हटा में नदी सफाई में जुटे २० से अधिक छोटे बालक..
हटा, दमोह। बुन्देलखण्ड की काशी का सौभाग्य है कि इसे गंगा, जमुना, नर्मदा रूपी सुनार नदी का किनारा मिला, इस नदी का पवित्र जल जहां किसानों की हजारों हेक्टेयर जमीन को सिंचिंत कर रही है, वहीं हटा नगर सहित इसके किनारे बसे १०० से अधिक गांवों के एक लाख से अधिक लोगों के कंठ को अपने शीतल जल से ठण्डक पहुंचा रही है, नदी विरासत में मिली है, नदी के जल को रोकने केन्द्र सरकार में मंत्री क्षेत्र के सांसद प्रहलाद पटेल ने दो वर्ष पूर्व अपने भ्रमण के दौरान स्टापडेम की उंचाई बढाने एवं अतिरिक्त स्टापडेम निर्माण की बात कही थी, नदी में पानी रोकने की बात अलग जो पानी था अब वह भी खाली होने की हालात में है,
शहर का सारा गंदा पानी नाले के माध्यम से नावघाट पर नदी में मिल रहा है, यही कारण है कि करीब ३ किलोमीटर दूरी तक गंदे नाले की गंदगी नदी में स्पष्ट देखी जा सकती है, यह गंदगी चोई जल वनस्पति बनकर पानी की उपरी सतह में स्पष्ट देखी जा सकती है, जब विरासत को आंच आते देखा तो रविवार को नन्हे हाथों ने नगर के समाजसेवियों के साथ विरासत को बचाने की जुगत लगानी आरंभ कर दी, २० छोटे बच्चों एवं २० समाज सेवियो ने आज नावघाट पर जहां सर्वाधिक गंदगी फैली थी वहां से सफाई अभियान का आरंभ किया, करीब दो घंटा तक चले सफाई अभियान में एक ट्राली कचरा नदी व घाट से एकत्र कर उसे बाहर फेंका,
समाजसेवी राजाराम गोस्वामी, अशोक चौरसिया, पुष्पेन्द्र मोनू पांडे, सोमनाथ विश्वकर्मा, अनिल साहू ने बताया कि कई गांव शहर जहां लोग पानी के लिए तरसते है वही हमें विरासत में मिली नदी को हम सुरक्षित नहीं रख पा रहे है, इसे बचाने के लिए सम्यक प्रयास की जरूरत है, बबलू राय, नारायण तंतुवाय,देवांश तंतुवाय, सौरभ कोरी, राहुल वर्मन ने कहा शासन प्रशासन के द्वारा वर्तमान में जलाभिषेक कार्यक्रम संचालित हो रहे है वही जमीनी हकीकत यहां नदी के घाटों पर देखी जा सकती है,
स्नेहा रैकवार, प्रियंका, राधा, निधि, सोनू, संजय राय, राज, राघव, अजय, जय, दीपक, अंशुल, गुड्डो, भारती, अमित, विधि, हर्षित, अमन, हर्ष ऐसे छोटे बालक बालिका थे जो भारत माता एवं गंगा मैया के जयकारे लगाते हुए घंटो नदी की सफाई करते रहे, सभी ने गंदे नाले पर स्थाई स्टापडेम निर्माण की मांग शासन प्रशासन से करते हुए अभियान तो निरंतर चलाने की बात कही।
संजय जैन की रिपोर्ट,
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