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एकलव्य विश्वविद्यालय में.. आदिगुरू शंकराचार्य जी की जन्म जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन.. इधर रवीन्द्रनाथ टैगोर की जयंती पर काव्य पाठ प्रतियोगिता संपन्न.

 आदिगुरू शंकराचार्य की जयंती पर राष्ट्रीय संगोष्ठी..

दमोह। एकलव्य विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग एवं मप्र जन अभियान परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आदिगुरू शंकराचार्य जी की जन्म जयंती पर आचार्य शंकर के जीवन और दर्शन विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

 जिसमें मुख्य अतिथि प्रो पवन कुमार जैन कुलपति, अध्यक्ष प्रो प्रफुल्ल कुमार शर्मा कुलसचिव, सारस्वत अतिथि दिनेश कुमार उमरैया संभाग समन्वयक मप्र जन अभियान परिषद् एवं सुशील नामदेव जिला समन्वयक , जन अभियान परिषद और मुख्य वक्ता डॉ आशीष जैन संस्कृत विभागाध्यक्ष कला एवं मानविकी संकाय रहे। सारस्वत अतिथि सुशील नामदेव ने आचार्य शंकर के जीवन के विविध पक्षों को उद्घाटित करते हुए उनके जीवन की प्रमुख घटनाओं वैराग्य त्याग शास्त्रार्य उपदेश आदि का उल्लेख किया। 

मुख्य वक्ता डॉ आशीष जैन शिक्षाचार्य ने आद्यगुरू शंकराचार्य के दार्शनिक पक्ष पर अपने विचारों के माध्यम से सभा को सम्बोधित किया। विशिष्ट अतिथि दिनेश उमरैया  ने आद्यगुरूशंकराचार्य जी के जीवन और दर्शन का ब्रहन ज्ञान की प्राप्ति का साधन बतलाया। प्रो प्रफुल्ल शर्मा ने अध्यक्षीय वक्तव्य के माध्यम से कहा कि हमें शंकराचार्य द्वारा बताये गये मार्ग पर चलकर उनका अनुसरण करना चाहिए। 

  टैगोर जयंती पर काव्य पाठ प्रतियोगिता संपन्न..

 दमोह। एकलव्य विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा रवीन्द्रनाथ टैगोर की जन्म जयंती पर  काव्य पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । जिसमें भाग लेने वाले 25 विद्यार्थियों ने बड़े ही रोचक तरीके से काव्यपाठ किया। निर्णायक मंडल के रूप में डॉ उषा खडेलवाल, डॉ  सूर्य नारायण गौतम, डॉ आशीष कुमार जैन  रहे।

प्रतियोगिता में प्रथम स्थान वंदना पटेल , द्वितीय स्थान शुभम जैन , तृतीय स्थान काजल गुप्ता ने प्राप्त करने पर विश्वविद्यालय द्वारा प्रमाण पत्र एवं राशि देकर सम्मानित किया गया । 
दोनों कार्यक्रम में कुलाधिपति डॉ सुधा मलैया, प्रति कुलाधिपति पूजा मलैया एवं रति मलैया, कुलपति प्रो पवन कुमार जैन, प्रो प्रफुल्ल कुमार शर्मा एवं सभी विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक एवं सभी विभागों के छात्र छात्राऐं उपस्थित रहे। संचालन डॉ आशीष कुमार जैन जैन एवं प्राकृत अध्ययन के विभागाध्यक्ष ने किया ।


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