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आज 94 कोरोना केस.. माता पिता की शादी की 50 वीं सालगिरह पर रक्तदान.. संगोष्ठी में दमोह के दमयंती नगर होने पर जोर.. बसंतागमन काव्य गोष्ठी.. साधना केंद्र में सरस्वती पूजन.. झलोन में चंद्र प्रभु का महा मस्तकाभिषेक.. असाटी वैश्य महासभा ने लताजी को श्रद्धांजलि दी..

माता पिता की शादी की 50 वीं सालगिरह पर रक्तदान 

दमोह। जिला चिकित्सालय में पथरिया निवासी संतोष रैकवार के 08 साल के बेटे जो थैलिसेमिया नामक बीमारी से पीड़ित हैं। जिसका इलाज डां.राजेश नामदेव द्वारा किया जा रहा है। उसे A+ रक्त की सख्त आवश्यकता थी। जिसकी जानकारी  रोगी कल्याण समिति के सांसद प्रतिनिधि अनुपम सोनी ने भाजपा जिला उपाध्यक्ष अमित बजाज को दी तो उन्होंने कहां कि मेरे माता पिता की शादी की 50 वीं सालगिरह है। तो में जरूरतमंद को रक्त दान करुंगा।

          
भाजपा जिला उपाध्यक्ष अमित बजाज ने बताया कि मेरे माता पिता जी की वैवाहिक जीवन के ५० वीं वर्षगांठ है। और जब किसी व्यक्ति के लिए जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहा है। तो उसके जान बचाने के लिए मैंने रक्त दान किया है। और जब मैंने रक्त दान किया तो मुझे करके बहुत अच्छा लगा है आप भी रक्त दान करें बड़ा अच्छा लगता है।  इस दौरान भाजपा नेता धर्मेंद्र चौबे,मोंटी रैकवार,सैफ खान, संदीप शर्मा,शेरा जैन,ओम रैकवार सहित प्रमुख जनों की मौजूदगी रही।

श्रीमहामंगल समिति में विद्वत् संगोष्ठी संपंन..

दमोह। नगर के सवालाख मानस पाठ में श्रीमहामंगल समिति की विद्धत् संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें संगोष्ठी में विद्वानों ने कहा सनातन परम्परा के इतिहास में दमोह का गौरव परंपरागत रूप से सुदृढ़ है लेकिन इतिहास के पन्नों में यह छुप गया दमोह की विशेषता यह है कि व्याहारिक,व्यवसायिक और सांस्कृतिक रूप से उन्नति के आधार शिखर पर महत्वपूर्ण स्थान था जो कि पौराणिक एवं वैदिक काल  अति महत्वपूर्ण स्थान रखता था । विद्वानों के द्वारा दमयंती नगरी का रहस्य विषय को लेकर विस्तृत परिचर्चा हुई। 

इतिहास का गौरव ,पुरातन परम्परा,,संस्कृति के प्रति जागरण, अपनी जन्म भूमि की पहचान ये सभी अति आवश्यक है,संगोष्ठी में विद्वानों ने बताया कि शहर के नाम हमारी संस्कृति के मूल रहन-सहन को दर्शाते थे अतः हमें पुरातन नामों को पुनः स्वीकार करना चाहिए जिसमें हमारी संस्कृति छुपी है,आज उस इतिहास को सही करने की आवश्यकता  है दमयंती नगर ही दमोह की  सही पहचान है, जो अंग्रेजो के कुटिल नीतियों के कारण भ्रामक हो गए हैं जिन्हें सही उच्चारण करना नही आता, उनकी नीतियीं पर चलना हमारा दुर्भाग्य था कि सही शब्दों और उनके मार्मिक अर्थों को हम भुला बैठे, विद्वानों ने दमोह का अर्थ व्याकरण की दृष्टि से संशय, अनिश्चय संदेह को बताया है, अतः आवश्यकता है दमोह का नाम दमयंती नगर होना चाहिये। 

श्रीमहंत श्री श्रीभगवान वेदांताचार्य जी ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि जननी जन्ममूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी अर्थात हमारी जन्म भूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है  इस नगर की भूमि  सृजन की भूमि  है यह बात हमारे वैदिक और पौराणिक इतिहास से स्पष्ट होती है जहां ऋषि दमन सहित राजा नल और दमयंती का परम पवित्र स्थान रहा साथ ही यह भगवान श्री कृष्ण के फूफा की नगरी है जो कि शिशुपाल के पिता थे वैदिक काल में नारद के मोहभंग से भी इस पवित्र स्थान का नाम जुड़ा है जो आगे चलकर त्याग की पराकाष्ठा में बदल गया इस दौरान एड. विनोद श्रीवास्तव जी ने महाभारत के वनपर्व  से दमोह के ऐतिहासिक साक्ष्य को प्रस्तुत किया

 प्रो.एन आर राठौर  ने  दमयंती नगरी का रहस्य स्पष्ट करते हुए दमोह का नाम अनुचित बताया है आपकी दृष्टि में दमोह का नाम दमयंती नगर होना चाहिए। आचार्य रज्जन पटैल के द्वारा विभिन्न शासकीय  दमोह गजेटियर के माध्यम से दमोह के इतिहास पर प्रकाश डाला गया ।संचालन  में डॉ अनूप ने कहा कि  नगर वासियों के लिए यह गौरव की बात है जहा श्रीरामचरित मानस का सवा लाख  बार मानस पाठ हुआ जो संकल्प  प्रधान क्षेत्र है जिसमे राकेश चतुर्वेदी जी ने कहा राम के जन्म का हेतु दमोह है सभा में उपस्थित दिनेश पाठक सी.पी. चौपरा ,श्यामसुंदर गुप्ता, उमाशंकर चौरसिया, अभय, विजय,रुकमणी ,गौरा, प्रियंका, शिवा ,अजय दीक्षित ने संगोष्ठी उपरांत विद्वानों का सम्मान किया।

हिन्दी साहित्य सम्मेलन बसंतागमन काव्य गोष्ठी

दमोह। मप्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन जिला इकाई के तत्वाधान में बसंतागमन, सरस्वती जयंती व निराला जयंती के उपलक्ष्य में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। एमआईसीएस सभागार में कार्यक्रम की अध्यक्ष आभा भारती, मुख्य अतिथि सुसंस्कृति परिहार रही। सरस्वती पूजन उपरांत प्रारंभ में इकाई कार्यकारी अध्यक्ष रमेश तिवारी ने कहा कि आधुनिक काव्य गगन में निराली चमक रखने वाले नक्षत्र थे कवि निराला। उनका काव्य वैभव आज भी सभीचीन है। जनज न की पीर को उजागर करने हेतु आपने अपनी कविताओं में नवीन परंपरा की पृष्ठ भूमि पर अक्षय पौधे को रोपित किया। मुख्य अतिथि ने निराला के काव्य संसार पर कहा कि आप लोक चेतना धर्मी कवि के रूप में जाने जाते हैं और जाने जावेगें। उनके रचना संसार में बसंत आया है किंतु उनका बसंत अलग हैं उनके समकालीन साहित्य को पढकर समझकर ही निराला के साहित्य को वास्तविक अर्थो में समझा जा सकता हैं। उनके संदर्भ में डॉ रामविलास शर्मा ने लिखा है कि ‘‘छंद-बंध व अचल रूढ़ियों को तोड़ती हुई निराला की काव्य धारा गतिमान होकर आज भी विद्यमान हैं। 

आभा भारती ने कहा कि महाप्राण कवि निराला का संघर्षो से प्रगाढ़ता रही। फलस्वरूप ज्योर्तिमय काव्य रचना संसार सृजित हुआ। नंदलाल सिंह ने अपने विशिष्ट उद्बोधन में कहा कवि निराला के काव्य में पुरातन का निषेध जीवन्तता का आविर्भाव छायावादी कवियों में विशिष्ट स्थान रहता है। उनके द्वारा रचित सरस्वती वंदना जीवंत व निराली है उन्होने अपने लिए कभी कुछ नही मांगा, देश व विश्व की मंगल कामना की हैं। कविवर रवीन्द्रनाथ टैगोर को आपने चुनौती के रूप में लेते हुए काव्य सृजन किया। तदुपरांत नगर के डॉ आरएन चिले, नरेन्द्र दुबे, डॉ प्रेमलता नीलम, अमर सिंह राजपूत, किशोर तिवारी केशू, महेन्द्र श्रीवास्तव, कृष्ण कुमार पांडे, ओजेन्द्र तिवारी, मनोरमा रतले, बबीता चौबे, यादवेन्द्र सिंह, आनंद जैन, परषोत्तम रजक कविगणो ने बसंत व निराला को समर्पित रचनाओं का पाठ किया। इस अवसर पर राजेश शर्मा, रिषीकांत उपाध्याय, कृष्ण कुमार चौबे, पत्रकार मुकेश तिवारी, अनुराग जैन की उपस्थिति रही। इकाई सचिव मानव बजाज ने सबके प्रति आभार ज्ञापित किया। 

बसंत पंचमी पर सरस्वती अवतरण पर पूजन की..

दमोह। प्रतिवर्ष अनुसार बसंत पंचमी पर नीलम संगीत साधना केंद्र  विद्यालय में हंस वाहिनी ज्ञान दायिनी मां सरस्वती की पूजन दीप प्रज्वलित कर मुख्य अतिथि सेफाली बग्गाअधयक्ष भूमि तिवारी ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया, भावना, अलंकृता विवेक, प्रभात शिवा जयेश  आर्जव जैन जीत बग्गा ने या कुंदेन दु तुषार हार धवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणा वरदंणड मंडित करा,, सरस्वती वंदना से किया  , संस्था की संचालक डॉ प्रेमलता नीलम ने सरस्वती जी की महिमा का वर्णन किया और कहा,, विद्या ,ज्ञान  ,वीणा वादिनी संगीत की देवी का जो मन से आराधना वंदना करता है वह संगीत के क्षेत्र में सफलता हासिल कर लेता है। 


शिवम शर्मा लक्ष्य यादव देवांशु ओम तिवारी सुदेश चौरसिया ने सु मधुर गीत,, मधुर मधुर नवगीत छेड़ दो या बंसी धुन कुंवर सुनाओ राधा सी धारा बन जाऊं जो प्रियतम तुम कान्हा बन जाओ,, प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया, इसके पश्चात संगीत शिक्षक श्रीराम पटेल  ने राग बहार और मालकोश में गीत,, झूमत आई बसंत बहार, डाल डाल पर फूलों ने किया श्रृंगार,, सभी ने प्रस्तुत गीतों की सराहना की मुख्य अतिथि सेफाली ने कहा संगीत विद्यालय नीलम साधना केंद्र के बच्चे श्रेष्ठ साधना कर रही हैं जो आने वाले समय में अपना नाम संगीत के क्षेत्र में जरूर कायम करेंगेअध्यक्ष भूमि तिवारी ने कहा,, मुझे इस बात का गर्व है कि मैं इसी  केंद्र की विद्यार्थी हूं ,मां सरस्वती की कृपा से मैं इस योग हूं और बनूंगी यह मैं प्रार्थना करती हूं । देर रात तक संगीत स्वर लहरियां गूंजती रही विद्यालय के  सभी अभिभावक जन एवं छात्र छात्रा उपस्थित रहे कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रेमलता नीलम एवं आभार व्यवस्थापिका, हर्षिता बाथरे ने किया।

झलोन में चंद्र प्रभु का महा मस्तकाभिषेक
दमोह। श्री 1008चंद्रप्रभु दिगंबर जैन झलौन मैं गजरथ महोत्सव के वार्षिक उत्सव के उपलक्ष में आज रविवार को चंद्रप्रभु भगवान का महा मस्तकाभिषेक श्रद्धा भाव के साथ सम्पन्न हुआ। अंकित कुमार भैया जी के सानिध्य में संगीतमय मंत्रोच्चारण के साथ अभिषेक प्रारंभ किया गया जिसमें प्रथम अभिषेक का सौभाग्य जय कुमार अजीत कुमार गजेंद्र द्वितीय अभिषेक का सौभाग्य पवन जैन दिनेश जैन अंतश जैन को प्राप्त  जैन अंतस जैन वीरम जैन को प्राप्त हुआ

 शांति धारा का स्वभाव भागचंद जैन मूलचंद जैन सत्येंद्र कुमार जैन आदेश कुमार जैन हर्षित जैन को प्राप्त हुआ तृतीय शांतिधारा करने का सौभाग्य सुंदरलाल जैन राजेंद्र जैन संतोष कुमार जैन जितेंद्र जैन दीपक जैन राजा जैन रितेश जैन को प्राप्त हुआ। शांतिनाथ विधान के पश्चात महोत्सव में शामिल हुए श्रद्धालुओं भोजन व्यवस्था बाबूलाल सिंघाई राजकुमार सिंघई शैलेंद्र जैन अखिलेश जैन अभिषेक सिंघल भागचंद मूलचंद जैन सत्येंद्र चंद्र जैन के द्वारा की गई जिसकी तत्पश्चात संगीत में आरती संध्या का कार्यक्रम आयोजित किया गया।

असाटी वैश्य महासभा ने लताजी को श्रद्धांजलि दी

दमोह। अखिल भारतीय असाटी समाज (वैश्य) महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेंद्र असाटी, महामंत्री डॉ. विशाल असाटी, उपाध्यक्ष  नंदकिशोर असाटी, संयुक्त सचिव  केदार असाटी, कोषाध्यक्ष बद्रीप्रसाद नायक, महिला अध्यक्ष श्रीमती शशि के.के.असाटी, युवा अध्यक्ष श्री अंकुर असाटी, राष्ट्रीय प्रवक्ता एम.के.असाटी, राष्ट्रीय प्रचार सचिव भरत असाटी आदि के द्वारा स्वर कोकिला, भारत रत्न, लोगों के ह्रदय में राज करने वाली  जादुई आवाज, मां सरस्वती की स्वर पुत्री सुश्री लता मंगेशकर के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की गई. भगवान परम आत्मा को अपने श्री चरणों में विशिष्ट स्थान प्रदान करें। दिवंगत आत्मा को शांति मिले अखिल भारतीय असाटी समाज (वैश्य) महासभा ईश्वर से प्रार्थना करती है, श्रद्धा सुमन अर्पित करती है।

फरवरी के छटवें दिन 94 कोरोना केस..

दमोह जिले में फरवरी के छटवें दिन कोरोना के 94 केस सामने आए है। इनमें  जबलपुर नाका से 02, फुटेरा वार्ड नं 2 से 01, दमोह से 03, हटा से 03, बांसा तारखेड़ा से 01, मागंज वार्ड 5 से 01, फुटेरा वार्ड नं 1 से 01, गार्ड लाइन से 01, फतेहपुर से 02, बिलवारी मुहल्ला से 01, नोहटा से 01, सेमरा से 02, बजरिया वार्ड नं 05 से 01, पालर मुडिया से 01, दिनारी से 01, खेरूआ से 02, हिण्डोरिया से 07, बांदकपुर से 02, झिरा से 01, मडिया से 01, ढिगसर से 01, रोन से 01, सुजनीपुर से 07, बडगुवा से 01, पथरिया से 03, पिपरियाखिरिया से 01, बांसा कला से 01, पिपरिया से 01, पटेरा से 01, गाँधी वार्ड हटा से 01, खेरी से 01, चंडीजी हटा से 01, भिलोनी से 02, खेजरा मानपुरा से 01, नवोदय वार्ड हटा से 01, रामगोपालजी वार्ड हटा से 01, मझगुवा से 01, गौरीशंकर वार्ड हटा से 01, कांटी से 01, हटानाका से 01, माडारछल्लापुरा से 01, मोरगंज गल्ला मंडी से 01, खजरी मुहल्ला से 01, चौपरा रैयतवारी से 01, मगरोन से 01, टिकरी पिपरिया से 01, नयाबाजार दमोह से 01, तेजगढ़ से 01, देवरी से 01, सागर नाका से 02, टण्डन बगीचा से 01, एसपीएम नगर से 01, पुराना थाना दमोह से 01, पिपरिया चंपत से 01, बनवार से 01, भरतला से 01, रोना पटना से 01, पुरा से 04, खेजरा रमपुरा से 01, लखरोनी से 02, बकेनी से 01, इंद्रमोहन नगर दमोह से 01, महाराणा प्रताप चौक दमोह से 01, एरोरा कॉलोनी से 01, सूखा से 01 मरीज शामिल हैं। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाँ संगीता त्रिवेदी ने दी।

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