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दुनिया का कोई भी धर्म हिंसा झूठ चोरी एवं कायरता आदि नहीं सिखाता- आचार्य श्री..घटयात्रा के साथ प्रारंभ हुआ सिद्धचक्र मंडल विधान प्रारंभ..पिच्छी परिवर्तन समारोह आज 1ः30 बजे से..

घटयात्रा के साथ प्रारंभ हुआ सिद्धचक्र मंडल विधान प्रारंभ

दमोह। वैज्ञानिक संत आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज के संपूर्ण संघ के सानिध्य में श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान प्रारंभ हुआ। प्रातः 8 बजे घटयात्रा एवं नवीन पिछिका की शोभा यात्रा निकाली गई तदुपरांत 81 मंत्रों से विधान स्थल की शुद्धि की गई। विधान कर्ता पात्रों की मंत्रों से शुद्धि की गई एवं ध्वजारोहण किया गया विधान की समस्त क्रियाविधि एवं मंत्र उच्चारण ब्रह्मचारी नवीन भैया एवं मौसम भैया के द्वारा की गई। 

ब्रह्मचारी सुनील भैया ब्रह्मचारी संजय भैया ब्रह्मचारिणी बहन मानी दीदी चंदन दीदी संध्या दीदी एवं इंदौर, गुना, भोपाल, जबलपुर, विदिशा, आगरा, छतरपुर आदि नगरों से पधारे समस्त अतिथियों ने एवं नगर के गणमान्य सृष्टि श्रावक जनों ने आचार्य श्री को श्रीफल समर्पित करके आशीर्वाद ग्रहण किया। विधान कर्ता परिवार श्रीमान अरविंद कुमार जी अंकित कुमार अर्पित कुमार जैन केमिकल दमोह वालों ने सभी अतिथियों का स्वागत सम्मान किया।

इस मौके पर आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज ने उपदेश देते हुए कहा धार्मिक क्रियाएं शुद्धि और विशुद्ध पूर्वक करना चाहिए मन में अंतरंग भाव की विशुद्धि होना चाहिए और बाहर शरीर और द्रव्य से शुद्ध होना चाहिए। तभी कार्य की सिद्धि होती है। अनादि काल से जीव के साथ कर्मों का संविधान चल रहा है आत्मा का संविधान नहीं यह विधान पूजा आत्मा के संविधान लागू करने के लिए किया जाता है जब सच्ची श्रद्धा सच्चा ज्ञान और सच्चा आचरण जीवन में आ जाता है तब कर्मों की नहीं आत्मा की जलती है आत्मा की जिस दिन चलने लगती है उसी दिन से आत्मा का संविधान प्रारंभ हो जाता है।

पांच इंद्री मन एवं विषय कसाय के वशीभूत ना होकर निजा स्वरूप में लीन होना सच्ची साधना है। आचार्य श्री ने कहा मानव जीवन रूपी वृक्ष में देव पूजा, दया का पालन, दान, तीर्थ यात्रा, मंत्र जाप, त्याग तपस्या, शास्त्रों का पठन-पाठन एवं परोपकार इस प्रकार के 8 फल जरूर लगना चाहिए तभी मानव जीवन सार्थक है। दुनिया का कोई भी धर्म हिंसा झूठ चोरी एवं कायरता आदि नहीं सिखाता। यदि हिंसा झूठा चोरी आदि कार्य सिखाता है तो वह धर्म नहीं हो सकता है।

पिच्छी परिवर्तन समारोह आज 1ः30 बजे से- जैन समाज नन्हे मंदिर के अध्यक्ष श्रीमान गिरीश कुमार नायक ने बताया कि आज 1ः30 बजे से आचार्य श्री के समस्त संघ का पीछे परिवर्तन समारोह किया जाएगा बाहर से विशिष्ट अतिथि भी पधार रहे हैं।


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