दमोह। श्री तारण तरण अतिशय तीर्थ क्षेत्र सूखा निसई जी में चल रहे त्रि दिवसीय महोत्सव श्री जिनवाणी अस्थाप, कलशरोहण, वेदी सूतन तिलक महोत्सव में द्वतीय दिवस पर श्री जिनवाणी जी को पालकी में विराजमान का भव्य शोभायात्रा निकाली गई वहीं मुख्य शिखर पर कलश का आरोहण किया गया। आज आयोजक परिवार के द्वारा जोड़ा सहित आयोजन का प्रमुख बेदीसूतन किया गया।
भव्य शोभायात्रा मे सुबह भक्ति भाव से मंदिर विधि की गई दोपहर में बड़े धूम धाम एवम गाजे बाजे के साथ जिनवाणी जी की शोभायात्रा निकाली गई जिसमे बड़ी संख्या में महिलाएं एवम हजारों गुरु भक्त शामिल रहे।इस आयोजन के आयोजक राजेश कुमार मुकेश कुमार पटेल परिवार उदयपुरा के द्वारा मुख्य शिखर पर कलश का आरोहण किया गया। आज आयोजक परिवार के द्वारा जोड़ा सहित आयोजन का प्रमुख बेदीसूतन किया जाएगा।
विरागोदय तीर्थ में 44 वा गुरु उपकार दिवस मनाया
दमोह। विरागोदय तीर्थ पथरिया में गणाचार्य श्री108 विराग सागर महाराज के ससंघ सानिध्यता में तीर्थंकर मल्लिनाथ का मोक्षकल्याण महोत्सव मनाया नगर एवं बाहर से पधारे भक्तों के द्वारा बड़ी प्रतिमाओं का अभिषेक किया गया।साथ ही नवनिर्मित जिनालय समोशरण बगीचा मंदिर में आचार्य श्री की आज्ञानुसार चमत्कारी भगवान श्री1008 चिंतामणि पार्श्वनाथ की प्रतिमा समेत भगवान नेमीनाथ,भगवान सुपार्श्वनाथ एवं अन्य कई प्रतिमाओं को विधि विधान से विराजमान किया गया साथ ही अभिषेक शांतिधारा का अवसर डॉ शैलेंद्र जैन एटा उत्तरप्रदेश एवं पादप्रक्षालन का सौभाग्य सनावद ग्राम बेदिया के भक्तों को प्राप्त हुआ।
दोपहर में पूज्य गणाचार्य श्री 108 विराग सागर जी का 44 वा गुरु उपकार दिवस मनाया गया जिसमे नगर के सभी मंडलो एवं बाहर से पधारे गुरुभक्तों द्वारा पूज्य गणनी आर्यिका 105 विशिष्ट श्री माता जी ने अपनी मधुर स्वर में पूजन कराई।साथ ही पारसनाथ महिला मंडल एवं सक्रिय महिला मंडल ने भव्य भक्तिमय नृत्य मंगला चरण के माध्यम से प्रस्तुत किया।ज्ञातव्य हो कि परम् पूज्य गणाचार्य श्री108 विराग सागर जी महाराज का आज 44 वा क्षुल्लक दीक्षा दिवस फागुन शुक्ल पंचमी के दिन पूज्य तपस्वी सम्राट आचार्य श्री सन्मति सागर जी द्वारा बुढ़ार जिला शहड़ोल में मात्र 16 वर्ष की आयु ने संम्पन्न हुई थी। पूज्य गणाचार्य ने अपने अमृतमय उद्बोधन में अपने क्षुल्लक दीक्षा प्रदाता गुरुदेव सन्मति सागर जी द्वारा किये गए उपकारों के अनेक प्रसंगों के स्मरण करते हुए उनके प्रति अपनी विनयांजलि समर्पित की।कार्यक्रम का संचालन रोहित जैन ने किया। गौरतलब हो कि विरागोदय में विराजमान बड़ी मूर्तियों का मंगल महामस्तकाभिषेक 12 मार्च रंगपंचमी तक आयोजित है उसके उपरांत कई वर्षों बाद यह अवसर प्राप्त होगा।
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