झूम कर नाचे भक्त, आचार्य श्री का मिला मंगल आशीष
दमोह। आचार्य श्री के मुख से हटा का नाम कई बार सुना, लेकिन यहां आना और यही पर चातुर्मास करना पहली बार हुआ है, आचार्य श्री समय सागर जी महाराज से निर्देश प्राप्त हुआ कि हटा में चातुर्मास करना है, रूझान समझ में न आने के कारण टालने का प्रयास किया लेकिन आचार्य श्री द्वारा केवल हटा का ही नाम लिया गया और आज कलश स्थापना हो गई, चार माह तक निरंतर धर्म गंगा बहेगी, इसमें पवित्र होने का दायित्व आपका बनता है, अब आपको चातुर्मास का पूरा धर्म लाभ लेना है।
यह बात आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से दीक्षित आर्यिका रत्न श्री मृदुमति माता जी ने पावन वर्षायोग 2024 के चातुर्मास कलश स्थापना के अवसर पर श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन बड़ा मंदिर में कही । आर्यिका श्री ने कहा कि हटा नगर मेरे लिए एक अपरिचित स्थान था, सोच रही थी वहां के लोग कैसे है, लेकिन यहां जब आये तो यहां सारे बड़े बाबा व आचार्य श्री के भक्तों से परिचित हो गई ।हटा नगर की जैन समाज को इस वर्ष आर्यिका श्री मृदुमति एवं आर्यिका श्री निर्णयमति माता जी के चातुर्मास का सौभाग्य मिला है,
चातुर्मास कलश स्थापना के मंगल अवसर पर नगर के चारों जैन मंदिरों में प्रातःकाल अभिषेक, शांतिधारा, पूजन का आयोजन किया गया, बड़ा जैन मंदिर में आर्यिका मृदुमति द्वारा रचित शांति विधान हुआ। दोपहर में ध्वजा रोहण के साथ ही कार्यक्रम प्रारंभ हुए, आचार्य श्री के चित्र का अनावरण माता के गृहस्थ जीवन के परिजनों द्वारा किया गया। दीप प्रज्जवलन पुष्पा दीदी एवं निशा दीदी के द्वारा किया गया, मंगलाचरण में दीप्ति जैन ने विद्या सगार गंगा मन निर्मल करती है प्रस्तुत किया, तो नन्ही बालिका शानवी ने नृत्य प्रस्तुत किया, शालिनी जैन, निधि सेठ, सारिका जैन, राखी जैन द्वारा भी मंगलाचरण नृत्य प्रस्तुत किया गया, सकल जैन समाज एवं चातुर्मास कमेटी के द्वारा आर्यिका श्री के समक्ष चातुर्मास का निवेदन एवं कलश स्थापना का आशीर्वाद लिया।
समस्त पदाधिकारी एवं सकल समाज ने अपने दायित्व का निर्वाहन पूरी निष्ठा, समर्पण के साथ निभाने का संकल्प लिया। आचार्य श्री का पूजन में स्थापना समाज के वरिष्ठजनो ने की, सारे अर्घ रहली, महराजपुर, मडियादो, रजपुरा, सादपुर, हिनौता, गैसाबाद, पटेरा, बनगांव, दमोह से आये भक्तजनों के साथ बालिका मंडल, जैन मिलन, महिला मंडल, सकल समाज, समिति के पदाधिकारियों सहित भक्तजनों के द्वारा अर्पित किये गये। प्रथम चातुर्मास कलश स्थापना का सौभाग्य सेठ दीपक, विपिन, प्रदीप जैन परिवार को मिला, इसके उपरांत एचके जैन, कोमल चक्रेश जैन सादपुर, भानू सादपुर, राजेश जैन लेखनी देखनी परिवार दमोह, हेमकुमार जैन, लखमी चंद जैन बेलखेडी, निर्मल जैन बम्होरी, सुरेन्द्र जैन रहली द्वारा स्थापित किये गये।
आर्यिका संघ के 38 वां चातुर्मास पर 38 कलश एवं 101 भक्ति कलश भक्तों के द्वारा स्थापित किये गये । संघस्थ ब्रम्हचारिणी पुष्पा दीदी के द्वारा कलश स्थापना के महत्व को बताते हुए कहा कि अहिंसा धर्म का पालन करने के लिए चातुर्मास किया जाता है बरसात के दिनों में असंख्या में जीवों की उत्पत्ति होती है उन्हें बचाने के लिए यह चातुर्मास होता है इसमें साधु एक जगह ठहर कर अपनी धर्म प्रभावना को फैलाते है। इसी मांगलिक अवसर पर आर्यिका मृदुमति द्वारा लिखित करीब 50 पुस्तकों का एक साथ विमोचन किया गया। अतिथियों के लिए वात्सल भोज का आयोजन किया गया, वर्षायोग की विभिन्न समितियों के द्वारा सराहनीय सहयोग किया गया। हटा से संजय जैन की खबर
दमोह लायन्स क्लब का शपथ ग्रहण समारोह सम्पन्न
दमोह। किसी जरूरतमंद को एक दिन की मदद करने से बेहतर है कि उसके जीवकोपार्जन की सतत व्यवस्था की जाएं ऐसे ही विचार के साथ लायंस क्लब दमोह एवं लायन्स क्लब दमयंती ने 2024-25 के लिए पदाधिकारियों की शपथ, पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर एमजीएफ ला. नरेंद्र जैन द्वारा दिलाई गई। लायंस क्लब दमोह के अध्यक्ष ला.राकेश अग्रवाल सचिव ला.अभिषेक गोयल कोषाध्यक्ष ला.जुगल अग्रवाल लायन्स क्लब दमोह दमयंती के अध्यक्ष ला. राजेंद्र सिंह बग्गा सचिव ला.बृजेंद्र राठौर कोषाध्यक्ष ला.आलोक असाटी के साथ सभी पदाधिकारीयों ने शपथ ग्रहण की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पीएमजेएफ ला.विजय अग्रवाल, विशिष्ट अतिथि ला.भरत अग्रहरि, ला. उमेश जैन, ला.यशवंत सेंगर, ला. जवाहरभाई की विशेष उपस्थिति रही। वंदना गौंड को सिलाई मशीन प्रदान की गई। “पॉलिथीन मुक्त भारत की ओर बढ़ते कदम“ नारे को सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे, हटा निवासी गंगाराम पटेल को उनके द्वारा चलाए जा रहे मिशन को प्रोत्साहित करने 300 वेग और शाल श्रीफल से सम्मानित किया। समाजसेवी नरेन्द्र खत्री को 39 बार रक्तदान का पुण्यकार्य करने का गौरव प्रदान करने पर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन केप्टिन वाधवा और कीर्ति असाटी ने अतिथि परिचय ला.नीरजा श्रीवास्तव ने दिया। आभार ला.हरि पालीवाल ने प्रगट किया।
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