जैन धर्मशाला में वैज्ञानिक संत के मंगल प्रवचन
दमोह। वैज्ञानिक संत आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज ने जैन धर्मशाला में उपदेश देते हुए कहा देश में चल रहे लव जिहाद के माध्यम से धर्मांतरण को रोकने के लिए सरकार ने जो नया कानून लाने का प्रस्ताव रखा है । वह एक सराहनीय कार्य है । यह कानून बहुत पहले आ जाना था लेकिन जब जागे तब सवेरा वाली कहावत के अनुसार ठीक है । लेकिन जहां तक मैं समझता हूं अकेले कानून बनाने से लव जिहाद और धर्मांतरण की घटनाएं नहीं रुकेंगे । उसको रोकने के लिए लव जिहाद की जानकारी कौमारयअवस्था से तरुणी बेटियों को देने की परम आवश्यकता है ,क्योंकि मैंने अभी तक देखा है की 95 परसेंट बेटियों को लव जिहाद के संबंध में कोई जानकारी ही नहीं है।इसलिए सर्वप्रथम नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से , निबंध प्रतियोगिता एवं उपदेश के माध्यम से बालक बालिकाओं को लव जिहाद की जानकारी देना चाहिए। लव जिहाद का कानून वोट की राजनीति से परे, देश समाज और युवतियों के उज्जवल भविष्य के लिए होना चाहिए ।
आचार्य श्री ने बताया कि 1 वर्ष में लगभग 10 हजार लड़कियां हमारे देश से लापता हो जाती है , जिनका कोई अता-पता नहीं चल पाता है । भारत देश लड़कियों का सबसे बड़ा तस्कर देश बन गया है । सन 2002 से अभी तक दो लाख से अधिक बालिकाएं लापता है।आचार्य श्री ने कहा नारी को अपना विकास करने के लिए सहारे की आवश्यकता होती है । जैसे बेल तभी विकास कर सकती है जब उसे सहारा मिल जाए, अन्यथा वही पड़ी पड़ी सड़ जाती है उसमें कोई फल नहीं लग पाते हैं उसी प्रकार नारी को विकास करने के लिए सहारे की जरूरत होती है । पुरुष पेड़ के समान होता है उसे अपना विकास करने के लिए सहारे की जरूरत नहीं होती है। आचार्य श्री ने कहा नारी के स्वतंत्र घूमने पर प्रतिबंध इसलिए लगाया जाता है कि जैसे बेल जो नजदीक होता है उसी से लिपट जाती है । वह यह नहीं देखती थी यह कटीला है या जंग खाया है और एक बार लिपट जाने के बाद वह टूटने को तो तैयार रहती है लेकिन उसे हटाना चाहो तो वह नहीं हटती है । वैसे ही नारी उससे लिपट जाती है उसे छोड़ने को तैयार नहीं होती है। नारी भावुक होती है भावुकता में जल्दी बह जाती है, कभी-कभी वह अपनी विवेक बुद्धि खो देती है और गलत निर्णय ले लेती है जिससे उसे जिंदगी भर पछताना पड़ता है । इसी वजह से मां-बाप बेटियो के लिए स्वतंत्र घूमने पर प्रतिबंध लगाते हैं। जो भारतीय संस्कृति के अनुसार उचित है अनुचित नहीं है।
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