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नहीं रहे हर दिल अजीज ओम प्रकाश जैन गुड्डा भैया.. जटाशंकर पहाड़ी पर योगासन के दौरान ली अंतिम सांस.. जन्मभूमि बनवार की धरा पर नम आंखों से सभी स्नेहीजन देने पहुचे अंतिम विदाई..

 नहीं रहे हर दिल अजीज ओम प्रकाश जैन गुड्डा भैया ..

दमोह। ओम प्रकाश जैन गुड्डा भैया बनवार वालों की निधन की खबर सोशल मीडिया पर देखकर लोग विश्वास नहीं कर सके। गुरुवार सुबह वह रोज की तरह जटाशंकर पहाड़ी  सर्किट हाउस पर  पैदल भ्रमण के लिए गए थे  तथा वहीं पर योगासन करते हुए उन्होंने अंतिम सांस ली। इसके बाद उनकी बेसुध हो गई काया को जब जिला अस्पताल लाया गया तो डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके असामयिक निधन की खबर उनके चाहने वालों के बीच  जंगल की आग की तरह फैलते देर नहीं लगी।  लोगों ने जिला अस्पताल पहुंच  जानकारी ली श्रद्धा सुमन अर्पित किए। बाद में परिजन भरे मन से उनके पार्थिव शरीर को एंबुलेंस से लेकर  बनवार के लिए रवाना हो गए। दोपहर 2:00 बजे बनवार में उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी।

बनवार के प्रतिष्ठित जैन परिवार के वरिष्ठ सदस्य के तौर पर हमेशा बड़े भाई की भूमिका का निर्वहन करने सजग बने रहने वाले गुड्डा भैया का नाम हमेशा से अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने तथा संघर्ष करने वालों के तौर पर लिया जाता रहा है। इसके लिए उन्होंने अनेक वर्षों तक अपने साप्ताहिक समाचार पत्र कालम के जरिए जहां अन्याय अत्याचार के खिलाफ अलख जगाए रखी वही लगातार पांच वर्षों तक बनवार क्षेत्र से जिला पंचायत के सदस्य रहते हुए पंचायत राज की आड़ में होने वाले ग्रामीणों की सुविधाओं के शोषण के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहे। वहीं सामाजिक धार्मिक आयोजनों में सर्व समाज के साथ उनकी सहभागिता हमेशा बनी रहती थी।

जीवन पर्यंत भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे ओम प्रकाश जैन गुड्डा भैया की गिनती दमोह के पूर्व विधायक व पूर्व मंत्री श्री जयंत मलैया के खास सिपह सालारओं के तौर पर की जाती थी। जब तक बनवार क्षेत्र दमोह विधानसभा क्षेत्र में रहा तब तक श्री मलैया को गुड्डा भैया के रहते कभी चुनाव प्रचार के दौरान आने की जरूरत नहीं पड़ी। इसी तरह बनवार के जबेरा क्षेत्र में शामिल हो जाने के बाद वह जबेरा क्षेत्र के से चुनाव लड़ने वाले भाजपा  प्रत्याशियों के लिए हमेशा संबल प्रदान करते रहे।

पिछले कुछ वर्षों से आध्यात्मिक तथा योग की ओर उनका झुकाव पढ़ने बढ़ने का नतीजा था कि उनके गले में भगवती मानव कल्याण संगठन कार्यकर्ताओं की तरह नशे का नाश करने को तत्पर लालपट्टी तथा गौ माता की सुरक्षा को आतुर बजरंग दल कार्यकर्ताओं की तरह नारंगी गमछा हमेशा पड़ा रहता था। पिछले कुछ वर्षों में उनकी दिनचर्या पूरी तरह से बदली बदल गई थी यही वजह थी प्रातः भ्रमण योग आदि उनकी दिनचर्या का महत्वपूर्ण अंग बन गया था और इस कोरोना कॉल में भी वह पूरी तरह से स्वस्थ्य थे।

 

उनका इस तरह से जाना परिजनों परिचितों चाहने वालों के लिए किसी सदमे से कम नहीं है परमपिता परमेश्वर उनकी अंतरात्म को अपने चरणों में स्थान प्रदान करें और परिजनों को या गहन दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ओम शांति शांति शांति.. राजेन्द्र अटल परिवार की और से विनम्र श्रद्धांजलि


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