पोस्ट बजट वेबीनार से जुड़े राज्यमंत्री श्री पटेल
दमोह। केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं जल शक्ति राज्यमंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल आज एनआईसी के माध्यम से आयोजित देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पोस्ट बजट ;कोई छूटे ना लाइव टेलीकॉस्ट से जुड़े। इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री द्वारा दिये गये वक्तव्य को सुना गया। इस अवसर पर कलेक्टर एसण्कृष्ण चैतन्य अपर कलेक्टर नाथूराम गौड़ एसडीएम गगन बिसेन मौजूद थे।केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री पटेल ने कहा अगर जिलों की दृष्टि से कहें तो 100 जिले हैंए 1144 ब्लॉक हैए 66647 पंचायत है तथा 137642 गांव है। इन ग्रामों में शत.प्रतिशत घरों तक पानी पहुंचाने में सफल हुए हैं। राज्यों में गोवा जिसका 2020 में लक्ष्य प्राप्त किया, तेलंगाना अंडमान निकोबार पांडिचेरी एवं हरियाणा का लक्ष्य 2021 में प्राप्त किया। दादर नगर हवेली पंजाब में 99 फ़ीसदी तक पहुंच चुके हैं बहुत जल्दी यहां पर भी लक्ष्य प्राप्त करेंगे। हिमाचल गुजरात एवं बिहार में 90 फ़ीसदी तक लक्ष्य प्राप्त किया है। उन्होंने कहा यहा तक मैंने जिन राज्यों में प्रवास किया है जो चुनौतियां मैं देखता हूं वह बड़ी विनम्रता के साथ राज्य के लोगों से कहूंगा कि कुछ बातों का हमें समन्वय भी बिठाना पड़ेगा और तेजी के साथ में काम करना पड़ेगा जैसा कि देश के प्रधानमंत्री जी ने कहा है।
उन्होंने कहा डीपीआर बनाने की जो गति है राज्यों की उसको तेजी के साथ में आगे बढ़ाना होगा और जब कभी हम शत.प्रतिशत के लक्ष्य की बात करते हैंए तो थर्ड पार्टी एसेसमेंट के बगैर लक्ष्य घोषित करने के बारे में सोचना चाहिएए जब शत.प्रतिशत घरों तक पानी पहुंच जाए जो गुणवत्ता की बात प्रधानमंत्री जी और मंत्री जी ने भी कही हैए इसका पूरा निरीक्षण करने में हमें कोई हिचक नहीं होनी चाहिए जो जरूरत मंद श्रेणी के गांव एवं जिले हैं उनको स्रोत हीन गांव या सीमावर्ती गांवए एससी.एसटी आकांक्षी जिले कह सकते हैं।
केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री पटेल ने कहा राजस्थान का उल्लेख मंत्री जी ने किया हैए हम को प्राथमिकता मिलनी चाहिए जो कम से कम राज्य सरकारों की कार्यप्रणाली की प्राथमिकता की सूची में हो ऐसा मैं उनसे आग्रह करूंगा। पुरानी वाटर सप्लाई को हमने जोड़ने की बात कही है मेरा आग्रह होगा की डीपीआर में उनकी मैपिंग जरूर होनी चाहिए क्योंकि वह पुरानी है और यदि बाद में कभी 10 या 15 साल बाद हमको पूरे सिस्टम को रिन्यूवेट करना हो तो गांव के सिस्टम को मदद मिलेगी इसलिए डीपीआर में उस पुराने सिस्टम की मैपिंग भी बहुत जरूरी हैए क्योंकि कोई भी ग्राम पंचायत अगर सिंगल विलेज स्कीम हैए तो वह शायद उसके पास हैए तंत्र नहीं होगा तो वह उनके के लिए बड़ी कठिन चुनौती बन सकती है।
उन्होंने कहा पानी की गुणवत्ता हो या पानी समितियों का प्रशिक्षण इन दोनों की ट्रेनिंग के बारे में हमारे पास में समय के पहले आंकड़े आने चाहिए कि अगर योजना पूरी हो उसके पहले पानी समितियों की ट्रेनिंग हो जाएए जो बहनें पानी को टेस्ट करेंगीए क्योंकि पाइप और पानी की गुणवत्ता की बात प्रधानमंत्री जी ने इस भाषण में कही है तो हमें यह जरूर करना चाहिए और अंत में प्लंबर और फिटर की ट्रेनिंग की बात भी आती है।
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