बुंदेली महोत्सव में गीत, संगीत नृत्य नाट्य प्रस्तुति की धूम
दमोह। बुंदेली दमोह महोत्सव के 14 वे दिन दमोह के खली के नाम से प्रसिद्ध बद्री विश्वकर्मा और उनकी टीम ने अपना कला का प्रदर्शन किया। साथ ही लोक कलाकारों द्वारा भजन संध्या और गीतों से उपस्थित दर्शकों को आनंदित किया इसी के साथ आंगनवाड़ी बहनों द्वारा दोपहर में भजन गीत गाए।
शुरूआत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन एवं गणेश वंदना से की गई तत्पश्चात महोत्सव समिति द्वारा अतिथि रूप में उपस्थित विभिन्न समाजों के सामाजिक व्यक्तियों का अंग वस्त्र पहनाकर सम्मानित किया गया। जिनमें राकेश हजारी, राजेंद्र पटेल, सूर्यकांत चौरसिया, मनोहर धारू, बारेलाल राठौर, मुकेश वाधवानी, मनोज आहूजा, पवन रजक, भगवती श्रीवास्तव, आलोक असाटी, सुधीर सिंघाई, अनिल सैनी नंदकिशोर नेमा राकेश अग्रवाल, सेवंथ गुजराती, संतोष साहू, रज्जन खंगार, आजम खान, नंदन चक्रवर्ती, दिब्बू मुड़ा, रवि अग्रवाल, राजकुमार नामदेव, जीपी प्यासी, मोहन सेन, बीडी बाबरा, भगवानदास चौधरी ने महोत्सव में के मंच को शोभायमान किया।
पश्चात अतिथियों द्वारा माधव सेवा परमा समिति एवं फुटेरा तालाब संरक्षण समिति को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। दोपहर में मध्य प्रदेश बुलंद आवाज नारी शक्ति आंगनवाड़ी सहायिका संगठन की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा भजन कीर्तन कार्यक्रम का आयोजन महोत्सव परिसर में किया गया जिसमें सिद्धार्थ मलैया और उनकी पत्नी पूजा मलैया मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित रहे एवं उपस्थित सभी सहायिका बहनों का आभार व्यक्त किया। संगठन की ओर से जिला अध्यक्ष शोभा तिवारी, ब्लॉक अध्यक्ष मिथिलेश यादव, प्रभा ठाकुर, किरण तिवारी, कल्पना, नीति बिल्थरे, उमा नामदेव, कमला रैकवार आदि आंगनवाड़ी सहायिका कार्यकर्ताओं की विशेष उपस्थिति रही।
स्वरश्री प्रतियोगिता संयोजक लक्ष्मीकांत तिवारी ने बताया कि स्वरश्री प्रतियोगिता में चार ग्रुप बनाए गए थे। जिसमें से पहले राउंड के बाद कुल 7 प्रतिभागी फाइनल राउंड में पहुंचे। जिसमें तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले दो प्रतिभागी नीरज कुशवाहा एवं विशाल सोनी रहे। दूसरे स्थान पर शशि अठया रही। पहला स्थान प्राप्त कर स्वरश्री का खिताब ऋतु पांडेय ने प्राप्त किया। वाद्यश्री प्रतियोगिता संयोजक श्री डॉ. प्रकाश मिश्रा के निर्देशन में आयोजित की गई जिनके साथ खेमचंद अठया, गिरीश रावत रहे।
शिवशनि हनुमान मंदिर में शनि जयंती पर आयोजन
दमोह। मई माह की शुरुआत के साथ ही जेष्ठ माह लग गया है। दान पुण्य के इस विशेष मास में अमावस्या का पर्व खास संयोग लेकर आया है। जेष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन जेष्ठ अमावस्या व्रत रखा जाएगा। इस दिन दो अन्य प्रमुख त्योहार भी मनाए जाएंगे। जिस वजह से इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। इस संबंध में श्री शिव शनि हनुमान मंदिर के पुजारी पं बालकृष्ण शास्त्री एवं पं आशुतोष गौतम शास्त्री ने बताया कि जेष्ठ अमावस्या के दिन वट सावित्री व्रत और शनि जन्मोत्सव भी मनायां जाएगा। इस विशेष दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए वट वृक्ष की पूजा करती हैं और उपवास रखती हैं। साथ ही इस विशेष दिन पर शनि देव, भगवान विष्णु और भगवान शिव की उपासना करने से सुख समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
18 से शुरू होगी तिथि हिंदू पंचांग के अनुसार जेष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को शुरुआत 18 मई की रात्रि 9ः42 पर होगी और इस तिथि का समापन 19 मई की रात 9ः22 पर हो जाएगा। ऐसे में जेष्ठ अमावस्या, वट सावित्री व्रत और शनि जन्मोत्सव 19 मई को मनायां जायेगा।
ये वन रहे संयोग वैदिक पंचाग में बताया गया है कि जेष्ठ अमावस्या के दिन शोभन योग का निर्माण हो रहा है। जो 8ः17 तक रहेगा। इसके साथ स्नान मुहूर्त सुबह 5ः00 से सुबह 5ः15 तक रहेगा। वही बट सावित्री व्रत पूजा समय 5ः43 से 8ः58 के बीच की जाएगी। साथ ही शनिदेव की पूजा शाम 6ः42 से रात्रि 7ः03 के बीच करने से विशेष फल की प्राप्ति होगी। शास्त्रों में बताया गया है कि जेष्ठ मास में स्नान दान का विशेष महत्व है। इस विशेष दिन पितरों का तर्पण प्रदान करने से उनकी आत्मा तृप्त हो जाती है। साथ ही इस दिन जल का दान करने से व्यक्ति की पुण्य की प्राप्ति होती है।
18 से शुरू होगी तिथि हिंदू पंचांग के अनुसार जेष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को शुरुआत 18 मई की रात्रि 9ः42 पर होगी और इस तिथि का समापन 19 मई की रात 9ः22 पर हो जाएगा। ऐसे में जेष्ठ अमावस्या, वट सावित्री व्रत और शनि जन्मोत्सव 19 मई को मनायां जायेगा।
ये वन रहे संयोग वैदिक पंचाग में बताया गया है कि जेष्ठ अमावस्या के दिन शोभन योग का निर्माण हो रहा है। जो 8ः17 तक रहेगा। इसके साथ स्नान मुहूर्त सुबह 5ः00 से सुबह 5ः15 तक रहेगा। वही बट सावित्री व्रत पूजा समय 5ः43 से 8ः58 के बीच की जाएगी। साथ ही शनिदेव की पूजा शाम 6ः42 से रात्रि 7ः03 के बीच करने से विशेष फल की प्राप्ति होगी। शास्त्रों में बताया गया है कि जेष्ठ मास में स्नान दान का विशेष महत्व है। इस विशेष दिन पितरों का तर्पण प्रदान करने से उनकी आत्मा तृप्त हो जाती है। साथ ही इस दिन जल का दान करने से व्यक्ति की पुण्य की प्राप्ति होती है।
इस विशेष दिन शनि की उपासना करने से शनि दोष से मुक्ति प्राप्त हो जाती है। बताया गया है कि एसपीएम नगर स्थित श्री शनि मंदिर में धर्म प्रेमियों को जाकर पूजन अर्चन एवं अभिषेक करना चाहिए। इससे सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है। 19 मई को आयोजित होने वाले शनि जन्मोत्सव के अवसर पर मंदिर कमेटी की एक बैठक का आयोजन भी किया गया। जिसमें 19 मई को विभिन्न प्रकार के आयोजन तथा पूजन किए जाने सहित अभिषेक, प्रसाद वितरण किए जाने का निर्णय लिया गया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से पं बालकृष्ण शास्त्री, सुनील गौतम, प्रवीण पंड्या, पंकज खत्री, सुनील पटेरिया, आरके भार्गव, दिलीप उपाध्याय, राजकुमार राजपूत, प्रकाश गौतम, बीएल साहू, प्रजू यशोधरन की उपस्थिति रही।
नवीन शिक्षक संवर्ग की संयुक्त बैठक आयोजित..
दमोह। प्रांतीय आवाहन पर संपूर्ण मध्यप्रदेश में अध्यापक शिक्षक संवर्ग के सभी संगठनों के साथ मिलकर संवर्ग हितार्थ आगामी आन्दोलन रणनीति के लिए बैठक पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय हनुमान मंदिर परिसर में रखी गई हैं जिसमें जिला दमोह के सभी संगठनों के पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया।
दमोह। प्रांतीय आवाहन पर संपूर्ण मध्यप्रदेश में अध्यापक शिक्षक संवर्ग के सभी संगठनों के साथ मिलकर संवर्ग हितार्थ आगामी आन्दोलन रणनीति के लिए बैठक पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय हनुमान मंदिर परिसर में रखी गई हैं जिसमें जिला दमोह के सभी संगठनों के पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया।
सभी से आग्रह किया गया कि अध्यापक शिक्षक हितार्थ सभी संगठन एकजुट होकर संघर्ष में शामिल हो बैठक में सभी संगठनों के जिलाध्यक्ष एवं सभी वरिष्ठ जन उपस्थित रहे जिन्होंने अपने-अपने मत प्रस्तुत किए एवं संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान आगामी आन्दोलन किए जाएंगे आजाद अध्यापक शिक्षक संघ की ओर से सभी से निवेदन किया गया कि जो भी प्रांत के निर्णय लिए जाएंगे हम सब मिलकर इस बिंदु पर कार्य करेंगे। ज्ञात हो प्रांत अध्यक्षों की पिछले दिनों भोपाल में प्रदेश के सभी सक्रिय संगठनों की बैठक आयोजित थी।
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