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पर्यूषण पर्व के प्रथम दिन क्षमा धर्म पर.. कुंडलपुर में निर्यापक मुनि श्री योग सागर जी महाराज के हटा में आर्यिका श्री गुण मति माता जी के मंगल प्रवचन.. इधर टंडन बगीचा दमोह में निर्माणाधीन जैन मंदिर में श्रीजी की भव्य आगवानी.. हाल में अस्थाई रूप से श्रीजी विराजमान..

 प्रतिशोध का अभाव ही क्षमा है- मुनि श्री योग सागर 

दमोह। प्रतिशोध का अभाव ही क्षमा है क्षमा हमारी शक्ति है और क्रोध हमारी कमजोरी क्रोध हमारी आत्मा को कमजोर बनाता है जबकि क्षमा आत्मा को बलवान बनाती है आत्मा की प्राप्ति के लिए पर्व मनाया जाता है जिससे हमारे आत्मा के 8 कर्मों का नाश हो वह पर्व है पर्यूषण पर्व में आत्मा के कर्मों की निर्जरा की जाती है। उपरोक्त उद्गार कुंडलपुर में विराजमान निर्यापक मुनि श्री योग सागर जी महाराज ने पर्यूषण पर्व के प्रथम दिन क्षमा धर्म पर अपने मंगल उद्बोधन में विद्या भवन में प्रदान किए। 
 इस अवसर पर कुंडलपुर क्षेत्र कमेटी के पदाधिकारियों के द्वारा आचार्य श्री के चित्र का अनावरण किया गया एवं ज्ञान ज्योति का प्रज्वलन किया गया इसके पूर्व प्रातः काल मुनि संघ के मंगल सानिध्य में बड़े बाबा के अभिषेक एवं शांति धारा के उपरांत पूजन विधान संपन्न हुआ। मुनि श्री ने अपने मंगल प्रवचनओं में आगे कहा कि क्षमा उसे किया जाता है जो क्रोध करता है जब हमारी इच्छा पूरी नहीं होती तब क्रोध आता है क्रोधी व्यक्ति प्रेम नहीं करता उसमें वात्सल्य का आभाव होता है। 

 क्षमा रुपी जो आभूषण को धारण कर लेता है उसका कल्याण निश्चित है मोक्षमार्ग में मित्र भी शत्रु हो जाता है और शत्रु भी मित्र हो जाता है शत्रु के द्वारा हमारे कर्मों की निर्जरा होती है क्षमा सिर्फ शब्दों में अथवा प्रवचनों में नहीं होनी चाहिए क्षमा हमारे अंतरंग से होनी चाहिए क्षमा हमारे अंतरंग को बदल देती है क्षमा भाव के जागने से क्रोध के स्थान पर प्रेम उमड़जाता है जो व्यक्ति क्षमा को धारण कर लेता है उसका कल्याण निश्चित है।

क्रोध अग्नि को क्षमा की शीतलता से शांत करें – आर्यिका श्री गुण मति माताजी
हटा, दमोह। क्रोध मनुष्‍य के विवेक और होश को समाप्‍त कर देता है, क्रोधी व्‍यक्ति पागलपन की हरकतें करने लगता है, वह यह भी भूल जाता है कि हम क्‍या कर रहे क्‍या परिणाम होगें, क्रोधी व्‍यक्ति की आंखे तो होती है लेकिन उसे दिखाई नहीं देता है, कान होता है पर सुनाई नहीं देता है, क्रोध के दौरान इंसान के शरीर में जहर उत्‍पन्‍न होने लगता है, शिशुवती मां को क्रोध के दौरान अपने नवजात को स्‍तनपान नहीं कराना चाहिए, ऐसे में शिशु का स्‍वभाव क्रोधी हो जाता है। यह बात श्री पार्श्‍वनाथ दिगम्‍बर जैन मंदिर में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की आज्ञानुवर्ती आर्यिका श्री गुणमति माता जी ने पर्वराज पर्यूषण पर्व के प्रथम दिवस उत्‍तम क्षमा पर अपने मंगल प्रवचन में कही।

 उन्‍होने कहा कि क्रोध को बैर का रूप न दें, यह भवो भवो तक कष्‍ट प्रदान करता है, क्रोध अग्नि को क्षमा की शीतलता से शांत करें, क्षमा मांगें, क्षमा प्रदान करें, झगडा विवाद होना कोई नई बात नहीं है अनादिकाल से यह चला आ रहा है, विवाद का टालना ही हितकारी होता है, अधिकांश घरों में सम्‍पन्‍नता तो है लेकिन रिश्‍ते ऐसे है कि कोई एक दुसरे से बात भी नहीं करता, देखकर मुस्‍कराता भी नहीं है, मुस्‍कराने की पहल आप करों निःसंदेह सामने वाला भी मुस्‍करायेगां, जो बात गुस्‍सा में कहते वह हंसकर भी कही जा सकती है, यही क्षमा का रूप है।
पर्वराज पर्यूषण पर्व पर नगर के चारों जैन मंदिर में नित्‍य संगीतमय अभिषेक, शांतिधारा, पूजन विधान प्रारंभ हुआ, मुख्‍य कार्यक्रम आर्यिका संघ के सानिध्‍य में चल रहा है, आर्यिका संघ के सानिध्‍य में ही आज बालिका संस्‍कार शिविर का शुभारंभ हुआ, शिविर में सभी बालिकाएं, महिलाएं निर्धारित ड्रेस में मंदिर जी पहुंची जहां, संजय भैया मुरैना के निर्देशन में अभिषेक, शांतिधारा, पूजन हुई, शांतिधारा करने का सौभाग्‍य प्रदीप जैन शिक्षक नीर कुमार एवं कोमल चन्‍द्र चक्रेश लालू जैन को प्राप्‍त हुआ।

विगत 45 दिनों से मंदिर जी में चल रही तत्‍वार्थ सूत्र क्‍लास की बालिका दीप्ति जैन ने संस्‍कृत में ही मौखिक 10 अध्‍याय का वाचन किया, तो अभिभावकों सहित सकल समाज ने बालिका की एवं नगर में बढ रही धर्म प्रभावना की सराहना की, साथ ही कहा कि आज अंग्रेजी माध्‍यम के स्‍कूलों में अध्‍ययनरत बच्‍चे हिन्‍दी भी अच्‍छे से नहीं पढ पा रहे वही यहां बच्‍चों को संस्‍कृत में प्रदान ज्ञान कंठस्‍थ हो रहा है, दीप्ति को निशा दीदी के द्वारा श्रुत संदूक प्रदान कर सम्‍मानित किया वही परिजनों का सम्‍मान भी सकल समाज के द्वारा किया गया

टंडन बगीचा में निर्माणाधीन जैन मंदिर में अस्थाई रूप से श्रीजी विराजमान.. 

दमोह। टंडन बगीचा दमोह में निर्माणाधीन जैन मंदिर के हाल में अस्थाई रूप से श्रीजी विराजमान है। जहां पर नित्य अभिषेक विधान रात्रि में प्रवचन आरती का कार्यक्रम संपन्न हो रहा है। पर्यूषण पर्व की पावन बेला में श्री जी के यहां पहुंचने पर भव्य आगवानी की गई।

मंदिर समिति ने समस्त जैन श्रावक जनों से टंडन बगीचा स्थित जिनालय जी पहुंचकर श्री जी के दर्शन कर धर्म लाभ प्राप्त करने की अपील की है। अध्यक्ष शैलेंद्र जैन लिवास गारमेंट्स, मंत्री एम एल जैन शिक्षक, कोषाध्यक्ष आलोक जैन सुपर सुपारी आदि ने बताया कि पर्यूषण पर्व के दौरान टण्डन बगीचा जैन मंदिर में प्रतिदिन नित्य पूजन अभिषेक आरती आदि का आयोजन भक्ति भाव के साथ किया जा रहा है।

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