धूमधाम से मनाई महाराजा अजमीढ़ देव की जयंती
दमोह। सर्व स्वर्णकार (सोनी) समाज के आदि पुरुष और स्वर्ण कला के जनक महाराजा श्री अजमीढ़ देव जी का जन्मोत्सव शरद पूर्णिमा पर मनाया जाता है इसी क्रम में दमोह के सर्व स्वर्णकार (सोनी) समाज ने एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया दमोह के स्थानीय बकौली चौराहा सराफा बाजार में भव्य पंडाल सजाकर महाराज अजमीढ़ देव जी का पूजन किया गया..
दमोह। सर्व स्वर्णकार (सोनी) समाज के आदि पुरुष और स्वर्ण कला के जनक महाराजा श्री अजमीढ़ देव जी का जन्मोत्सव शरद पूर्णिमा पर मनाया जाता है इसी क्रम में दमोह के सर्व स्वर्णकार (सोनी) समाज ने एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया दमोह के स्थानीय बकौली चौराहा सराफा बाजार में भव्य पंडाल सजाकर महाराज अजमीढ़ देव जी का पूजन किया गया..
इसके बाद एक भव्य शोभा यात्रा बकौली
चौराहे से शुरू होकर शहर भ्रमण के बाद वापस बकौली चौराहा पहुंची जहां पर
महाराजा अजमीढ़ देव जी की भव्य महा आरती की गई ,आरती के बाद विभिन्न शहरों
से दमोह पहुंचे अतिथियों का और दमोह के वरिष्ठ जनों का शॉल श्रीफल भेंट कर
सम्मान किया गया वही विशाल सह भोज के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ,
कार्यक्रम में दमोह के सर्व स्वर्णकार सोनी समाज के सदस्यों की गरिमा में
मौजूदगी रही..
उद्बोधन के दौरान यहां पर मौजूद भारतीय युवा स्वर्णकार समाज के
अध्यक्ष वीरेंद्र सोनी ने बताया कि वे लगातार कई वर्षों से यह आयोजन करते आ
रहे हैं जिसमें जिले भर के सोनी समाज के लोगों की गरिमा में उपस्थिति रहती
है। वही हटा से पधारे अतिथि कन्हैयालाल सराफ ने बताया कि नारी शक्ति की
उपस्थित ऐसे कार्यक्रमों के दौरान समाज की गरिमा को और बढ़ा सकती है वही
यहां पर मौजूद अन्य अतिथियों ने भी अपने-अपने विचार रखें।कार्यक्रम में हटा से पधारे भोला सराफ दिनेश सोनी रवि सोनी सौरभ सोनी की
विशेष मौजूदगी रहे वही कार्यक्रम को सफल बनाने में कपिल सोनी राजेश सोनी,
सुशील सोनी, मनीष सोनी, राकेश भिलसइया, कैलाश सोनी, ध्रुव सोनी ,बंटी सोनी,
राजकुमार सोनी, ब्रिज किशोर सोनी, नरेंद्र जड़िया, गोलू सोनी संतोष सोनी
कृष्ण कुमार सोनी, प्रदीप सोनी, दिनेश सोनी, श्रीकांत, प्रेम सोनी
पुरुषोत्तम सोनी, श्याम बिहारी जड़िया, रवि सोनी, दीपेश सोनी सोनी, रितेश
सोनी, नीलाश्याम, विनय रतले, रवींद्र सोनी, सुनील सोनी, धर्मेंद्र
सोनी,सूरज सोनी, विनीता जड़िया, मनोरमा रतले, सुनीता सोनी, निहाल सोनी की
मौजूदगी रही।
शरद पूर्णिमा पर सुभाष कॉलोनी हनुमान मंदिर में प्रसाद वितरण.. दमोह।
सुभाष कॉलोनी हनुमान मंदिर में शरद पूर्णिमा के शुभ अवसर पर धन की देवी
मां लक्ष्मी का प्राकट्योत्सव के रूप में उत्साह के साथ शरद पूर्णिमा पर्व
मनाया गया जिसमें खीर और फल प्रसाद के रूप में सभी वार्ड वासियों को वितरण
किया साथ ही महिलाओं के द्वारा भजन कीर्तन किया..कार्यक्रम में भाजपा जिला
अध्यक्ष श्री प्रीतम सिंह लोधी ने बताया कि सिविल वार्ड 6 में भारी बारिश
के चलते अनेक घरों में पानी भर गया था जिससे लोगों के घरों की सामग्री खराब
हुई बहुत नुकसान हुआ जिसमें दयालु ठाकुर और अन्य वार्ड वासियों ने मुआवजा
हेतु प्रयास किया था जिसमें दमोह विधायक श्री जयंत कुमार मलैया एवं श्री
सिद्धार्थ मलैया जी के प्रयासों से 20लाख 90 हजार रू की सहायता राशि वार्ड
वासियों के खाते में जमा कराई गई जिसकी खुशी में आज ये खीर वितरण का
कार्यक्रम रखा गया।जिसमें वरिष्ठ भाजपा नेता अखलेश हजारी ,मंडल अध्यक्ष पवन
तिवारी ,श्री दयालु ठाकुर , जागेश्वर लोधी,शिवचरण नेता सोनू सेन राजेश
यादव गणेश ठाकुर ,पुरान ठाकुर, पवन राठौर हरी सिंग राठौर ,एवम समस्त वार्ड
वासियों की उपस्थिति रही ।
जिसमें हम जय गुरुदेव के बच्चे हैं सतयुग लाकर दम लेंगे का नारा बोला गया और लोगों को सतयुग आगमन की खुशखबरी दी गई| उसके उपरांत बच्चों को प्रसाद वितरण किया गया, तत्पश्चात कुछ समय के लिए ध्यान, भजन कराया गया उसके उपरांत सत्संग कार्यक्रम शुरू किया गया। कार्यक्रम में जिले के जिम्मेदार आदरणीय उमाशंकर उपाध्याय जी ने गुरु महाराज के वक्त के संदेश को सुनते हुए कहा कि कलयुग में कलयुग जाएगा और कलयुग में सतयुग आएगा एवं सतयुग देखने के लिए हम आपको उसके काबिल बनना पड़ेगा और लोगों को भी बनाना पड़ेगा और शाकाहारी नशा मुक्त लोगों को बनाना पड़ेगा। साथ ही साथ बताया कि यह मानव मंदिर मस्जिद, गुरुद्वारा केवल और केवल जीते जी प्रभु का भजन कर उनको प्राप्त करने के लिए मिला है। यह केवल वक्त के गुरु से संभव है, लोगो से कहा उनकी खोज कर, उनसे परमात्मा प्राप्ति का रास्ता लेकर और आप इसी जन्म में भव से पार जा सकते है।
कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि आगे ठगी बहुत बढ़ेगी इससे हम आपको बचना है और लोगों को भी बचाना है, इसलिए इस वक्त पर हम आपको सतर्क रहने की जरूरत है। जय गुरुदेव नाम प्रभु का है वक्त का जगाया हुआ नाम है, यह नाम प्रत्येक घरों के ऊपर लिख जाए और जय गुरुदेव नाम का झंडा भी सत्संगी प्रेमियों के घर पर लग जाए। इससे आने वाली तकलीफों में बचत राहत मिलेगी साथ ही साथ कहा गया कि प्रत्येक सत्संगी संकल्प करें की हमारे घर में जय गुरुदेव नाम ध्वनि निरंतर बोली जाएगी, एवं बच्चों को भी इसमें सम्मिलित किया जायेगा, जिससे उनको गलत आदतें न लग पाएँ। इस नाम से कोई भी शाकाहारी नशा मुक्त व्यक्ति किसी भी क्षण किसी भी समय मदद ले सकता है। कार्यक्रम के उपरांत सैकड़ो सत्संगी प्रेमी एवं ग्राम वासियों ने भोजन भंडारा प्रसाद ग्रहण कर लाभ लिया। कार्यक्रम में जिले के जिम्मेदार आदरणीय राम सींग, बल्लू, भरत, भगत, जगत, नन्नू सींग, तखत सिंह, मानसिंह, हल्लू सिंह, कल्लू सिंह, शिवराज यादव, शिव प्रसाद विश्वकर्मा, नत्थू सींग , विजय चौधरी, गुड्डू जैन, देवेंद्र सिंह, मोहन चौधरी सहित जिले के सत्संगी प्रेमी एवं ग्रामवासी उपस्थित रहे|
बाल्मीकि स्वामी
जी चित्र पर पुष्प माला अर्पित कर पूजन व प्रसाद वितरण किया। इस अवसर पर
मुख्य रूप से पार्षद श्रीमती सुनैना धीरज घारू व समाज के वरिष्ठ और युवा
साथियों सहित माताओ बहनो कि उपस्थिति रही।
बड़े भाई साहाब और पंच परमेष्वर की दी गई प्रस्तुति
दमोह।
नगर के मानस भवन सभागार में संस्कृति मंत्रालय भोपाल के सहयोग से युवा
नाट्य मंच दमोह द्वारा आयोजित किए जा रहे 20 वे राष्ट्रीय नाट्य समरोह के
दूसरे दिन प्रसिद्ध साहित्यकार, लेखक और जनमानस के अपने लेखक कहे जाने बाले
मुंषी प्रेमचंद द्वारा रचित दो नाटकों की प्रस्तुति दी गई। नाटकों में
वर्षो पूर्व मुंशी प्रेमचंद द्वारा उल्लेखित सामाजिक और नैतिक मूल्यों के
साथ व्यवस्थाओं पर की गई टिप्पणियां आज भी प्रसंगिक नजर आती है और नाटकों
के कलाकारों ने अपने अभिनय से इसे प्रभावी तरीके से जनमानस तक पहुंचाने
में सफल भी रहे है। वहीं नाटक के दौरान संस्था के वरिष्ठ सदस्य रहे
लक्ष्मीकांत तिवारी व सागर जिले के वरिष्ठ रंगकर्मी आशीष श्रीवास्तव को
भी श्रृद्धांजलि ज्ञापित की गई।
षिक्षा और सामजिक दबाव को दिखाता नाटक बडे भाईसाहब.. समारोह
के दूसरे दिन प्रथम प्रस्तुति नाटक बड़े भाई साहब की हुई। कहानी मुंशी
प्रेमचंद द्वारा लिखित इस नाटक में बड़ा भाई जो कि बहुत पढ़ाई करता है, दिन
रात मेहनत करता है, खेलने कूदने भी नहीं जाता वो लगातार फेल होता जाता है।
इसके विपरीत छोटा भाई जिसका मन पढ़ाई में नहीं लगता वो पहले नंबर से पास
होता है। बड़ा भाई जो कि उम्र में कुछ ही बड़ा है उसे ये लगातार ध्यान रखना
पड़ता है कि वो बड़ा है तो उसे समाज, स्कूल और परिवार में वो हर ऊँचे मूल्य
स्थापित करने हैं जो उसे बालपन में खुद भी अच्छे से पता नहीं चले हैं। ऐसे
में इस नाटक से यह कहानी कहीं न कहीं हमारी शिक्षा प्रणाली पर एक बड़ा
प्रष्न नजर आता है।
नाटक के निर्देषक संतोष तिवारी यह जानते थे कि कहानी
जनमानस द्वारा देखी और सुनी गई है इसलिए निर्दषक के रूप में नयापन देने का
प्रयास किया है और उसमें सफल भी रहे है। अभिनय पक्ष काफी अच्छा है और
कलाकार दर्षकों को एक नयापन देते है। बड़े भाई साहब की भूमिका में रवींद्र
दुबे ‘‘कक्का’, छोटे भाई की भूमिका में संदीप दीक्षित ने किरदार को आत्मसात
किया है। हेड मास्टर सुमीत दुबे, शिक्षिक आयुषी चैरसिया, छात्र बनी ज्योति
रायकवार, अमजद खान, अश्विनी साहू, देवेन्द्र सूर्यवंशी,दीपांश
सेन,प्रियांश सेन ने अपने पात्रों के साथ न्याय किया है। मंच प्रबंधन में
डॉ. अतुल श्रीवास्तव और प्रकाष संयेाजन में संदीप बोहरे और कपिल नाहर का
कार्य काफी उम्दा है। अभिषेक दुबे ने संगीत में देषकाल का ध्यान रखा है।
राजीव जाट,सतीश साहू, सतीश साहू का सहयोग रहा है।
कर्णप्रिय संगीत के साथ अभिनय की धार दिखाता पंच परमेष्वर.. दूसरी
प्रस्तुति युवा नाट्य मंच द्वारा नाटक पंच परमेष्वर की दी गई। यह नाटक में
न्याय की आत्मा और उसे आत्मसात करने बाले लोगों की कहानी को बताती है। कथा
सम्राट मुंशी प्रेमचंद की यह कहानी पंच और उसके न्याय की विशेषता को
प्रदर्शित करती है। अलगू चैधरी और जुम्मन शेख नाम के दो दोस्त थे वे दोनों
एक साथ रहते और सांझे में खेती किया करते थे। उनके बीच में किसी प्रकार का
कोई विवाद नही था। जुम्मन शेख अपनी खाला की जमीन झांसा देकर अपने नाम कर
लेता है और उनसे झूठा वादा करता है कि वह उनकी देखभाल करेगा और अच्छा-अच्छा
खाने देगा बाद में जुम्मन शेख और उसकी पत्नी खाला के साथ बुरा व्यवहार
करती है और खाना तक नही देती है । यह बात खाला को नागवार गुजरती है और वह
यह मामला पंचायत में ले जाती है। पंचायत में अलगू चैधरी के लिए इस पर फैसला
सुनाने के लिए पंच अख्तियात किया जाता है और वह आत्मा की आवाज और सच्चाई
पर चलते हुए जुम्मन शेख के खिलाफ फैसला देता है और खाला को न्याय दिलवाता
है।
इस बात को लेकर जुम्मन शेख के मन में अलगू चैधरी के प्रति वैमनस्यता आ
जाती है और वह उससे बदला लेने के बारे में सोचने लगता है। अलगू चैधरी
गांव के मेले से एक बैल खरीदता है ।समझू साहू नामक एक व्यक्ति जो कि
व्यापारी है वह बैल अलगू चैधरी से यह कहकर उधार ले लेता है कि वह उसे एक
माह में वापस लौटा देगा। समझू साहू बैल से अत्यधिक काम करवाता है और अंततः
बैल मर जाता है। जब अलगू चैधरी अपना बैल लेने समझू साहू के घर जाता है तो
समझूू साहू उस पर ही आरोप लगा देता है कि उसने अच्छा बैल नही दिया था यह
मामला पंचायत में पहुंचता है और उस पंचायत का पंच जुम्मन शेख बनाया जाता
है। जुम्मन शेख सोचता है कि अलगू चैधरी से बदला लेने का यह सुनहरा अवसर है
उधर अलगू चैधरी भी समझ जाता है कि जो फैसला उसने जुम्मन शेख के खिलाफ किया
था आज वह उसका बदला अवश्य लेगा। लेकिन जब जुम्मन शेख पंच के पद पर बैठता
है तो उसके मन के भाव बदल जाते हैं और वह अलगू चैधरी के पक्ष में और समझू
साहू के खिलाफ में फैसला सुनाता हैं। यही पंच और न्याय की जीत होती
है।मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित यह नाटक अपने आप में तत्कालीन कई सामाजिक
परिस्थितियों को समेटता है। यह नाटक यह दर्शाता है कि जो भी व्यक्ति न्याय
की कुर्सी पर बैठता है वह सर्वोपरि होता है और हमेशा न्याय ही करता है।
कहानी
के अभिनय और निर्देशकीय पक्ष की बात करें तो यह कहानी जनमानस के बीच हमेशा
से सुनी और पढ़ी जाने के बाद भी नाटक एक नयापन लेकर आता है। निर्देषक राजीव
अयाची ने कुछ परिवर्तनों के साथ नाटक में हास्य पक्ष भी जोड़ा है जो
दर्शकों को लुभाता है। वहीं संगीत पक्ष इस नाटक की आत्मा है और संगीतकार
मंच पर ही नाटक को साथ लेकर चलते है। देशी और कर्णप्रिय संगीत संयोजन
देवेश श्राीवास्तव, राजेश खरे और लक्ष्मी शंकर सिंह रघुवंशी,का है।कलाकारों
में जुम्मन शेख बने पंकज चतुर्वेदी, खाला बनी दीक्षा सेन,करीमन शिवानी
बाल्मिक, अलगू चैधरी हरिओम खरे, समझू साहू राजेश श्राीवास्तव ने किरदार को
आत्मसात किया है। इसके अलावा पंच व ग्रामीणों की भूमिका में वरिष्ठ
रंगकर्मी अनिल खरे, संजय खरे, ब्रजेन्द्र राठौर ग्रामीणों के बीच होने बाले
चुटीले संवादो और आपसी प्रेम भरी नोकझोक भी अपने अभिनय में दिखाते है।
इसके अलावा नयन खरे ,देवांश सिंह राजपूत, अनुनय श्राीवास्तव, अनुभव
श्राीवास्तव, पारस गर्ग, एहकाम खान, देवेश श्रीवास्तव मंच पर कई संगीत और
अभिनय दोनो भूमिकाओं को संभालते नजर आते है। रूपसज्जा और मंचीय व्यवस्था
में राजबहादुर अग्रवाल, वैभव नायक, अमृता जैन का सहयोग रहा।
आज नट रंगभूमि की हास्य नाटक की प्रस्तुति..समारोह
की तीसरे दिन आज शुक्रवार को नट रंगभूमि थियेटर मुम्बई महाराष्ट्र द्वारा
हास्य नाटक मटन मसाला चिली चिकिन की प्रस्तुति दी जाएगी। पारिवारिक रिष्तों
और सास बहु की आपसी नोकझोक पर आधारित यह एक हास्य नाटक है। नाटक का मंचन
सभागार में शाम 7 बजे किया जाएगा।
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