तहसील ग्राउंड के उपयोग पर अब 5000 रू दिन लगेगा
दमोह।
कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य ने आदेश जारी करते हुये कहा है नजूल शीट नंबर 49
प्लाट नंबर 124.2 रकवा 6.21 एकड़ ;तहसील ग्राउंड उक्त स्थान पर किसी भी
अशासकीय कार्यक्रमों के आयोजन के पूर्व विभिन्न विभागो से अनापत्ति प्राप्त
करना तथा प्रत्येक दिवस के मान से 5 हजार रूपये रेडक्रॉस सोसायटी में जमा
किया जाना अनिवार्य होगा। तदुपरांत ही अनुविभागीय मजिस्ट्रेट की अनुमति
प्राप्त की जा सकेंगी।
दमोह। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संगीता त्रिवेदी के निर्देशन एवं सिविल सर्जन डॉ ममता तिमोरी के मार्गदर्शन तथा जिला अंधत्व नियंत्रण समिति के तत्वाधान में सरस्वती शिशु मंदिर के स्कूली बच्चों को नेत्रदान पखवाड़े के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
कुंडलपुर में साधना आराधना भक्ति का संगम..
कुंडलपुर। सुप्रसिद्ध सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर मध्य प्रदेश में दश लक्षण महापर्व पर साधना, आराधना ,भक्ति का नजारा दृष्टिगोचर हो रहा है ।एक ओर जहां प्रातः काल पूज्य बड़े बाबा के विशाल मंदिर में भक्तांमर महामंडल विधान भक्ति भाव के साथ श्रावक श्रेष्ठी जनों के द्वारा किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर पूज्य बड़े बाबा का अभिषेक, शांतिधारा, आरती ,पूजन- विधान में भी दूर-दूर से श्रद्धालु भक्त आ कर अपना जीवन धन्य कर रहे। भक्तांमर विधान कर्ता परिवार इंद्र कुमार नाभिनंदन जैन हरदुआ (पन्ना )रहे। पूज्य बड़े बाबा का प्रथम कलश ,रिद्धि मंत्र कलश, शांति धारा करने का सौभाग्य सौरव सुधीर सिंघई परिवार इंदौर, मनमोहन जैन ओमप्रकाश जैन परिवार कोटा ,विनोद जैन स्वर्गीय गुलाबचंद जैन परिवार विदिशा, हृदय जैन अरुण निर्मल कुमार जैन गुना, प्रकाश चंद कैलाश महेंद्र कमलाबाई रितु मोनिका परिवार राहतगढ़ को प्राप्त हुआ भगवान पारसनाथ की शांति धारा हेमचंद संदीप बजाज किरण निवेदिता खुरई परिवार ,प्रमोद कुमार मीना जैन शास्त्री परिवार कटनी ने की ।छत्र चवंर स्थापित करने का सौभाग्य सौरभ सुधीर सिंघई इंदौर, विनोद कुमार अरुण कुमार जैन नौगांव ने प्राप्त किया।
देव श्री जानकी रमण जी बूंदाबहू मंदिर के ज्योतिषार्य आचार्य पंडित रवि शास्त्री जी महाराज ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार 3 सितंबर, दिन शनिवार को 9 बजकर 28 मिनट पर भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि प्रारंभ होगी और इस तिथि का समापन अगले दिन 4 सिंतबर दिन रविवार को सुबह 7 बजकर 22मिनट पर होगा। इसलिए लोकविजय पंचांग के अनुसार राधाष्टमी 3 सितंबर को मनाई जाएगी। राधा अष्टमी पूजन विधि अन्य व्रतों की भांति इस दिन भी प्रातः उठकर स्नानादि क्रियाओं से निवृत होकर श्री राधा जी का विधिवत पूजन करना चाहिए। इस पूजन हेतु मध्याह्न का समय उपयुक्त माना गया है। इस दिन पूजन स्थल में ध्वजा, पुष्पमाला,वस्त्र, पताका, तोरणादि व विभिन्न प्रकार के मिष्ठान्नों एवं फलों से श्री राधा जी की स्तुति करनी चाहिए। पूजन स्थल में पांच रंगों से मंडप सजाएं, उनके भीतर षोडश दल के आकार का कमलयंत्र बनाएं, उस कमल के मध्य में दिव्य आसन पर श्री राधा कृष्ण की युगलमूर्ति पश्चिमाभिमुख करके स्थापित करें। बंधु बांधवों सहित अपनी सामर्थ्यानुसार पूजा की सामग्री लेकर भक्तिभाव से भगवान की स्तुति गाएं। दिन में हरिचर्चा में समय बिताएं तथा रात्रि को नाम संकीर्तन करें। एक समय फलाहार करें और मंदिर में दीपदान करें।राधाष्टमी एक महोत्सव है, जो अपने साथ भक्तों के लिए भक्तिप्रेम और उमंगों की बहार लेकर आता है। अगर इस दिन श्रद्धापूर्वक राधाष्टमी का व्रत किया जाए, तो व्रती को राधा रानी और श्रीकृष्ण, दोनों की कृपा प्राप्त होती है। कहते हैं कि उन्हें सुख, शांति और समृद्धि के साथ-साथ माता लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है।
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