किसान संघ ने CM के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा
दमोह। भारतीय किसान संघ के बेनर तले एक ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम दमोह कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। जिला अध्यक्ष चंद्रभान पटेल ने बताया कि जिले में 2019-20 में खरीफ फसल सोयाबीन, उड़द, मूंग, अरहर की फसलें बोनी की गई थी जिसका किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत बीमा करवाया था परंतु जिले में अत्याधिक अनियमित बरसात व अज्ञात बीमारियों के कारण उपरोक्त सभी फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई थी जिसका शासन स्तर पर सर्वे करवाकर मध्यप्रदेश शासन ने धारा 6(4) के तहत किसानों को राहत भी पहुंचाई है जिसका एक हिस्सा अभी शेष है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत शर्तों के अनुसार बीमा कंपनी को फसल कटाई प्रयोग के आधार पर किसानों को उनके खाते में दावा राशि नवंबर 2020 तक भेजना चाहिए थी। परंतु उपरोक्त राशि आज तक अप्राप्त है। जिला कलेक्टर कार्यालय व प्रदेश शासन से जानकारी लेने पर विदित हुआ है कि दमोह जिले की फसल कटाई प्रयोग के आंकड़े आप्राप्त है बीमा राशि किसानों को नहीं मिल रही है। भारतीय किसान संघ मांग करता है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा की खरीफ फसल 2020 की लांवित राशि किसानों के खातों में पहुंचाई जाए।
मीडिया प्रचार प्रमुख राममिलन पटेल ने बताया गया कि दमोह जिला में 2019 में खरीफ फसल उड़द की खरीद एमएसपी पर की गई थी जिन समितियों ने खरीद की थी उन्होंने किसानों को एमएसपी के भाव के पैसे ना देकर 3000 या 3200 रूपय प्रति कुंटल का भाव दिया है लेकिन शेष राशि आज भी लंबित है। शेष राशि ब्याज सहित दिलाई जाए। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत ग्राम इकाई घोषित करें क्योंकि हर एक गांव में उड़द, मूंग, अरहर धान की बुवाई की गई है।
भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत की मांग है कि उपरोक्त बिंदुओं का निराकरण सात दिवस के अंदर कर किसान संघ को सूचित कर अवगत कराएं साथ ही पूर्व में दिए गए लंबित विंदुओं को भी निराकरण कर अवगत कराये। मांगों का निराकरण न होने की दशा में भारतीय किसान संघ आंदोलन प्रदर्शन धरना आदि करने को बाध्य रहेगा जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। ज्ञापन में प्रदेश मंत्री आरसी पटेल, प्रांत मंत्री रमेश यादव, संभाग प्रचार प्रमुख राममिलन पटेल, जिला अध्यक्ष चंद्रभान पटेल, निजाम सिंह, हेमंत पटेल, राजेश कुमार, मथुरा प्रसाद, पूरन लाल, भूपेंद्र राजपूत, राजकुमार, मुकेश पटेल, कनछेदी लाल, अशोक कुमार, रामनरेश अहिरवार, तुलाराम सेन, खरगराम आदिवासी एवं अन्य किसानों की उपस्थिति रही।
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