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करांची पाकिस्तान में 1982 में हुई वर्ड नात कांफ्रेंस में.. 22 देशों के शायरो के नात मुकाबले में भारत को दूसरा स्थान दिलाने वाले.. नैयर दमोही साहब के पैदाइश दिन 1 जुलाई पर कुछ खास यादें.. जो नैयर साहब को दूसरो से जुदा दर्शाती है..

..1 जुलाई 1940 में जन्में थे शायर नैयर दमोही..

 दमोह। 1982 में पाकिस्तान के कराँची में हुए वर्ड नात कांफ्रेंस में 22 देशों से आये ख्याति प्राप्त शायरों के बीच नात कॉम्पिटीशन में अपने मुल्क भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए नैयर दमोही साहब ने सेकेण्ड प्राईज हासिल करके देश के लिए वर्ड नात कान्फ्रेंस में खास उपलब्धि हासिल की थी। उनके भारत वापस लौटने पर जहां बाघा वार्डर पर जोरदार इस्तकबाल किया गया था वही तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी जी ने ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए नैयर दमोही साहब को पत्र लिखकर मुबारकबाद दी भेजी थी। 


 जिसमें कहा था कि आप हमारे देश का गौरव है। जिनकी कई किताबें, गज़ल,रुबाई नज़्म.नात शरीफ, मनकबत के संग्रह प्रकाशित हुए।ऐसे नैयर साहब का आज पैदाइशी दिवस है। 1 जुलाई 1940 को जन्मे नैयर साहब ने साहित्यिक लेखनी की हर विधा में महारथ हासिल की थी जो आज किसी से पोशीदा नहीं। जिन्हें दिल्ली संस्कृति विभाग, मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग से सम्मान हासिल हुये । 


मध्यप्रदेश ऊर्दू एकेडमी द्वारा आपका उर्दू ग़ज़ल संग्रह "" शुआ - ऐ - नैयर "" प्रकाशित हुआ इसके अलावा देश के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक मुशायरों की महफ़िल में हिस्सा लिया और सम्मान पाया रायपुर छत्तीसगढ़ में ऑल इंडिया ग़ज़ल के मुशायरे में ""मुहफीजे ऊर्दू अवॉर्ड""*से भी सम्मानित , मध्य प्रदेश शासन संस्कृति मंत्रालय द्वारा प्रसिद्ध शायर "" *निदा फ़ाज़ली सम्मान""* से भी नवाज़े गये ।



नैयर दमोही साहब के लिखे कलामों को मुल्क के सभी  क़व्वाल बड़े शौक से पढ़ते हैं। आज नैय्यर साहब भले ही इस दुनिया में नहीं है लेकिन उनकी गजलें और साहित्य संग्रह के रूप में उनकी मौजूदगी आज भी सभी के बीच में कायम है। ऐसे महान शायर को जन जागरण न्यूज़ परिवार की ओर से सादर विनम्र श्रद्धांजलि..

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