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आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का कुंडलपुर की ओर बिहार, आज कटंगी में भव्य आगवानी.. सिंघई मंदिर में पंच बालयति तीर्थंकर प्रतिमाओं की भव्य अगवानी.. नैनागिरि महोत्सव मे तप कल्याणक की क्रियायें, डाक विभाग ने जारी किया नैनागिरि पर विशेष आवरण..

आचार्य श्री  का रात्रि विश्राम आज सकरा में हुआ                            

दमोह। संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज का ससंघ विहार कुंडलपुर की ओर चल रहा है। मंगलवार को आहार चर्या के बाद पाटन से आचार्य विद्यासागर जी महाराज का बिहार कटंगी की ओर हुआ। पाटन से जैसे ही बिहार हुआ हजारों श्रद्धालु उनके साथ विहार में चल पड़े। पाटन से 10 किलोमीटर दूर ग्राम सकरा के आरोग्यम केन्द्र में गुरु जी का रात्रि विश्राम हुआ। 

आचार्य श्री के साथ चल रहे कुण्डलपुर कमेटी की भोजन शाला में शाम को करीब पांच सौ से अधिक लोगों ने भोजन किया। जिसमें भोजन शाला प्रभारी महेश दिगंबर, कमेटी उपाध्यक्ष अभय बनगांव, पत्रकार नरेन्द्र बजाज, राजेंद्र भेड़ा, प्रिंट मीडिया प्रभारी महेन्द्र जैन, मोनू गांगरा, सोनू गांगरा, मोनू चौधरी, स्वतंत जैन, सौरभ लहरी का सहयोग रहा। इस दौरान सैकड़ों लोग आचार्य भगवन के बिहार में साथ में चलते हुए धर्म लाभ अर्जित करते नजर आए।

पंच बालयति तीर्थंकर प्रतिमाओं की भव्य अगवानी

दमोह। श्री देव पार्श्वनाथ दिगंबर जैन सिंघई मंदिर जी में स्थापित होने के लिए पंच बालयती भगवान एवं 24 जिनप्रतिमा की भव्य मंगल आगवानी की गई।

 श्री कांच मंदिर से श्री सिंघई जी मंदिर दमोह तक पूरी भव्यता एवं गरिमा के साथ श्रीजी की शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें सकल जैन समाज के लोग शामिल हुए। इस दौरान पंच बालयति भगवान के सभी पुण्याजक के परिवार के द्वारा पंचमेवा का वितरण किया गया।

  नगर के प्रमुख मार्गो से होकर सिंघई मंदिर पहुची प्रतिमाजी शोभायात्रा का रास्ते जगह जगह रंगोली सजाकर आरती करके स्वागत वंदन किया गया। इस दौरान प्रतिमा जी के साथ चल रहे श्रावकों का उत्साह देखने लायक रहा।

नैनागिरि महोत्सव मे तप कल्याणक की क्रियायें..

नैनगिरी, बकस्वाहा।  विश्व का सुविख्यात जैन तीर्थ नैनागिरि (रेशंदीगिरि) में चल रहे श्री मज्जिनेंद्र सिद्ध जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के चौथे दिन मंगलवार को पूज्य आचार्य श्री उदारसागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य मे तप कल्याणक की क्रियायें प्रतिष्ठाचार्य ब्र. जय निशांत टीकमगढ़ द्वारा सम्पन्न कराई गई। इस मौके पर भारतीय डाक विभाग द्वारा विशेष आवरण एवं विरुपण मुहर का अनावरण समारोह जितेन्द्र गुप्ता मुख्य पोस्ट मास्टर जनरल म. प्र. परिमंडल भोपाल के मुख्य आतिथ्य तथा चन्द्रेश जैन सहायक निदेशक व्यवसाय विकास कार्या . मुख्य पोस्ट मास्टर जनरल म. प्र. परिमंडल भोपाल के विशिष्ट आतिथ्य में आयोजित किया गया। 

 महोत्सव समिति के महामंत्री राजेश रागी ने बताया कि महाराज नाभिराय  के दरवार में अनेक मुकुटबध्द राजाओं ने भेट की ,आदि कुमार का राज्याभिषेक, राज्य संचालन ,असि मशि कृषि का प्रदर्शन, नीलांजना नृत्य और वैराग्य , भरत एवं बाहुबली को राज्य सौपने, लौकांतिक देवों द्वारा बैराग्य स्तुति , दीक्षावन प्रस्थान की क्रियाओं को देख भारी जनसमुदाय भाव विभोर रहा है।  इस अवसर पंचकल्याणक महोत्सव एवं सहस्राब्दी समारोह को स्मरणीय बनाने हेतु दो पृष्ठ का हिन्दी एवं अंग्रेजी मे भारतीय डाक विभाग द्वारा विशेष आवरण एवं विरूपण मुहर का अनावरण मुख्य अतिथि जितेन्द्र गुप्ता ने विशिष्ट अतिथि चन्द्रेश जैन ,न्यायमूर्ति विमला जैन के साथ ही डाक विभाग के एस एसपीओएस सागर, प्रदीप खरे एसपीओएस,विनय श्रीवास्तव, हरीश राय एवं प्रांतीय संभागीय तथा जिला अधिकारियों तथा भारी जनसमुदाय की उपस्थिति में कर जारी किया है । 

इस विशेष आवरण मे उल्लेखित किया गया है कि *"रमणीक पर्वतों के बीच स्थित नैनागिरि(रेशंदीगिरि) बकस्वाहा जिला छतरपुर, मध्य प्रदेश सिद्ध तथा अतिशय क्षेत्र है । यहां आचार्य वरदत्त ने चार मुनियों के साथ निर्वाण प्राप्त किया था । इस तीर्थ पर ईसा पूर्व वर्ष 706 में भगवान पारसनाथ के प्रथम समवसरण की रचना की गई थी । आचार्य कुंदकुंद ने ईसा की प्रथम शताब्दी में प्राकृत निर्वाण काण्ड में इस तीर्थ की वंदना की है । यहां भगवान पारसनाथ के प्रथम मंदिर का वर्ष 1050 में निर्माण किया गया था , जिसका जीर्णोद्धार श्री श्यामले ब्या बम्हौरी द्वारा वर्ष 1564 में किया गया । वर्तमान में नैनागिरि में 58 जैन मंदिर हैं । निर्वाण प्राप्त आचार्य वरदत्त तथा उनके चार मुनियों की पुण्य स्मृति को स्थायित्व प्रदान करने के लिए सिद्ध मंदिर का निर्माण किया गया है । श्री मज्जिनेंद्र सिद्ध जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं सहस्राब्दी समारोह के अवसर को स्मरणीय बनाने हेतु यह विशेष आवरण जारी किया गया है ।"*

इस समारोह के प्रारंभ में श्री दिगंबर जैन सिद्धक्षेत्र नैनागिरि के ट्रस्ट अध्यक्ष सुरेश जैन आईएएस ने जैन तीर्थ नैनागिरि के इतिहास और महत्व पर प्रकाश डालते हुए मुख्य अतिथि तथा अन्य अतिथियों का परिचय व व्यक्तित्व कृतित्व पर ध्यान आकर्षित कराते हुए स्वागत भाषण दिया।इस अनावरण समारोह का संचालन महोत्सव समिति के महामंत्री राजेश रागी ने किया और आभार महोत्सव समिति के अध्यक्ष देवेन्द्र लुहारी ने व्यक्त किया ।
  
इस विशेष आवरण जारी करने पर श्री दिगंबर जैन सिद्धक्षेत्र (रेशंदीगिरि) नैनागिरि की ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष सुरेश जैन आईएएस , प्रबंध समिति अध्यक्ष डा.पूर्णचंद जैन , महोत्सव समिति के अध्यक्ष देवेन्द्र लुहारी व महामंत्री राजेश जैन "रागी"(पत्रकार) तथा समिति के समस्त पदाधिकारी व सदस्यों एवं जैन समाज ने भारतीय डाक विभाग, मुख्य पोस्टमास्टर जनरल, मध्यप्रदेश परिमंडल, भोपाल का धन्यवाद आभार ज्ञापित किया है ।

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