अभाना में गजरथ फेरी के साथ पंचकल्याणक महोत्सव
दमोह। अभाना ग्राम में जैन समाज द्वारा आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री प्रशांत सागर जी एवं निर्वेग सागर जी महाराज के सानिध्य में आयोजित पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के का समापन गजरथ फेरी के साथ हो गया।
अग्रवाल स्कूल परिसर में आयोजित पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव सर पर प्रतिदिन नित्य पूजन अभिषेक के साथ भगवान के गर्भ जन्म तक ज्ञान कल्याणक के बाद आज मोक्ष कल्याणक संपन्न हुआ और उसके बाद दोपहर में मुनि संघ के सानिध्य में विशाल गजरथ फेरी निकाली गई।
आयोजन में प्रतिष्ठाचार्य बाल ब्रह्मचारी विनय भैया बंडा का अहम योगदान रहा। गजरथ फेरी अवसर पर विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ सैकड़ों की संख्या में आसपास के ग्रामीण जनों की मौजूदगी रही।आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज का दमोह से बिहार..
दमोह। वैज्ञानिक संत आचार्य श्री निर्भय सागर जी का दमोह इसे दोपहर में बिहार हो गया रात्रि विश्राम आनू ग्राम में हो रहा है वही शुक्रवार सुबह बांदकपुर में आचार्य श्री की मुनि संघ सहित मंगल आगवानी सकल जैन समाज द्वारा की जाएगी ।
आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज का द्रोणागिरी सिद्ध क्षेत्र से दमोह नगर में गत वर्ष ग्रीष्म की तपन के दौरान आगमन हुआ था। श्री दिगंबर जैन नन्हे मंदिर में वर्षा योग संपन्न होने के बाद जबलपुर नाका मन्दिर में शीतकालीन बचना संपन्न हुई थी। वही नोहटा में विधान आयोजन पश्चात जबलपुर नाका पालीटेक्निक परिसर में पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव आचार्य श्री के सानिध्य में संपन्न हुआ था। पिछले कुछ दिनों से राजीव गांधी जैन मंदिर में आचार्य श्री की दिव्य देशना का लाभ सभी को मिल रहा था।
गुरुवार दोपहर आचार्य श्री का संघ के साथ बिहार होने पर बड़ी संख्या में श्रावक जन साथ में पद विहार करते हुए अनु ग्राम तक पहुंचे वहीं शुक्रवार सुबह बांदकपुर क्षेत्र के लोग आचार्य श्री की अगवानी करने के लिए आनू ग्राम पहुंच जाएंगे। बांदकपुर से श्री कुंडलपुर बिलहरी पनागर बहोरीबंद मढियाजी जबलपुर कोनी जी आदि तीर्थ के दर्शन करते हुए वैज्ञानिक संत की आगामी दिनों में सागर पहुंचने की संभावना है।
आचार्य श्री ने आज उपदेश करते हुए कहा श्रद्धा के बिना किसी कार्य में सफलता नहीं मिल सकती है श्रद्धा सफलता की नीव है। मोक्ष महल की सीढ़ी है, पुण्य आत्मा की भाग्य से भगवान का उपदेश होता है और नगर नगर में बिहार होता है।
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