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श्रीणमोकार तीर्थ क्षेत्र नासिक (महाराष्ट्र) में बुंदेलखंड के परम संत प्रज्ञाश्रमण सरस्वताचार्य आचार्य श्री 108 देवनंदि जी महाराज का जन्मदिन मनाया गया.. इधर कुंडलपुर में पारसनाथ भगवान के मोक्ष कल्याणक पर हुए विविध आयोजन..

आचार्यश्री देवनंदी महाराज का जन्मदिन मनाया 

णमोकार तीर्थ (महाराष्ट्र)। बुंदेलखंड के शाहगढ में उदित हुआ 20वीं सदी का सूरज जिसने बुंदेलखंड से लेकर सम्पूर्ण देश मे जैन शासन की धर्म ध्वजा को धर्मप्रभावना के साथ फहराने वाले व जन जन के दुखों कष्टों को हरने वाले परमपूज्य जैन आचार्य प्रज्ञाश्रमण सरस्वताचार्य 108 श्री देवनंदि जी महाराज का 58वां जन्मदिन 15 अगस्त को गुरुभक्तों द्वारा मनाया गया। 


जन्मदिन के इस महाउत्सव में कार्यक्रम की पूर्व संध्या पर जबलपुर से श्री अवनीश जैन परिवार साफ साबुन वालो के सौजन्य से श्रीणमोकार तीर्थ क्षेत्र नासिक (महाराष्ट्र) में बुंदेलखंड के प्रसिद्ध गायक श्री रूपेश जैन द्वारा संगीतमय भजन संध्या का आयोजन किया गया। जिंसमे माता पद्मावती की आराधना की गई।

 सुबह भगवान के अभिषेक शांतिधारा पूजन व आचार्य श्री की आहार चर्या के उपरांत 300 किलो का पीतल के घंटा को लगाकर विशाल घंटानाद से चल समारोह का आयोजन हुआ, जिसमे नासिक से पेशवाई बैंड पार्टी के साथ परम पूज्य आचार्य श्री का जन्मदिन समारोह की शुरुवात हुई। दिन भर चले कार्यक्रम में सभी भक्तगणों द्वारा आचार्य श्री की भक्तिभाव से पूजन अर्चन किया गया। 


श्री रूपेश जैन संगीतकार द्वारा तैयार किये गए नए एलबम्ब को जिंसमे देव नमो भक्तमंडल बुन्देखण्ड भक्तपरिवार द्वारा विमोचन किया गया जिसमे दमोह से राजू प्रिंस ,दीपक जैन, जयकुमार जैन पूरा वाले, महेंद्र चंदेरिया शिक्षक, अवनीश जैन साफ साबुन जबलपुर, नेमचंद जी सागर व नीरज जैन इंदौर की महत्वपूर्ण भूमिका रही। राजू प्रिंस की रिपोर्ट

कुंडलपुर में पारसनाथ प्रभु का महामस्तकाभिषेक
दमोह। कुंडलपुर में जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर पारसनाथ भगवान के निर्वाण महोत्सव पर निर्यापक मुनि श्री योग सागर जी महाराज के ससंघ मंगल सानिध्य में पारसनाथ भगवान की प्रतिमाओं का महामस्तका अभिषेक किया गया। भगवान का प्रथम अभिषेक करने का सौभाग्य ने प्राप्त किया। निर्वाण महोत्सव पर निर्वाण लाडू चढ़ाने का सौभाग्य महेंद्र कुमार, प्रेमचंद जैन ने प्राप्त किया। शांति धारा करने का सौभाग्य जयपुर के सुशील पहाड़िया ने प्राप्त किया। इस मौके पर कोरोना बीमारी की समाप्ति हेतु बड़े बाबा की एवं पासनाथ भगवान की प्रतिमाओं पर 108 कलशो रिद्धि मंत्रों के द्वारा अभिषेक किया गया।

        

 इसके पूर्व प्रातः काल कुंडलपुर क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष संतोष सिघई ने कुंडलपुर कार्यालय के समक्ष राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस मौके पर महामंत्री नवीन निराला, कोषाध्यक्ष चंद्र कुमार जैन, शैलेंद्र मयूर, महेश दिगंबर, आनंद जैन, संजीव शाकाहारी आदि की उपस्थिति रहीं।
 इसके पश्चात् दोपहर में विद्या भवन में निर्यापक मुनि श्री योग सागर जी महाराज के मंगल प्रवचन हुए मुनि श्री ने अपने मंगल प्रवचनओं में कहा कि मनुष्य जब तक दूसरों पर आश्रित है तो वह परतंत्र है इस संसार से मुक्त हो जाने पर जब वह सिद्धत प्राप्त कर लेता है वही वास्तव में सच्ची स्वतंत्रता है आज मनुष्य इंद्रियों का गुलाम बना है इंद्रियों पर विजय पाने वाला ही सही मायनों में स्वतंत्र है इंद्रियों के विषय भोगों के कारण वह संसार रूपी जेल में पड़ा रहता हैं। आज देश आजाद हो गया किंतु पशुओं को आजादी नहीं मिली उन्हें आज भी कत्ल खानों में काटा जा रहा है पशुओं की निर्मम हत्या हो रही है देश से मांस निर्यात हो रहा है यही कारण है कि आज ही सुख शांति नहीं दिख रही है हिंसा से कभी शांति नहीं आ सकती शांति के लिए अहिंसा धर्म का पालन करना होगा।

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