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चोधरी मंदिर, सिंघई मंदिर एवं पलंदी जैन मंदिर में दर्पण भैया की गोद भराई.. आचार्य निर्भय सागर जी के मंगल प्रवचन आज आदिनाथ कांच मंदिर में होगे.. आचार्य उदार सागर महाराज का बांसा से नैनागिर के लिए मंगल विहार..

आचार्य निर्भय सागर महाराज के सानिध्य में गोद भराई..

दमोह। वैज्ञानिक संत आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में जबलपुर नाका पर होने जा रहे 10  से 18 फरवरी 2021 तक पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के साथ एक नई कड़ी और जुड़ गई है। आयोजन के दौरान 14 फरवरी को दोपहर 12 बजे से दिगंबर जैनेश्वरी मुनि दीक्षा भी संपन्न होगी। दीक्षा की घोषणा होने के बाद उनकी गोद भराई का कार्यक्रम किया  गया । इसके पूर्व ब्रह्मचारी भैया जी ने श्रीफल चढ़ाकर आचार्य श्री से दीक्षा का निवेदन किया।

 आचार्य श्री की प्रवचन की सभा का आयोजन रविवार को सुबह श्री सिंघई मन्दिर में हुआ। इस अवसर पर उन्होंने दीक्षा के साथ भगवान के पांचों कल्याणको का महत्व भी बताया। आचार्य श्री ने सिंघई जैन मंदिर में धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा बेटी पराई घर की हो सकती है लेकिन बेटा प२ाय घर का नहीं होता है। जब बेटी बहू बनकर पराय घर जाती है तब मां की गोद में सात प्रकार के धान्य सात अंजलि से भर कर जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस प्रकार की क्रिया करने से मां की गोद कभी खाली नहीं रहती है। बेटा कभी पराई घर का नहीं होता लेकिन जब वह घर त्याग कर गुरु से दीक्षा लेता है तब उसका अपना घर छूट जाता है, मां की गोद को भरा रखने वाला वह बालक जाता है तो मां की गोद में कुछ धान्य भर देता है कि हे मां तुम्हारी गोद कभी खाली ना रहे। यही कारण है कि दीक्षार्थी की भी गोद भराई की जाती है। दीक्षार्थी की गोद में आया हुआ धान्य दीक्षा लेन वाला उन माताओं के पल्लू में दे देता है जो गोद भरने आती है। 

 आचार्य श्री ने कहा जिस नगर में नगरवासी आपस में प्रेम वात्सल्य से रहते हैं वह नगर ही एक तीर्थ बन जाता है। दो भाई आपस में प्रेम पूर्ण व्यवहार से रहते हैं तो वे भी भगवान बन जाते हैं। दो जाति भाईआपस में एकता बनाकर मधुर व्यवहार से रहते हैं तो वह स्वर्ग की तरह सुख महसूस करते हैं। यदि देवरानी जेठानी आपस में एकता बनाकर मधुर व्यवहार से रहते हैं तो भी देवी का रूप बन जाती है। सास बहू एक साथ मधुर व्यवहार से रहती हैं तो घर शांति धाम बन जाता है। यदि साधु संत आपस में मधुर व्यवहार और एकता बनाकर रहते हैं तो उनकी वसतिका सिद्धालय बन जाती है। इसलिए हमेशा एकता और मधुर व्यवहार बनाकर रहना चाहिए।

  इस अवसर पर सुधीर सिंघई, देवेंद्र सेठ ,सवन सिल्वर, जिनेंद्र उस्ताद, अखिलेश पंडित जी, अरुण राजेश ओशो, विपिन जैन, रिंकू सिंघई, दिलेश चैधरी, महेंद्र मुंशी, महेश बड़कुल एवं महिला मंडल आदि अनेक भक्तों ने श्रीफल चढ़ाकर आचार्य श्री आशीर्वाद ग्रहण किया। आचार्य श्री के प्रवचन के बाद सिंघई मंदिर परिसर में दर्पण भैया का गोद भराई कार्यक्रम संपन्न हुआ वही आचार्य श्री ससंघ आहार चर्या के लिए सिंघई सेठ मन्दिर से दर्शन उपरांत निकले। आचार्य श्री को आहार दान का सौभाग्य मुनि श्री निर्मोह सागर जी महाराज के गृहस्थ जीवन के भाई शैलेंद्र मुक्ता बजाज परिवार को प्राप्त हुआ। 

उसके पूर्व श्री दिगंबर जैन चैधरी मंदिर में प्रातरू काल शांति धारा एवं दीक्षार्थी की गोद भराई की गई,प्शांति धारा करने का सौभाग्य श्री सुविध कुमार श्रीमती सोनिका जैन सच्चा बच्चा परिवार, सौरभ सिंघई एवं दीपचंद जैन को प्राप्त हुआ।  शाम को पलन्दी जैन मन्दिर में दर्पण भैया का गोद भराई कार्यक्रम संपन्न हुआ। 25 जनवरी सोमवार को आचार्य श्री संघ सहित प्रातः बेला में स्टेशन रोड स्थित आदिनाथ कांच मंदिर पहुंचेंगे जहां उन के मंगल प्रवचन होंगे।

आचार्य श्री उदार सागर महाराज का बांसा से गढ़ाकोटा की ओर बिहार..

दमोह। बांसा तारखेडा के दिगंबर जैन मन्दिर में शीत कालीन वाचना के बाद आचार्य श्री उदार सागर जी महाराज का संजय सहित गढ़ाकोटा की ओर बिहार हो गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में बांसा की सकल जैन समाज के अलावा अन्य समाज के लोग भी आचार्य संघ के साथ पर विहार करते हुए काफी दूर तक विदा करने गए।  

परम पूज्य आचार्य श्री 108 उदार सागर जी महाराज के साथ संघस्थ साधुओ में मुनि श्री उपशांत सागर जी महाराज, मुनि श्री सुभद्र सागर जी महाराज, क्षुल्लक श्री बाहुबली सागर जी महाराज, क्षुल्लिका उपानमती माता जी एवं उत्तीर्णमती माता जी की अगवानी कल गढ़ाकोटा में होगी। आचार्य संघ की बिहार की दिशा श्री सिद्धक्षेत्र नैनागिर जी बताई जा रही है।

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