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ढाई अक्षर का ज्ञान मोक्ष दिला सकता है.. पूजा में पैसों का लोभ नहीं ,पुण्य का लोभ होना चाहिए.. पैसों के लोभ ने पूजा पद्धति को बिगाड़ दिया है.. वैज्ञानिक संत आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज..

ढाई अक्षर का ज्ञान मोक्ष दिला सकता है-आचार्य निर्भय सागर’ 

दमोह। वैज्ञानिक संत आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज ने कहा -जैसे भोजन करने के पूर्व स्नान अनिवार्य है ,वैसे ही भगवान की प्रतिमा की पूजा करने के पूर्व अभिषेक अनिवार्य है । पूजा में पैसों का लोभ नहीं, पुण्य का लोभ होना चाहिए। पैसों के लोभ ने पूजा पद्धति को बिगाड़ दिया है । परमात्मा के मंदिर में पैसों की नहीं ,परमात्मा की बात होना चाहिए। पाप की नहीं पुण्य की बात होना चाहिए । धर्मातयतन धन कमाने के लिए नहीं ,पुण्य कमाने के लिए होते हैं ।

आचार्य श्री ने कहा दुनिया में ढाई अक्षर का खेल है ढाई अक्षर का ज्ञान हो जाए तो मोक्ष हो जाएगा क्योंकि मोक्ष शब्द में ढाई अक्षर है इसी प्रकार आत्मा,  खात्मा, आद्य अंत ,जन्म, मृत्यु, शत्रु ,मित्र ,प्रेम, प्यार, अस्थि, हस्ती, मस्ती ,क्रोध, प्राण ,यंत्र ,मंत्र, तंत्र, ज्ञान, ध्यान, त्याग, श्रद्धाभक्ति, शक्ति, मुक्ति, श्रुत, संत ,ग्रंथ ,पंथ ,धर्म ,कर्म ,मर्म ,मर्द, पुण्य, भाग्य ,कुश्ती, सृष्टि तुष्टि, पुष्टि, रिद्धि ,सिद्धि ,वृद्धि ग्रंथि ,ब्रह्मा,विष्णु, कृष्ण, इच्छा, अच्छा, भिक्षा, लक्ष्मीकांता, पत्नी ,नक्शा, मिथ्या, अग्नि ,अन्य ,अन्न ,सच्चा ,बच्चा ,कच्चा अच्छा इत्यादि शब्द ढाई अक्षर से बने है। जो इन ढाई अक्षरों को जान लेता है वह सच्चा ज्ञानी है। वर्तमान में  कोरोना महामारी एवं  देश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए भारत सरकार को चाहिए कि वह देश मैं अतिशबाजी धुए प्रदूषण नियंत्रण हेतु पटाखे  पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना जारी करें। इसके लिए सरकार तत्कालीन प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करें ।आतिशबाजी से राष्ट्र को जन हानि एवं धन हानि का आशंकित खतरा है । 

आचार्य श्री ने कहा मानव प्राणी, वन्य जीव जंत-ु पशु-पक्षी इत्यादि सभी को अग्नि तथा धुआं से हमेशा खतरा रहता है। यह बारूदी आतिशबाजी वातावरण मे ध्वनि,वायु, जल थल, नभ को दूषित एवं अशुद्ध करता है ।खुशी का इजहार तो आरती दीपक गाजेबाजे गीत संगीत से हो।अतिशबाजी अगर  खुशी भावना है तो देश की आजादी पर आतिशबाजी होती ।  संविधान अनुच्छेद 21 प्राण और दैहिक स्वातंत्र्यता का अधिकार देता है ।महामारी का कोविड-19 वायरस रोगी को आतिशबाजी का वायु प्रदूषण  संक्रमित  कमजोर हो  चुके फैफडो के लिए बेहद घातक जानलेवा है।

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