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बाहुबली भगवान का महा मस्तकाभिषेक.. नन्हें मन्दिरजी में उपाध्याय श्री विश्रुत सागर के सानिध्य में पर्युषण पर्व पर बाह रही धर्म गंगा.. महिला बालिका आरती प्रतियोगिता 26 को.. नेमीनगर जैन मंदिर में फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता.. आदिनाथ कांच मंदिर में आरती थाल सजाओ प्रतियोगिता..

 पर्युषण में बाहुबली भगवान का हुआ मस्तकाभिषेक

दमोह। दिगंबर जैन नन्हे मंदिर जी में गणाचार्य श्री विराग सागर जी महाराज के शिष्य उपाध्याय श्री विश्रुत सागर एवं मुनि श्री निर्वेग सागर जी का मंगल चातुर्मास चल रहा है। मुनि संघ के सानिध्य में दस लक्षण पर्व पर श्रावक संस्कार शिविर ध्यान योग क्लास एवं सामूहिक पूजन का प्रतिदिन भक्ति भाव के साथ आयोजन चल रहा है। इस अवसर पर भव्य समवसरण की रचना भी की गई है। जिस में पूजन अर्चन के साथ प्रवचन एवं दिव्यदेसना का लाभ भी सभी को मिल रहा है।

पर्यूषन पर्व के सातवें दिन श्री दिगंबर जैन मंदिर जी में उपाध्यक्ष श्री विश्रुत सागर एवं मुनि श्री निर्वेग सागर जी के पावन मंगल सानिध्य में भगवान श्री बाहुबली जी का महा मस्तकाभिषेक अति उत्साह माहौल में भक्ति भाव के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर बाहुबली भगवान की विशाल खडगासन प्रतिमा का मस्तकाभिषेक सोधर्म इंद्र बन कर प्रथम मस्तकाभिषेक करने का सौभाग्य श्री देवेंद्र जैन परसवाहा परिवार ने प्राप्त किया। 

भगवान की शांति धारा करने का सौभाग्य रिंकू खजरी परिवार एवं शैलेंद्र सुधीर बजाज परिवार को प्राप्त हुआ। उपाध्याय श्री को शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य हरचंद जैन को एवं पद प्रक्षालन करने का सौभाग्य मनीष बजाज परिवार को प्राप्त हुआ प्रातः काल श्रीजी की शांति धारा करने का सौभाग्य महेश बड़कुल एवं सुनील वेजीटेरियन परिवार एवं स्वधर्म इंद्र बनने का सौभाग्य संतोष जैन बरतन वालों को प्राप्त हुआ। 

इस मौके पर अनेक श्रद्धालु ने अपना भक्ति भाव प्रस्तुत करते हुए समर्थनुसार दान राशि घोषित कर मस्तकाभिषेक करने का मंगल अवसर प्राप्त किया। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष ग्रीस नायक अहिंसा एवं महामंत्री चक्रेश सराफ, नवीन निराला, अरिंजय जैन, राजेश हिनौती आदि ने भक्तगणों का तिलक आदि लगाकर स्वागत किया।
 इस अवसर पर मुनि श्री ने अपने भाव व्यक्त करते हुए कहा कि जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ भगवान के  सुपुत्र बाहुबली भगवान कठोर तपश्चार्य के प्रतीक हैं। उन्होंने 1000 वर्षों तक इतना कठोर तप किया कि उनके संपूर्ण शरीर पर पेड़ पौधे और बैल पतरी एवं कीड़े मकोड़े ने घर बना लिया था किंतु उनके मन में एक शंका होने की वजह से उनका मोक्ष प्राप्ति नहीं हो रही थी।

 जब उनके बड़े भ्राता भरत ने उनके मन की शंक को निर्मल किया कि वे स्वयं की भूमि पर खड़े हैं तब निशल होकर उनको मुक्ति प्राप्त हुई उनके ही भाई और आदिनाथ भगवान के बड़े पुत्र भरत के नाम पर ही इस देश का नाम भारत पड़ा है हम सब सौभाग्यशाली हैं कि हमें ऐसे महान आत्माओं के प्रेरक व्यक्तित्व एवं उनके आदर्श जीवन हमारा मार्ग प्रशस्त कर हमें मोक्ष मार्ग दिखा रहा है।

भव्य महिला बालिका आरती प्रतियोगिता 26 सितंबर को
दमोह। श्री पारसनाथ दिगंबर जैन नन्हें मंदिर जी धर्मशाला परिसर में पर्युषण पर्व के अवसर पर विविध धार्मिक सामाजिक सांस्कृतिक आयोजन किया जा रहे हैं जिनमें महिलाओं बच्चों सहित सभी लोग भक्ति भाव से शामिल होकर धर्म ज्ञान की वृद्धि कर रहे हैं।

 इसी कड़ी में 26 सितंबर को रात 9 बजे से महिला मंडल के द्वारा जैन धर्मशाला में बालिका महिला आरती प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। जिसका प्रवेश शुल्क ₹100 निर्धारित किया गया है प्रतियोगिता में भाग लेने की इच्छुक महिलाओं तथा बालिकाओं से आयोजन समिति की सदस्यों से संपर्क करने की अपील की गई है।

नेमीनगर जैन मंदिर में फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का आयोजन
दमोह।
 महिला जैन मिलन क्षेत्र क्रमांक 10 की नेमीनगर शाखा दमोह द्वारा पर्यूषण पर्व पर नेमीनगर जैन मंदिर जी में बच्चों की फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का आयोजन किया जो दो चरणों में रखी गई।

 प्रथम चरण में 5 से 10 वर्ष के बच्चों एवं द्वितीय चरण में 11 से 15 वर्ष के बच्चों ने अपनी प्रस्तुति दी। जिसमें बच्चे विभिन्न वेशभूषा में सती सीता, सती चंदन वाला, भारत माता, श्रवण कुमार, नेमिनाथजी, भगवान बाहुबली, के साथ जल और जल छानने का छनना बनके अपनी अपनी प्रस्तुति दी। जिसमें निर्णायक मंडल के रूप में क्षेत्रीय मंत्री अति वीरांगना कविता जैन, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अति वीर दिलेश चौधरी, मंदिर जी के पंडित जी डॉक्टर प्रदीप शास्त्री द्वारा बच्चों की प्रस्तुति का रिजल्ट तैयार कर बच्चों को प्रोत्साहन के रूप में परितोषित दिए गए। 

चेयरपर्सन वीरांगना रश्मि, शाखा सयोजिका वीरांगना शोभा, अध्यक्ष वीरांगना सीमा पारस, मंत्री वीरांगना डॉक्टर सविता, कोषाध्यक्ष वीरांगना डाली, प्रचार मंत्री वीरांगना सीमा बाबा, वीरांगना सीमा दिगंबर, वीरांगना सीमा आगरा, वीरांगना रोशनी के साथ मंदिर कमेटी के सदस्य एवं बड़ी संख्या में समाज के सदस्य, माताओं के साथ बच्चों की उपस्थिति सराहनीय रही। इस तरह से यदि हम प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चों को मंच देते हैं तो बच्चों को अपनी कला का प्रदर्शन करने का अवसर प्राप्त होता है। अतः हमें इस तरीके से कार्यक्रम करवाते रहना चाहिए।

आदिनाथ कांच मंदिर में भी दी गयी भव्य प्रस्तुति..

दमोह। पर्युषण पर्व के दौरान श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन कांच मंदिर में बड़े ही उत्शाह के साथ धार्मिक अनुष्ठान किए जा रहे हैं। प्रतिदिन नित्य नियम से सुबह से श्रीजी की पूजा अभिषेक के साथ शाम को आरती एवं मंगल प्रवचनों से धर्म मय माहौल बना हुआ है। बाहर से पधारे पंडित श्री विक्रांत शास्त्री जी ने उत्तम संयम के दिन उत्तम संयम के बारे में बताया उन्होंने कहा जब एक इन्द्रिय के बस होकर मछली प्राण गंवा देती है उसी प्रकार हाथी हिरण भौरा आदि यह भी अपने प्राण गंवा देते हैं तो हम प्राणी पांचो इन्द्रिय के बस होकर कितने भोग भोग रहे हैं। तो हमारा क्या होगा।

 ऐसा सभी लोग विचार चिंतन मनन करें और पांच इन्द्रिय मन को बस में करना 6 काय की जीवों की हिंसा के भाव का त्याग करना ही उत्तम संयम धर्म है इस तरह के उद्गार उन्होंने दिए। साथ ही शाम को आदिनाथ शाखा की ओर से आरती सजाओ प्रतियोगिता व तंबोला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें सभी महिलाओं के द्वारा एक से एक आरती की थाल सजाकर प्रस्तुत की गई। जिसमें विजेता को पुरष्कार दिए गए।

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