डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी पर हुई वर्चुअल संगोष्ठी
दमोह। जिला भाजपा द्वारा डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी पर वर्चुअल संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसे ई प्रशिक्षण प्रकल्प के प्रदेश सह संयोजक जय प्रकाश चतुर्वेदी ने संबोधित किया। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष एडवोकेट प्रीतम सिंह लोधी ने की।
मुख्य वक्ता जय प्रकाश चतुर्वेदी ने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने कांग्रेस और पं. नेहरू की तुष्टीकरण की नीति के चलते नेहरू मंत्रिमंडल छोड़ दिया और भारतीय जनसंघ का गठन किया। उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने यह निश्चय कर लिया था कि धारा-370 हटाएंगे और एक देश में दो निशान, दो विधान और दो प्रधान नहीं चलेंगे। उन्होंने कहा था कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और मैं वहां बिना परमिट के जाउंगा। उन्होंने कश्मीर की पवित्र धरा पर बिना परमिट के प्रवेश किया और वहीं जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में उनका स्वर्गवास हो गया। यह डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी का बलिदान था ।
श्री चतुर्वेदी ने कहा कि लोग यह मानने लगे थे कि धारा 370 को हटाना सिर्फ एक नारा है, धारा 370 कश्मीर से नहीं हटेगी। लेकिन धन्य हैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और गृहमंत्री श्री अमित शाह जी जिन्होंने आज डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के सपने और संकल्प को साकार करके दिखाया। कश्मीर से धारा 370 हटने का श्रेय डॉ. मुखर्जी को जाता है। जिस गौरवशाली, वैभवशाली, समृद्धशाली और शक्तिशाली भारत का सपना डॉ. मुखर्जी ने देखा था, वह आज साकार हो रहा है। इस अवसर पर ई प्रशिक्षण प्रभारी अमित बजाज, जिला मीडिया प्रभारी संजय सेन, रामलाल उपाध्याय,भरत यादव, सुरेश पटैल, राकेश गुरू, अभिषेक सोनी, जमना चौबे, मनीष असाटी, वर्चुअल रूप से जुड़ें।
नर्सेस एसोसिएशन ने मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा
दमोह। नर्सेस एसोसिएशन विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर रही जिससे स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो जी नजर आई वही बाद है मांगों के निराकरण को लेकर नर्सेज एसोसिएशन के द्वारा एक ज्ञापन दमोह कलेक्टर, सीएमएचओ, सिविल सर्जन एवं मैट्रन के नाम सौंपा गया।
जिलाध्यक्ष प्रीति लाल ने प्रमुख मांगो के बारे में जानकारी देते हुए बताया की उच्च स्तरीय वेतनमान, ग्रेड दो अन्य राज्यों की तरह प्रदेश में कार्यरत समस्त नर्सेस को दिया जाए, पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए, कोरोना काल में शहीद हुए नर्सिंग स्टाफ के परिजन को अनुकंपा नियुक्ति देने के साथ 15 अगस्त को राष्ट्रीय कोरोना यौद्धा अवार्ड से सम्मानित किया जाए, कोरोना काल में शासन स्तर पर जितनी भी घोषणा की गई उन पर अमल नहीं किया गया। कोविड-19 में नर्सेस को सम्मानित करते हुए अग्रिम दो, वेतन वृद्धि का लाभ उनकी सैलरी में लगाया जाए, 2018 के आदेश भर्ती नियमों में संशोधन करते हुए 70, 80 एवं 90 प्रतिशत का नियम हटाया जाए एवं प्रतिनियुक्ति समापत कर स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू की जाए, सरकारी काॅलेजों में सेवारत रहते हुए नर्सेस को उच्च शिक्षा हेतु आयु बंधन हटाया जाए एवं मेल नर्स को समान अवसर दिया जाए।
कोरोना काल में अस्थाई रूप से भर्ती की गई नर्सेस को नियमित किया जाए एवं प्राइवेट कम्पनी से लगाई गई नर्सों को भी उनकी योग्यता के अनुसार नियमित किया जाए। कोरोना काल में इनके योगदान को भी भुलाया नहीं जा सकता। मध्यप्रदेश में कार्यरत नर्सेस को एक ही विभाग में समान कार्य के लिए समान वेतन मान दिया जाए। वर्षों से लंबित पड़ी पदोन्नति को शुरू करते हुए नसे्रस की पदोन्नति की जाए और नर्सेस को डेजिग्नेशन प्रमोशन दिया जाए एवं अन्य राजों की तरह नर्सेस के पद नाम परिवर्तित किए जाएं, मेल नर्स की भर्ती की जाए, स्वशासी में पदस्थ नर्सेस को 7वीं पे कमीशन का लाभ 2018 के बजाय सभी कर्मचारियों की भांति सन 2018 से दिया जाये, शासकीय नर्सिंग काॅलेज व स्कूल में अध्ययनरत छात्राओं को कलेक्ट्ररेट पर मानदेय दिया जाये।
ज्ञापन सौंपने वालों में जिलाध्यक्ष प्रीति लाल, द्रोप्ती पांडे, मिनी, संगीता, सरिता, शेतेश्तरी, अंजली, अभिलाषा, पूजा सेन, सुधा, कविता सहित बड़ी संख्या में नसर्स की मौजूदगी रहीं।
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