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कोरोना संक्रमण काल में बुखार को सामान्य न समझे.. नया स्ट्रेन ज्यादा खतरनाक.. कोरोना के नये लक्षण और जांच कब कराये को लेकर.. आरएमओ डा. दिवाकर पटेल ने दी महत्वपूर्ण जानकारी.. घरों में रहे सुरक्षित रहे..

 बुखार को सामान्य न समझे.. नया स्ट्रेन ज्यादा खतरनाक

दमोह। जिला अस्पताल के आरएमएओ दिवाकर पटेल लगातार ही सोशल मीडिया पर सक्रिय रहकर लोगो जागरूक करते रहते है। उन्होने वर्तमान हालातों को लेकर एक पोस्ट साझा की हैं जिसमें बताया कि नया स्ट्रेन पहले से ज्यादा खतरनाक है। ये मरीजों को गम्भीर होने के लिए कम समय दे रहा है । इस बार की स्ट्रेन की रोग फैलाने की क्षमता पहले की तुलना में अधिक है। पहले रोग फैलाने की क्षमता लगभग 2 से 2.5 प्रतिशत थी इस बार लगभग 80 प्रतिशत है। अब वायरस के कारण निमोनियो उम्रदराज लोगो के साथ ही युवाओं में देखने को मिल रहा है।


 बुखार को सामान्य न समझें.. डॉ पटेल ने बताया कि अगर आपको तेज बुखार है जो की समन्यता 1 दिन के लिये आता है और इसे आप हम इग्नोर कर देते है की ये सामान्य बुखार है चला गया। लेकिन 5 वे दिन के बाद हमें अत्यधिक कमजोरी थकान चक्कर और साँस ले तकलीफ  होने लगती है । जब हम चिकित्सक के पास पहुँचते है तो निमोनिया काफी बड़ चुका होता है और काफी देर हो चुकी होती है। पहले निमोनिया 7 दिन के बाद ज्यादा होता था अब 3 तीसरे ही दिन ही होना चालू हो जाता है ।  पहले निमोनिया ज्यादा उम्र और पहले से गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति में मिलता था और युवाओं में कम मिलता था पर अब ये युवाओं  में भी उतना ही घातक है जितना ज्यादा उम्र के लोगों में, इसलिये सतर्क रहे।

नये लक्षण..डॉ पटेल के अनुसार इस बार कुछ नये लक्षण भी देखने को मिल रहे है जैसे की तेज बुखार के साथ लोगों को दस्त भी लग रहे। केवल बुखार के साथ तेज शरीर में दर्द मुँह सुखाना, प्यास ज्यादा लगना, आँख का लाल होना भी पुराने लक्षण के साथ देखने मिल रहा है । कई बार लोगों को बुखार आता है, भूख चली जाती है तो टेस्ट कराने पर टाइफाइड निकलता है लेकिन वो फाल्स पॉजीटिव होता है।  अगर आपको बुखार आ रहा है तो सबसे पहले कोरोना की जाँच कराए।

जांच कब कराये.. अब प्रश्न आता है की जाँच कब कराए और क्या क्या कराए की हमें पता लग सके कि हमें कोरोना है। अगर आपको बुखार आता है या कोरोना के अन्य लक्षण आते है तो हमें दूसरे दिन ही कोरोना जांच करवानी चाहिए और अगर रिपोर्ट पॉजिटिव या नेगेटिव आती है तो 4  या 5 वे दिन  या शरीर आॅक्सिजन लेवल कम होने पर एक चेस्ट  एक्स रे या सीटी करवाना चाहिये। तोकि निमोनिया का पता चल सके।  क्योंकि कोविड पहली जाँच नेगेटिव भी आ सकती है। इस बीमारी के उपचार में प्रयोग होने वाली दवाओं को भी सोच समझकर उपयोग करे। कई लोग स्टेरॉड जल्द ही शुरू कर देते है जबकि शुरुआत में हम इन दवाओं के उपयोग से हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देते है।

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