल विजय दिवस पर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाई गई एवं छात्र-छात्राओं ने परिचर्चा में अपने विचार व्यक्त कर पोस्टर प्रतियोगिता में भाग लिया इस कार्यक्रम मैं छात्र-छात्राओं की सहभागिता रही कार्यक्रम का संचालन डॉ. हरिओम सोनी द्वारा किया गया. कार्यक्रम के अंत में डॉ.देवेंद्र विश्वकर्मा ने आभार व्यक्त किया।सपा युवजन सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने योगेंद्र कुशवाहा.. दमोह। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जी के निर्देश पर समाजवादी युवजन सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष फहद खान ने दमोह के योगेंद कुशवाहा को युवजन का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मनोनीत किया।
योगेंद्र कुशवाहा युवजन सभा मध्य प्रदेश के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और पार्टी नेताओं में अच्छी पकड़ रखते हैं। कल बांदकपुर दमोह सुबह 11 बजे आगमन हो रहा है कुशवाहा समाज में बहुत खुशी है स्वागत की तैयारी जोर से चल रही हैं। योगेंद्र कुशवाहा सामाजिक संगठन सम्राट अशोक क्रांति सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं।
तुलसी व प्रेमचंद जयंती के उपलक्ष्य में व्याख्यान माला सम्पन्न.. दमोह। म.प्र. हिंदी साहित्य सम्मेलन इकाई दमोह के तत्वावधान में रामकुमार विद्यालय में तुलसी जयंती व प्रेमचंद जयंती के उपलक्ष्य में व्याख्यान माला सम्पन्न हुई। कार्यक्रम अध्यक्ष डा. आर.एन.चिले, मुख्य अतिथि-वक्ता प्रोफे. डा. राणा कुंजर सिंह (शास.कला वाणिज्य महाविद्यालय सागर),तथा विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार सत्यमोहन वर्मा रहे। पुष्पा चिले (अध्यक्ष लेखिका संघ)द्वारा सरस्वती वंदना व मधुलता पाराशर द्वारा तुलसी पद गायन किया गया। तदुपरांत कथा साहित्य पुरोधा मुंशी प्रेमचंद के लेखन पर व्याख्यान करते हुए सत्यमोहन वर्मा ने कहा कि जब प्रेमचंद ने हिंदी कहानियां लिखना शुरू किया तब देश आजादी की लड़ाई लड़ रहा था, जिसमें कई विचार धारायें थीं।उन्होंने उन दिनों समाज में जन्म से लेकर मृत्यु तक व्याप्त कुरीतियों को उजागर कर, निजात दिलाने की कोशिश की।परंपरा के विकृत रूप को समाज से बाहर निकाल कर मनुष्य के सुखी जीवन को साकार रूप लेखन में दिया। उनके द्वारा लगभग 900 कहानियां 13 उपन्यास व नाटक इसी भावभूमि की विपुलता को लिए हुए लिखे हैं, जो पठनीय हैं। देश के नामचीन समीक्षक आचार्य नंददुलारे बाजपेयी का कथन है कि प्रेमचंद का “गोदान“ गद्य साहित्य में मील का पत्थर है।
संत कवि तुलसी के समग्र काव्यत्व के अंतर्गत डा. राणा कुंजर सिंह ने कहा कि तुलसी का काव्यांश लोक जीवन में सदा प्रसांगिक रहता है।इस तथ्य के मर्म को समझना होगा।उनके समग्र काव्य पर विचार करने पर हम पाते हैं कि काव्य में राम को जाने फिर तुलसी रचित काव्य को जाने। वे स्वयं कहते हैं“कीरति भनिति भूति भलि सोई,सुरसरि सम सब कर हित होई“पूरे काव्य में उनका मंतव्य है-राम अनंत, अनंत गुण अमित काव्य विस्तार- उनके राम प्रत्येक जीव में हैं।इसलिए परिणति का सहज दर्शन “परहित सरिस धर्म नहीं भाई“दिग्दर्शित होता है। उनके काव्य मर्म के सार का यह भी विंदु है कि हम अपने जीवन में दुहरे चरित्र से मुक्ति पा लें तभी जीवन की सार्थकता सिद्ध होगी।उनका सम्पूर्ण काव्य लोक मंगल तथा सामाजिक समन्वय का संवाहक है। अध्यक्ष डा.चिले जी ने कहा कि महान युगदृष्टा संत तुलसी आत्मचेता व्यक्तित्व के कवि थे।तत्कालीन उथल पुथल, असमंजस व विपरीत परिस्थितियों में व्यक्ति के भीतर विश्वास जगाने में उनका काव्य चिंतन कारगर रहा। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार नारायण सिंह ठाकुर, डा.पी.एल. शर्मा, रामकुमार तिवारी, अमर सिंह राजपूत, पी,एस.परिहार, बी.एम.दुबे, विमला तिवारी, राजलक्ष्मी पाराशर, गोविंद मिश्र, नंदकिशोर पाठक, सदन नेमा, भूपेंद्र जैन,परसोतम रजक,रिषी उपाध्याय, राजेश शर्मा प्रदीप यादव की उपस्थिति रही। इकाई अध्यक्ष रमेश तिवारी द्वारा संचालन तथा सचिव मानव बजाज द्वारा सादर आभार ज्ञापित किया गया।
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