मोबाइल पर चल रहे गंदे ऐप बंद होना चाहिए-आचार्यश्री
दमोह। वैज्ञानिक संत आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज ने जैन धर्मशाला दमोह में प्रवचन देते हुए कहा ऑनलाइन पढ़ाई बंद होना चाहिए क्योंकि ऑनलाइन पढ़ाई के दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। बच्चे प्रतिदिन 7-8 घंटे मोबाइल में लगे रहते हैं जिससे बच्चों की आंखों में चुभन होने लगी है, आंखों का पानी सूखने लगा है आंखों के सामने चकाचैंध छाने लगी है, आंखों के सामने अंधेरा छाने लगा है, आंखों की कार्निया कमजोर होने लगी और आंखों में लालिमा आने लगी है। सिर दर्द की शिकायत, चक्कर आना, निद्रा समय पर नहीं आना, डिप्रेशन एवं सर्वाइकल की शिकायत अभी से होने लगी है।
आचार्य श्री ने कहा नादान बच्चे हित और अहित का विवेक नहीं रख पाते हैं और मोबाइल का सदुपयोग काम करते हैं और दुरुपयोग ज्यादा करते हैं क्योंकि मोबाइल में कुछ ऐसे ऐप चल रहे हैं जो बच्चों को कामुक और चारित्रिक हीनता की ओर ले जा रहे हैं। यदि बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा देना है तो सर्वप्रथम मोबाइल पर चल रहे गंदे ऐप बंद होना चाहिए। क्योंकि जिस चीज को बच्चे नहीं जानते हैं वे उसके जानने की जिज्ञासा ज्यादा रखते हैं। इसी कारण ऑनलाइन पढ़ाई कम करते हैं और गलत मार्ग पर ले जाने वाले ऐप ज्यादा देखते हैं। ऑनलाइन पढ़ाई करने से बच्चों पर 3 गुना अधिक बोझ पड़ता है, क्योंकि एक तरफ तो मोबाइल के छोटे अक्षरों वाली प्रकाश की किरणों की स्क्री न को बार बार देखना पड़ता है, दूसरी तरफ अपनी पुस्तक को भी देखना होता है, तीसरी तरफ नोटबुक में लिखना पड़ता है, जिससे एकाग्रता भंग होती है और बच्चे जल्दी थक जाते हैं।
आचार्य श्री ने कहा आज से 1 वर्ष पूर्व कहा जाता था कि बच्चे स्कूल में मोबाइल ना लाएं, मीटिंग में साहब लोग मोबाइल ना रखें, यदि है तो साइलेंट कर दें, मंदिर में मोबाइल ना ले जाएं परंतु आज इससे उल्टा देखने में आ रहा है ऐसी स्थिति में बच्चे डिप्रेशन में जा रहे हैं, आत्महत्या कर रहे हैं और स्वास्थ्य बिगाड़ रहे हैं। कोरोना महामारी के पुख्ता इंतजाम करके बच्चों को स्कूल में बुलाकर अथवा बच्चों के मोहल्ले वाई बुलाकर पढ़ाई कर आना चाहिए मोबाइल से सभी बच्चों के मां-बाप बहुत परेशान हो रहे हैं। आचार्य श्री ने यह भी कहा मोबाइल से ऑनलाइन पढ़ाई करने पर बच्चों की एकाग्रता भंग हो रही है एवं डिप्रेशन में जा रहे हैं। मोबाइल की रेडियो तरंगे बहुत अधिक घातक होती है हृदय और मस्तिष्क के लिए। मोबाइल अधिक समय तक अपने पास नहीं रखना चाहिए यह सभी जानते हैं ।ऐसी स्थिति में बच्चों के भविष्य का जिम्मेदार कौन होगा? वैसे भी प्रत्येक घर में एक एक ही बेटा बेटी है इस ओर हमारी शिक्षा विभाग की दृष्टि क्यों नहीं जा रही है?
प्रवचन के पूर्व श्री उत्तम चंद जी पार्लर, धनेश कुमार जैन दीपक स्टेशनरी, नेमीचंद जी बजाज, प्रेमचंद मुंडेरी, हुकुमचंद जी हाथना बालों के सौजन्य से शांति विधान संपन्न किया गया। ब्रह्मचारिणी मानी दीदी एवं पंडित सुरेश चंद जी दमोह वालों ने विधान की क्रियाविधि संपन्न कराई। यह विधान पूजा कोरोनावायरस से मुक्ति पाने के लिए किया जा रहा है।
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