जबलपुर नाका पर पंच कल्याणक महोत्सव की तैयारियां तेज..
दमोह। वैज्ञानिक संत आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज जबलपुर नाका दमोह जैन मंदिर में संघ सहित विराजमान है प्रतिदिन धर्म की कक्षाएं चल रही है। लोगों का आना जाना निरंतर बढ़ता चला जा रहा है। पंचकल्याणक की तैयारियां जोर शोर से चल रही है 90 बाई ढाई सौ फीट का विशाल पक्का पंडाल बनकर तैयार हो गया है। प्रतिष्ठा के लिए 108 मूर्तियां आ चुकी है।
आज भाजपा जिलाध्यक्ष प्रीतमसिंह लोधी, भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष बृज गर्ग सहित अन्य नेताओं ने कार्यक्रम स्थल पर पहुचकर तैयारियों का जायजा लिया तथा आचार्य श्री निर्भयसागर महाराज के दर्शन करके आर्शीवाद लिया। आयोजन समिति द्वारा उनका स्वागत सम्मान किया गया। इस अवसर पर पंच कल्याणक महोत्सव के संयोजक विनय मलैया, अध्यक्ष डा जयकुमार जैन, महामंत्री सुधीर विद्यार्थी कोषाध्यक्ष संजय जैन, सह संयोजक रानू बड़े राय सहित अन्य पदाधिकारियों ने सभी का स्वागत किया।
आचार्य श्री अपने प्रवचनों से जनता को सद मार्ग पर लगा रहे हैं आचार्य श्री ने भावना ग्रंथ की बाचना करते हुए कहा प्रत्येक इंसान के अंदर इच्छाए अनंत है, इच्छाएं कभी पूरी नहीं होती हैं। जहाँ इच्छाएँ है वहाँ टेन्सन है जहाँ टेन्सन है वहाँ दुख है। इच्छाएँ पूरी नहीं होने पर दिल में निराशा आती हैं। निराश व्यक्ति मानसिक रोगी हो जाता है। तुलना से भी तनाव पैदा होता है। तुलना सकारात्मक होना चाहिए। तुलना अपने उत्थान के लिए होना चाहिए। तुलना तराजु की तरह समान होना चाहिए। आचार्य श्री ने कहा धर्म तर्क का नहीं श्रद्धा का विषय है तर्क उलझाता है श्रद्धा झुकाती है।जोड़ने का काम करना चाहिए सहयोग की भावना आदमी को जोड़ती है परस्पर एक दूसरे पर उपकार करने से हमारा जीवन चलता है उपकार के बिना जीवन यापन असंभव है जब व्यक्ति पर वस्तु को हमारी हमारी रहता है तब मारामारी होने लगती है इसको रोकने का उपाय मात्र संतोष है।
कहा भी है गो धन गज धन बाज और रतन धन खान जब आवे संतोष धन तब सब धन धूलि समान जब तक तन रहेगा तब तक तनातनी चलती रहेगी जब तक मन रहेगा तब तक मनमानी चलती रहेगी यह तन विष की बेल है सब रोगों की जड़ है और लड़ाई झगड़े का कारण है जब आत्मा शरीरातीत हो जाती है तब सारे लड़ाई झगड़े मिट जाते हैं। वैराग्य ज्ञान ध्यान तब एवं साधु वेश धारण करके योग साधना शरीरातीत बनने के लिए की जाती है शरीरातीत हो जाना है संसार से मुक्ति हैमरने से शरीरातीत नहीं होते बल्किअंदर राग द्वेष मोह आदि भाव कर्म और ज्ञानावरण आदि द्रव्य कर्मके नष्ट हो जाने पर शरीराती बनते हैं जैन मुनि एवं पंचकल्याणक आदि की क्रिया शरीर से रहित शुद्ध आत्मा को प्राप्त करने के लिए की जाती है।
आचार्य श्री के दर्शन करके मंगल आशीष प्राप्त करने वालों में जैन युवा संगठन के नवनियुक्त अध्यक्ष राजीव गांगरा बंटू, मंत्री अमित बजाज गोलू, राजेंद्र गांगरा आदि शामिल रहे। मंगल आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा बेटी को बचाना होगा क्योंकि 1 वर्ष में 10000 बेटियां हमारे देश की गायब हो जाते हैं जिनका अता पता ही नहीं रहता आचार्य श्री ने कहा देश में दोहरी नीति नहीं होना चाहिए दोहरी नीति से देश का संतुलन बिगड़ रहा है समानता की जगह आसमान था फैल रही है किसी जाति विशेष को छूट देने से नफरत पैदा होती है जो देश के लिए घातक है आबादी का संविधान एक समान होना चाहिए। इस अवसर पर प्रीतम सिंह लोधी ने कहा हम पंचकल्याणक में पूरा सहयोग करेंगे माननीय मुख्यमंत्री जी को भी लाने का हम प्रयास करेंगे
शिवनगर में नवीन जिनालय का भूमि पूजन आज..
दमोह। नए पुलिस कंट्रोल रूम के समीप शिवनगर कालोनी में नवीन जैन मंदिर श्री शांतिनाथ त्रिमूर्ति जिनालय का शिलान्यास 4 फरवरी को दोपहर एक बजे से होने जा रहा है। इस अवसर पर वैज्ञानिक संत आचार्यश्री निर्भयसागर जी महाराज का संघ सहित सानिध्य प्राप्त होगा। प्रतिष्ठाचार्य अभिषेक जी एवं आशीष जी सगरा के निर्देशन में होने वाले भूमि पूजन शिलान्यास की सभी तैयारियां शिवनगर जैन मंदिर परिवार द्वारा पूरी कर ली गई है। कार्यक्रम संयोजक सुनील डबुल्या, अजित खड़ेरी एवं आशीष जैन रिंकू खजरी ने कार्यक्रम में सकल जैन समाज से उपस्थति की अपील की है।
0 Comments