युवाओं की पहल के बाद भरे सड़क के गड्ढे
दमोह। शहरों की सड़कों में गड्ढे तो जगह-जगह हैं अब वह घंटाघर हो तीन गुल्ली हो आंबेडकर चौराहा हो बस स्टैंड हो या जेल तिगड्डा। हर जगह की सड़क में गड्ढे ही गड्ढे हैं ऐसी ही एक सड़क जटाशंकर से कंकाली माता मंदिर को भी जाती है वहां पर सड़क पर गड्ढे ज्यादा थे। 10 दिन पूर्व युवाओं ने इन सड़क के गड्ढों में बेशर्म के पौधे रोपे थे जिनका उद्देश्य कुंभकरण निद्रा में सोए हुए प्रशासन को जगाना था और युवाओं ने चेतावनी दी कि यदि गड्ढे ना भरे गए तो इन गड्ढों का कीचड़ उनको उपहार स्वरूप दिया जाएगा परंतु यह मौका नहीं आया। प्रशासन ने सड़क के गड्ढों पर गिट्टी से भरने का कार्य चालू कर दिया है और बताया गया इसके ऊपर अभी मुरम भी डलवाई जाएगी जिससे वाहन चालकों को कोई असुविधा ना हो।
बेशरम का पौधा रोपने वाले युवाओं में से महेन्द्र राठौर अखिलेश ठाकुर ने बताया कि हम सभी का उद्देश्य प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाना था जनता को हो रही असुविधा को प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के सामने लाना था। सभी आईएएस आईपीएस विधायक नेता इस सड़क पर से गुजरते थे परंतु किसी ने भी इन गड्ढों को भरवाने की पहल नहीं की। सब अपनी गाड़ियों में बैठकर निकल जाते थे परंतु एक आम नागरिक को सड़क के गड्ढों की पीड़ा सबसे अधिक थी। उसी को ध्यान में रखते हुए हम सभी युवाओं ने मिलकर एक पहल की थी जिसका परिणाम यही रहा कि आज सड़क के गड्ढों को भरा जा रहा है। परंतु यह मुहिम केवल सड़क के गड्ढे भरने से पूरी नहीं होगी बरसात का मौसम निकलने के पश्चात यहां पर एक अच्छी सड़क बने यह हम लोग का लक्ष्य है।
ईश्वर से प्रार्थना है कि हम सभी युवाओं को ऐसा कुछ ना करना पड़े जिससे अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को कष्ट हो उसके पहले ही यदि सड़क बन जाती है तो सभी का हार्दिक अभिनंदन करेंगे। नहीं बनती है तो भी हार्दिक अभिनंदन ही करेंगे जो पूरा दमोह देखेगा। इस कार्य में सहयोगी सभी पत्रकार बंधुओं, युवाओं का जिन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से भी अपना समर्थन दिया और ऐसे सभी लोग जो अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग किया सभी का हृदय से धन्यवाद देते हैं मनहिम में मुख्य रूप से हरी रजक, संदीप रैकवार, सत्येंद्र वाल्मीकि, शुभम गुप्ता, मनीष सोनी, मोहनी जडिया, आदित्य जडिया, रुपेश चौरसिया आदि युवाओं की मुख्य भूमिका रही।
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