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राष्ट्रीय नाट्य समारोह के चौथे दिन की प्रस्तुति में खुलकर हंसे दर्शक.. दिखावे और विज्ञापन के जाल में फसी आम जिंदगी को दिखाता नाटक स्वांग मल्टीनेशनल.. इधर विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कई मुददों पर उठाये विधायक अजय टंडन ने प्रश्न..

नाट्य समारोह के चौथे दिन खुलकर हंसे दर्शक

दमोह। संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से नगर की नाट्य संस्था युवा नाट्य मंच के द्वारा आयोजित 19 वें राष्ट्रीय नाट्य समारोह के चौथे दिन सोमवार को जबलपुर की नाट्य लोक संस्कृति व सामाजिक संस्था द्वारा हास्य नाटक स्वांग मल्टीनेशनल का मंचन किया गया। नाटक एक अत्यंत गंभीर और विचार किए जाने बाले विषय को रखकर तैयार किया गया हैए लेकिन निर्देशक और लेखक ने इतने गंभीर विषय को भी जिस हास्य व्यग्ंय और सटायर से प्रस्तुत किया है वही इस नाटक को खास बनाता है और इसमें बुंदेलखंड की नाट्य शैली स्वांग से प्रस्तुत किया गया है।

नाटक का मूल नाटक कथाकार हेन्स क्रिश्चियन एडंरसन की बाल कथा से प्रेरित है जिसमें एक राजा को हर घंटे नये नये कपडे पहनने का जुनून रहता है ऐसे में एक रोज उनके राज्य में तीन ठग आते है और उसकी कमजोरी का फायदा उठाकर उसके लिये एक जादू का सूट सिलकर देने का प्रस्ताव रखते है । ठग इस जादू के सूट की खासियत बताते हुये कहते है कि जब राजा जी यह सूट पहनेंगें तब यह सूट मूर्खों ए फटीचरों और नकली रईसों को दिखाई नही देगा और इसे सिर्फ खानदानी रईस और विद्वान ही देख पायेंगें । राजा उनके झांसे में आ जाता है और जादू का सूट पहनने के चक्कर में अपना खजाना लुटवा देता है और इस दौरान तीनों ठग राजा और राज्य का दिवाला निकालकर वहां से भाग जाते है। 

नाटक के लेखक अलखनंदन जी ने उसे भारतीय देशकाल से जोड़ने में पूरी सफलता पाई है वहीं निर्देशक संजय गर्ग ने उसे स्वांग के माध्यम से दर्शकों के मध्य वहुत ही प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया है। नाटक के पात्रों में चोबदार रितिक साहू व कृष नामदेव, राजा रेशमलाल दविदंर सिंह ग्रोवर, मंत्री प्रेमराज विश्वकर्मा, फरयादी बने अनिल पाली रविन्द्र मुरर्हार कमाल के अभिनय दिखाया है। वहीं बंगाली दर्जी रविन्द्र मुरर्हार मद्रासी दर्जी संजय पटेरिया मुंबईया दर्जी आत्मानंद श्रीवास्तव व भोपाली दर्जी अनिल पाली भी अपनी भूमिकाओं में रचे बसे दिखाई देते है। ठग बने विनय शर्मा पराग तेलंग आत्मानंद श्रीवास्तव सहित बच्चा अनिल पाली कवि ज्वालामुखी मानसी सोनी देशबंधू का दूत अमन राजपूत सम्राट देशबंधू संजय पटेरिया नौकरानी काजल श्रीवास्तव शालिनी अहिरवार और मॉडल पलक गुप्ता ने अपने अपने पात्रों में जान डाल दी है।

अभिनय के अलावा स्वांग शैली होने के चलते अन्य व्यक्तियों की भूमिकाओं को भी नकारा नहीं जा सकता और प्रकाश व्यवस्था में हर्षित झाए मंच उपकरण देवेन्द्र विश्वकर्मा रूपसज्जा संजय पटेरिया वेषभूषा दविदंर सिंह ग्रोवर नरिंदर कौर महत्वपूर्ण है और संगीत पक्ष को बाबू मेहर हाजरा शिप्रा सुल्लेरे मुस्कान सोनी मनीषा तिवारी धनराज चौधरी समीर सराठे श्रुति जैन माही सोनी सहित आषुतोष उपाध्याय ने पूरी तन्मयता पूर्ण किया है। राष्ट्रीय नाट्य समारोह के आज अंतिम दिन मंगलवार को संप्रेषणा नाट्य मंच कटनी द्वारा नाटक गांधी ने कहा था का मंचन किया जाएगा। 

शीतकालीन सत्र में कई मुददों पर उठाये विधायक अजय टंडन ने प्रश्न

 दमोह। मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के द्वितीय दिवस भी विधायक अजय टंडन ने म.प्र. के शिक्षा मंत्री से पूछा कि 40 लाख बच्चे कम हो गये जबकि 2010-11 में बच्चों की संख्या 100.97 लाख थी बच्चों की संख्या सरकारी स्कूलों में घटना और निजी स्कूलों में बढ़ना गंभीर चिंता का विषय है। इसी प्रकार पिछले ड़ेढ साल से सरकारी स्कूल के बच्चो को ड्रेस, साईकिल एवं छात्रवृति प्राप्त नहीं हुई है। ऐसा ज्ञात हुआ है कि इस राशि को सीएम राइज स्कूल में राशि खर्च करने की सरकार की मंशा है।

 अनुसूचित जनजातीय विभाग 3 लाख 47 हजार छात्रो की छात्रवृति केन्द्र सरकार के पास अटकी है मप्र में नवमी एवं दसवीं कक्षा में करीब 3 लाख 47 हजार आदिवासी छात्र छात्रायें है प्रति छात्र के हिसाब से लड़को को 400 एवं लड़कियों को 600 रूपये मिलते है लेकिन इस साल छात्रवृति के करीब 75 करोड़ रूपये केन्द्र सरकार से जारी नहीं हुए। इसी तरह 11वीं एवं 12वीं कक्षा के बच्चो के लिये केन्द्र से 280 करोड़ रूपये आने थे जबकि प्रदेश के जन जातीय विभाग को 197.24 रूपये मिले छात्रवृति के करीब 75 करोड़ विभागीय लापरवाही के कारण केन्द्र सरकार से नहीं आये इस पर सरकार द्वारा क्या कार्यवाही की गई दमोह जिले के आंगनवाड़ी केन्द्रो में बिजली एवं पानी की अधिकांश केन्द्रों से अब तक नहीं है उस पर महिला बाल विभाग द्वारा क्या प्रयास किये गयें। मध्यप्रदेश विधानसभा के याचिका प्रपत्र में मांग की गई की कि दमोह विधानसभा की ग्राम पंचायत लकलका को ग्वारी मुख्य मार्ग से जोड़ा जाये जिससे चार महीने वहां के नागरिको का बरसात के समय चार महीने मुख्यालय से संपर्क नहीं हो पाता वह संभव हो जाये।

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