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रक्षाबंधन महापर्व पर जैन मिलन नगर द्वारा71 फुट के रक्षा सूत्र उपाध्यय श्री विश्रुत सागर जी एवं मुनि श्री निर्वेद सागर जी को समर्पित किया गया.. पुजारी पुरोहित कर्मकांड महासंघ ने मनाया श्रावणी पर्व.. लिनेस मैत्री क्लब के सदस्यो ने किया छात्राओं से संवाद..

जैन मिलन नगर प्रमुख शाखा द्वारा किया आयोजन

दमोह। रक्षाबंधन महापर्व के अवसर पर जैन मिलन नगर प्रमुख शाखा द्वारा विशेष आयोजन किया गया। 71 फुट का रक्षा सूत्र श्री पारसनाथ दिगंबर जैन नन्हें मंदिर जी में विराजमान उपाध्यय श्री विश्रुत सागर जी एवं मुनि श्री निर्वेद सागर जी महाराज को समर्पित किया गया। आज जैन धर्म के ग्यारहवें तीर्थंकर देवाधिदेव श्रेयांस नाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक महोत्सव भी था। आज के ही दिन लाखों बर्ष पूर्व श्री सम्मेद शिखर जी पर्वत की संकुल कूट से ऐक हजार मुनिराजों के साथ भगवान श्रेयांसनाथ स्वामी को मोक्ष की प्राप्ति की थी।
श्री दिगंबर जैन सिंघई मंदिर जी ऐवं पार्श्वनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर जी एवं पलंदी मंदिर जी की पाठशाला के बच्चों ऐवं शिक्षकों ने भी आज के आयोजन में विशेष सहयोग किया। जैन मिलन नगर प्रमुख शाखा के अध्यक्ष सुधीर जैन डब्लू ने बताया की जैन तीर्थ पर हो रहे निरंतर अतिक्रमण को देखते हुए राजनीतिक हस्तक्षेप को देखते हुए साधु ओं पर हो रहे हमले आदि को देखते हुए जैन समाज के साथ सभी पाठशाला के बच्चों ने आज मुनि श्री को रक्षा सूत्र समर्पित किया है जिसका उद्देश्य इस प्रण के साथ पूरा होगा कि जब तक शरीर में प्राण है जिनायतनों पर कोई भी अतिक्रमण वर्दाश्त नहीं होगा। 
इस अवसर पर नन्हे मंदिर जी में विराजमान उपाध्यक्ष श्री विश्व सागर जी महाराज ने अपने प्रवचन के माध्यम से उपस्थित धर्म सभा को संबोधित किया उन्होंने बताया मल्लिनाथ भगवान के समय हस्तिनापुर में महान आचार्य श्री अकल्पनाचार्य जी महाराज का संघ जिसमें सात सौ मुनि महाराज थे चातुर्मास साधना कर रहे थे उसी समय वाली नामक ब्यक्ति जिसने राजा से मिले वरदान के कारण सात दिवस के लिए राजा के समस्त अधिकार ले लिए थे पूर्व दुर्भावना एवं अशुभ कर्मोदय के कारण मुनि संघ पर घोर उपद्रव किया जहां संघ ठहरा था उसके चारों तरफ आग लगवाकर पशुयज्ञ कराया भीषण अग्निकांड एवं धुआं दुर्गंध आदि से भीषण उपसर्ग किया तीन दिन यह उपसर्ग चला तव विष्णु कुमार मुनि जिनको बैक्रया रिद्धी प्राप्त थी ने वोने वामन के रुप में राजा वली से तीन पग जमीन मांग कर यह उपसर्ग आज के दिन यानी रक्षाबंधन के दिन दूर किया था जबसे ही यह पर्व श्रवण रक्षा दिवस के रुप में मनाया जाता है। 
मुनि श्री निर्वेद सागर जी महाराज ने अपने आशीर्वाद के माध्यम से कहा की जैन साधु मोक्ष की प्राप्ति के लिए ही दीक्षा एवं तपस्या करता है परंतु धर्म की रक्षा के लिए मुनिसंघ की रक्षा के लिए महामुनि विष्णु कुमार जी महाराज ने ऐसी ही मोक्ष प्राप्त कर सकने वाली तपस्या को छोड़कर मुनिसंघ के उपसर्ग को दूर किया था ऐसे ही आज सभी श्रावकों को संकल्प लेना चाहिए कि जब तक शरीर में प्राण है जिन धर्म जिन आयतन एवं जिन साधु की रक्षा करेंगे।   मंत्री अरुण जैन कोर्ट, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष दिलेश जैन चौधरी, कोषाध्यक्ष मुकेश जैन मम्मा, विनय जैन, राजेश ओशो, विकास जैन, राजेश जैन हिनौती, शैलेन्द्र सिंघई, सबन सिल्वर, संदीप, शैलेन्द्र बजाज, संजीव शाकाहारी, जिनेन्द्र उस्ताद संजय सराफ राकेश पलंदी आदि की प्रमुख भूमिका रही।

पुजारी पुरोहित कर्मकांड महासंघ ने मनाया श्रावणी पर्व

दमोह। पुजारी पुरोहित कर्मकांड महासंघ दमोह के जिलाध्यक्ष पं.राहुल शास्त्री ने बताया श्रावणी पर्व का महत्व सनातन धर्म में श्रावण मास की पूर्णिमा पर मनाए जाने वाले श्रावणी उपाकर्म का बहुत महत्व है क्योंकि महापर्व का संबंध उस पवित्र ब्रह्मसूत्र से है जिसके तीन धागे देवऋण, पितृऋण और ऋषिऋण के प्रतीक माने जाते हैं. ब्रह्मसूत्र, यज्ञोपवीत या फिर कहें जनेऊ से जुड़ा पर्व साल भर में एक बार आता है, इसलिए लोग इसका बड़ी उत्सुकता से प्रतीक्षा करते हैं. जिस श्रावणी उपाकर्म को आत्मशुद्धि का पर्व माना जाता है। पूजा विधि और उसके धार्मिक महत्व श्रावणी उपाकर्म की विधि-विधान इस प्रकार है।

 इस पावन पर्व पर पुराने यज्ञोपवीत यानी जनेऊ को बदलने के लिए लोग किसी एक नदी या फिर तीर्थ स्थान पर इकट्ठे होते हैं। इसके बाद गुरु के निर्देशन के अनुसार ये कार्य संपन्न करते हैं। पुराने जनेऊ को बदलने के लिए सबसे पहले गाय के दूध, दही, घी के साथ ही गोबर, गोमूत्र और पवित्र कुशा को अपने हाथ में लेकर पूरे साल किए गए पाप-कर्म को प्रायश्चित करते हैं एवं पं.मुरलीधर शस्त्री जी ने बताया की प्रातः काल उठकर संध्या करने के बाद राजनगर तालाब मे जाकर उपाकर्म किया गया जिसमें पं.ज्वाला प्रसाद शास्त्री, पं.रितेश मिश्रा, पं.पंकज शास्त्री, पं.हरिशंकर पाण्डेय, पं.अजय गर्ग आदि की उपस्थिति रही।

लिनेस मैत्री क्लब के सदस्यो ने किया छात्राओं से संवाद

दमोह। शासकीय ईएफए जसवंत भाई प्रहलाद भाई उच्चतर माध्यमिक कन्या शाला जेपीबी में लिनेस मैत्री क्लब दमोह की अध्यक्ष रोजी बग्गा, सचिव रजनी खरे, सदस्य डिंपल खोसला, सारिका टण्डन एवं नर्मदा सिंह एकता को छात्राओं से संवाद करने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ। 

बच्चों का सामाजिक सरोकार, आत्म निर्भरता, व्यवसायिक शिक्षा वोकेशनल कोर्स विज्ञान से लेकर कला संकाय के विषयों पर रुचि रखने वाली छात्राओं से चर्चा हुई।  छात्राओं  के साथ कोई अनहोनी न हो इसके लिए उन्हें सलाह दी, कि कोई भी छोटी बड़ी घटना अगर घटती है तो अपने माता-पिता या अपने गुरुजनों को अवश्य बताएं।
छात्राओ के साथ संवाद बेहद अनूठा रहा सभी ने प्रश्न उत्तर किया अपने संकोच के बारे में भी उन्होंने खुलकर बताया आने वाले समय में जेपीबी उच्चतर माध्यमिक शाला की छात्राओं का भविष्य उज्जवल हो शुभकामनाएं लिनेस मैत्री क्लब ने प्रेषित की। इस अवसर पर स्कूल के प्राचार्य डी के मिश्रा व्यावसायिक शिक्षिका श्रीमती अलका मिश्रा, अलका मिश्रा, ईएफए कार्यक्रम प्रभारी शरद मिश्रा, अन्य शिक्षकों एवं छात्राओं की उपस्थिति रही।

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